क्‍या भगवान श्रीराम ने की थी नवरात्रि की शुरूआत ?

डा. जे.के.गर्ग
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नवरात्रि का पर्व विनाशकारी ,तामसी ,अनिष्टकारी, अधार्मिक एवं अमानवीय प्रव्रत्तियों पर सात्विकता, कल्याणकारी प्रव्रत्तियों, मानवीयता, धर्म एवं सत्य की विजय का पर्व है | नवरात्रा का पर् साल में दो बार यानि चैत्र और आश्विन माह में मनाया जाता है, हालाँकि चैत्र माह में मनाई जाने वाली नवरात्रि को प्रमुख माना जाता है। सर्वप्रथम दुर्गा पूजा किसने और कब शुरू की इसके बारे में प्रमाणिकता के साथ तो कुछ कहा नहीं जा सकता है किन्तु पौराणिक कथाओं के एवं किवंदंतियो के अनुसार कहा जाता है कि अश्विन महीने में मनाई जाने वाली नवरात्रि पूजा का शुभारम्भ प्रभु श्रीराम ने रावण से युद्ध करते वक्त ही किया था । कहते हैं कि प्रभु श्रीराम ने युद्ध में रावण से विजय प्राप्त करने और माता सीता को रावण से मुक्त करवाने हेतु देवी दुर्गा की पूजा-आराधना की थी | यह भी कहा जाता है कि श्रीराम ने देवी दुर्गा को 108 कमल के फूलों को अर्पित किया था एवं देवी दुर्गा को प्रसन्न करने हेतु 108 दीपकों को भी जलाया था । इस पूजा दोरान एक दानव ने पूजा के 108 फूलों में से एक फूल को चुरा लिया था जिससे श्रीराम चिंतित हो गये एवं उन्होंने पूजा पूर्ण करने हेतु उस दानव की एक आँख को कमल के फूल के स्थान पर देवी दुर्गा को चढ़ाने का विचार किया। किन्तु दानव की आँख को चढ़ाने के पूर्व ही वहां देवी दुर्गा स्वयं ही प्रकट हो गई और उन्‍होने भगवान राम को युद्ध में विजय का वरदान दिया। नवरात्रि के नवें दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध कर सीता माँ को रावण से मुक्त करा लिया था कहा जाता है कि तभी से आश्विन माह की नवरात्रि पूजा शुरू हुई।
डा. जे.के.गर्ग
सन्दर्भ— मेरी डायरी के पन्ने, विभिन्न पत्रिकाएँ, भारत ज्ञान कोष, संतों के प्रवचन,जनसरोकार, आदि
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