जानिये उन जगहों को जहाँ माता लक्ष्मी निवास करना पसंद करती है—पार्ट2

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
याद रखे सच्चा सुख केवल सत्य से ही मिलता है, यह भी संभव है की इस प्रक्रिया मे आपको दुःख का भी सामना करना पड़े | यह भी सत्य है कि जहां पर बुद्धीजीवी का अपमान होता है उस स्थान पर लक्ष्मीजी निवास नहीं करती है | माता लक्ष्मी वहीं निवास करती है जहाँ गरीबों की मदद करने ओर उनकी सेवा करने की भावना होती है, जहाँ मूर्खो और पाखंडीयों को सम्मानित नहीं किया जाता है, जहाँ लोगों जरुरतबंध स्त्री-पुरूषों को कभी खाली हाथ नहीँ लोटाया जाता है,जहाँ बच्चों को भगवान के तुल्य मान कर उन्हें प्यार दिया जाता है, जहां पारिवरिक-क्लेश नहीं होते है और जहाँ पति-पत्नी दो शरीर एवं एक आत्मा के रूप मै रहते हैं | निसंदेह लक्ष्मीजी वहां कभी नहीं जाती जहां पर गंदगी होगी ओर लोग आलसी-कामचोर, घमंडी, क्रोधी होंगे एवं जहाँ पर महिलाओं-बच्चो का सम्मान नहीं होगा | माँ लक्ष्मी उनसे भी नाराज होती हैं जो शंकालु, परिवर्तन से डरने वाले, डर मै ही जीने वाले, डरपोक एवं जो सिर्फ अपने लिए ही धन इकट्टा करने वाले होते हैं |
पुनस्च—धर्म शास्त्रों में उल्लेखित मान्यतायें निर्विवाद और सही हे, किन्तु आज के माहोल को देख आत्मा स्वयं से सवाल करती है और तर्क वितर्क भी करती है “क्यों माता लक्ष्मी आज धन -सम्पदा से ईमानदारों,बुद्धीजीवीयों,सत्यवादीयों और कानून में विश्वास रखने वालों के बजाय भष्ट्राचार मे लिप्त, सजायाप्ता स्त्री-पुरुष, जनसाधारण का शोषण करने वाले लोगों को उपक्रत करती दिखाई दे रही है, क्यों समाज के कंटक, गुंडे लोग ऐशोआराम की जिन्दगी जी रहें हैं ? क्यों बुद्धीजीवीयों को अनपढ़ों के आदेश मानने पड़ रहे हैं ? क्यों सत्यवादी आदमीयों के लिये अपनी न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने के लिये भी संघर्ष करना पड़ रहा है ? क्यों जुमलेवाज लोगों को मूर्ख बना कर अपना हित साध पाने में सफल हो रहे हें ? सच्चाई तो यही है कि परमात्मा के न्याय में देरी तो हो सकती है किन्तु देर सबेर न्याय जरुर मिलता है |

डा.जे.के.गर्ग

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