जन जन की दुलारी – इन्दिरा गाँधी Part 1

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के रूप में इंदिराजी ने अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता से ‘विश्वराजनीति’ के इतिहास में अपना नाम सदा के लिये स्वर्ण अक्षरों से अंकित कर दिया । भूतपूर्व राजाओं के प्रिवी-पर्स खत्म करने और बैंकों के राष्ट्रीयकरण जैसे कदमों इंदिराजी ने अकल्पनीय दृढ़ता दिखाई थी। इंदिराजी थीं तो नेहरूजी की बेटी, लेकिन उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के गुण भी आत्मसात किए थे।
जब सिक्किम के छोग्याल ने आंखें तरेरीं तो इंदिराजी ने सिक्किम का भी भारत में विलय कर लिया। 1971में पूर्वी पाकिस्तान की जनता ने गृहयुद्ध शुरू कर दिया। पाक से परेशान 10 लाख शरणार्थी भारत गए। भारतीय सेना के आगे पाक सेना के 93000 सैनिकों आत्मसमर्पण किया। पाकिस्तान का विभाजन होकर बंगला देश का जन्म हुआ पाकिस्तान के साथ शिमला समझोता हुआ जिससे दशकों तक कश्मीर में शांती बनी रही | जरा सोचिए कि इंदिराजी की जगह अगर कोई अन्य प्रधानमंत्री होता तो क्या बांग्लादेश बन सकता था ? 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के टुकड़े करने के बाद उनके घोर विरोधी भी उन्हें साक्षात् दुर्गा कहने लगे । यदि 1947-48 में नेहरू की जगह इंदिराजी प्रधानमंत्री होतीं तो क्या होता? पहले तो डर के मारे पाकिस्तान कश्मीर को कब्जाने की कोशिश ही नहीं करता और यदि करता तो शायद अपने पंजाब की भी कुछ जमीन खो देता। 1974में इंदिरा ने भारत का पहला परमाणु परीक्षण किया। भारत को छठा परमाणु शक्ति वाला देश बना दिया । परमाणु परीक्षण किया तो आयरन लेडी बन गईं। इंग्लेंड की प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ने कहा कि “मैंने उनमें एक स्टेट्समैन की खूबियां देखी थीं। वह अपने मुल्क को लेकर बेहद जुनूनी थीं, हमेशा उत्साहित रहती थीं और बहुत यथार्थवादी थीं। जब 1975 में इलाहबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा का निर्वाचन अवैध ठहरा दिया। विपक्ष ने उनके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किये, इंदिराजी ने आंतरिक आपातकाल लगा दिया और सैकड़ों विपक्ष के नेता जेल में डाल दिये गये, तीर्व जन आक्रोश से उन्हें 1977 में पराजय का मुहं देखना पड़ा | संघर्षशील इंदिराजी ने आपातकाल के लिये जनता से खुल्ले दिल से माफी मांगी और 1980 में पुनः प्रधानमंत्री बनी | 1984 में ख़ुफ़ियाएजेंसियों ने आशंका प्रकट की थी कि इंदिरा गांधी पर हमला हो सकता है, इसलिए उनके सभी सिख गार्ड्स को हटाया जाए। लेकिन जब ये फ़ाइल इंदिरा के पास पहुंची तो उन्होंने उस पर लिखा, Are We Not Secularl? और आदेश दिया कि कोई भी सिख उनके सुरक्षा गार्ड्स से नहीं हटाये जायें | 1984 में सेना ने स्वर्ण मंदिर को आतंकियों से छुड़ाने के लिए ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया था। वह बड़ी हिम्मत का काम था। वही उनके बलिदान का कारण बना। इंदिरा गाँधी लगातार तीन बार यानि 1966 से 1977 और फिर चौथी बार 1980 से 31 दिसम्बर 84 तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं ।
प्रस्तुत कर्ता—–डा.जे.के.गर्ग
सन्दर्भ— केपी माथुर की किताब,वेदप्रताप वैद्यी का लेख, विभिन्न पत्र-पत्रिकायें,मेरी डायरी के पन्ने आदि |

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