जानिये नवीन वर्ष 2018 में जीवन में खुशियाँ लाने का राज Part 3

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
सुखमय जीवन जीने के लिये अपना लक्ष्य निर्धारित करें, उद्देश्यहीन जीवन नहीं जिए | ईर्ष्यालु नहीं बने,दूसरों की सफलता पर खुश हों, उन्हें बधाई दें | अपने ईगो को छोड़े, मै-मै की रट नही लगायें, वहीं अपने आपको नकारा और हिन् मानना छोड़े और अपने मन से कहें कि में मुझें सोपें गये सारे काम सफलतापूर्वक कर सकता हूँ | आराम तलब जिन्दगी नहीं जिए, कर्मशील बने |अपनी गलतियों को मानने में चूक नहीं करें क्योंकी आदमी को अपनी गलतीयों से जीवन का बड़ा सबक सीखने को मिलता है | दुसरों की गलतियों के लिये उन्हें माफ़ करें,फॉरगिव एन्ड फॉरगेट की निती को अपनायें | जीवन में घटित अवांचित दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को याद नहीं रक्खें, उन्हें भूल जायें |

याद रक्खें कि भावात्मक होकर लिये गये निर्णय कम ही सफल होते हैं इसीलिये चितन कर विवेक पूर्ण निर्णय लें |किसी से कोई अपेक्षा नहीं रक्खें और किसी की भी उपेक्षा भी नहीं करें | चिंतित नहीं रहें, और ना ही चिंता करें क्योंकिं “चिन्ता चिता से भी बुरी होती है,चिन्ता आपके जीवन के हर क्षण को दुखमय बना देगी, और सफलता के सारे दरवाजे भी बंद करदेगी |याद भी सही है कि चिन्ता आपके व्यकित्त्व को भी हानि पहुचायेगी, आप अपना आत्मविश्वास पूरी तरह से खो देगें, आप बीमारियों को निमन्त्रण देगें और अस्वस्थ रहगें | इसीलिये | चिंता करने के बजाय आत्मचिंतन करें |

Dr J.K Garg , Visit our blog—gargjugalvinod.blogspot.in

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