वार्ड पंचों को भी वेतन दे सरकार

वार्डपंच संघ ने पंचायतराज मंत्री को सौंपा ज्ञापन

demandअजमेर। वार्ड पंच पंचायत राज की प्रथम सीढ़ी है। सरकार उन्हें भी सरपंचों की तरह वेतन प्रदान करें। जिला वार्ड पंच संघ ने पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री सुरेंद्र गोयल को सौंपे ज्ञापन में इस आश्य की मांग रखी है।उन्होंने पंचायत राज मंत्री को सौंपे ज्ञापन में सरकार की ओर से मनरेगा में ग्राम पंचायत स्तर पर हो रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता की जांच, यूसी पर वार्ड पंचों के हस्ताक्षर के अधिकार को लेकर वार्डपंच संघ जिलाध्यक्ष आसिफ अली ने राज्य सरकार का आभार जताया । इस अधिकार के मिलने के बाद वार्ड पंच संघ में खुशी की लहर है। वार्ड पंच संघ ने सरकार को भरोसा दिलाया कि उन सभी कार्यों में वार्ड पंच शत-प्रतिशत सरकार की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। इसके साथ ही वार्ड पंच संघ ने पंचायत में अपनी मौजूदगी को मजबूत बनाने के लिए ज्ञापन मे राज्य सरकार के सामने कुछ ओर मांगे रखी। जिनमें ग्राम के प्रत्येक वार्ड में होने वाले विकास कार्यों की स्वीकृति पर वार्ड पंच के हस्ताक्षर अनिवार्य किए जाने, इस मांग का कारण बताते हुए कहा कि प्रत्येक बैठक में प्रत्येक वार्ड की समस्या से वहां का वार्ड पंच की सबसे ज्यादा परिचित रहता है। वही विकास कराने के लिए प्रस्ताव देता है। अमूमन वार्ड पंच के प्रस्ताव को औपचारिक रुप से रजिस्टर में इंद्राज कर दिया जाता है, परंतु वार्ड पंच का अत्यधिक हस्तक्षेप नहीं होने के कारण स्थानीय सरपंच अपने सगे-संबंधियों अपने समर्थकों आदि के क्षेत्र में विकास की ओर ध्यान देता है, जो प्रत्येक ग्राम की पंचायत की जनता के लिए अन्याय पूर्ण है,
दूसरी मांग प्रत्येक वार्ड पंच का मानदेय कम-से-कम प्रति माह 2000 रूपये किया जाए। इसका भी कारण बताते हुए वार्ड पंच संघ ने बताया कि वह भी सरपंच की तरह समाज सेवा के साथ अपने परिवार का भरण पोषण करता है। मात्र 200 रूपये प्रतिमाह की आवक से कई वार्ड पंच अपने कार्यों से विमुख हो जाते हैं, और दूसरे कार्य में व्यस्त हो जाते हैं।, सरपंच भी यही चाहते हैं कि वार्ड पंच औपचारिक बने रहे, यही वजह है कि अधिकांश पंचायतों के बाद में विकास की बजाय घोटाले निकलते हैं।

18 thoughts on “वार्ड पंचों को भी वेतन दे सरकार”

  1. वार्ड की समस्या सिर्फ पंच ही जानता है और ग्राम पंचायत में वार्ड की समस्या रखता है और सरपंच की तरह वह अभी मीटिंग में भाग लेता है और अपना कार्य छोड़कर ग्राम पंचायत की मीटिंग में भाग लेता है अध्यापक को भी वेतन मिलना चाहिए

  2. वार्ड की समस्या सिर्फ पंच ही जानता है और ग्राम पंचायत में वार्ड की समस्या रखता है और सरपंच की तरह वह अभी मीटिंग में भाग लेता है और अपना कार्य छोड़कर ग्राम पंचायत की मीटिंग में भाग लेता है पंच को भी वेतन मिलना चाहिए

  3. सर जी कोई कहता है ,वार्ड सदस्य या पंच की वेतन मिलना चाहिए ,कोई कहता है 2000 मिलना चाहिए ,अभी तात-काल बिहार सरकार की वेबसाइट पर वार्ड एवम पंच का वेतन 1000 रूपये है, लेकिन गोगरी में सरकारी बाबु कहते हे अभी तक लिखित चिठ्ठी नहीं आया है ?
    सुभाष कुमार वार्ड सदस्य ( ग्राम- पंचायत राज बिन्नी)

  4. सर जी कोई कहता है ,वार्ड सदस्य एवम पंच को वेतन मिलना चाहिए ,कोई कहता है 2000 मिलना चाहिए ,अभी फिलहाल बिहार सरकार की वेबसाइट पर वार्ड एवम पंच का वेतन 1000 रूपये है, लेकिन गोगरी में सरकारी बाबु कहते हे अभी तक लिखित चिठ्ठी नहीं आया है ?
    हमें लगता है ,कम से कम 5000 पांच हजार तो होना चाहिए ! सुभाष कुमार वार्ड 09 सदस्य ( ग्राम- पंचायत राज बिन्नी)

  5. वार्ड की समस्या सिर्फ पंच ही जानता है और ग्राम पंचायत में वार्ड की समस्या रखता है और सरपंच की तरह वह अभी मीटिंग में भाग लेता है और अपना कार्य छोड़कर ग्राम पंचायत की मीटिंग में भाग लेता है पंच को भी वेतन मिलना चाहिए. BDB.Mehra

  6. पंच की आवाज उठने के लिये पुरे राजस्थान मै पंच संघ बनना चाहिए उप सरपंच प्रेमचंद

  7. Sir please raj, sarka se aapil hai ki ham sabhi vardpanch chahate hai ki sarkar hame aadhikar paradan kare or hame 2000rup vetan diya jaye quki ham vardpancho ka matlab nahi ke baraber ! Manmani sarpanch karate hai

  8. मानदेय मिलना चहिये मे सबसे बड़ी पंचायत का वार्ड पंच हु कम सब सरपंच अपने आप करता हे मगर मानदेय के साथ अपने वार्ड का कोटा भी मिलना चाहिए हमारी पंचायत कुल 41 वार्ड लकिन चुनाव केबाद एक दो भी वार्ड पंच ग्राम पंचायत नज़र आते हे

  9. जब हम ग्राम पंचायत की पाक्षिक बैठक में जाते है हमारे वार्ड में हो रही समस्यओं को बैठक में कार्यवाही राजस्टिर में दर्ज कराते है उन समस्याओं के समाधान का असवासन दे दिया जाता है लेकिन हमारी समस्यओं को कार्यवाही रजिस्टर के अलावा और कहि स्थान नही मिलता , मेरा सुझाव है सरकार को जब भी हमारी वार्ड में कोई काम हो उसका पैसा पास करने में सम्बधित वार्ड पंच के हस्ताक्षर जरूरी हो ,
    एक सुझाव ये भी है कि कुछ वार्ड पंच ऐसे भी होते है जो चुन तो लिए जाते है लेकिन पाक्षिक बैठक में नही आते क्योकि जब भी बैठक में जाते है तो उनको अपने काम से छुट्टी करनी पड़ती है जिससे उसे दैनिक मजदूरी का नुकसान होता है एवं परिवार का खर्च चलाने के कठिनाई होती है मेरा सुझाव है कि सरकार द्वारा वार्ड पंचो को बैठक भत्तो के बजाय मासिक मानदेय निर्धारित करना चाहिए जिससे वार्ड पंच को दैनिक मजदूरी में कोई नुकसान भी नही हो जिससे वार्ड पंच जनभावना एव सेवाभाव से बैठक में आने लगे जनता एव वार्ड के लोगो की समस्यओं का समाधान करवा सके
    जय हिंद जय भारत
    जय जय राजस्थान

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