
कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती के अनुसार संगठन के अध्यक्ष विजय जैन ने मंगलवार को रेंज की पुलिस महानिरिक्षक मालीनी अग्रवाल से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा कर बताया कि शहर के विभिन्न थाना क्षेत्र में अवैध हुक्का बार खुलेआम संचालित किये जा रहें हैं। इन हुक्का बार पर नौजवान नस्ल नषे की आदि बनाया जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के संज्ञान मे है कि शहर में 25 हुक्का बार अवैध रूप से संचालित किये जा रहे है बावजूद इसके इस अनियमित्ता के खिलाफ कार्यवाही नही जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आईजी को बताया कि जब भी इन बार पर रेड की जाती है तो पुलिस इनका सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) के तहत चालान कर देती है जिसमें फाइन केवल दो सौ रुपए होता है। ऐसे हुक्काबार संचालक हमेशा कार्रवाई से बच जाते हैं। इन हुक्का बार संचालकों ने युवाओं और बच्चों को अपने जाल मे फांसने के लिये बाकायदा सोषल साईट वाट्स एप और फेसबुक पर प्रचार किया हुआ है। जहां यह नषे के नऐ प्रोडक्ट के बारे जानकारी देते है। जबकि इनके विरूद्ध धूम्रपान अधिनियम के सेक्शन-133 के तहत बैन करने के लिए जिला कलेक्टर से आदेष लेना चाहिये सेक्शन-133 के तहत इन्हें एक महीने के लिए सील कर दिया जाता है और महीना पूरा होने पर सीलिंग पीरियड को एक्सटेंड कर दिया जाता है।
पत्र मे श्रीमति अग्रवाल को बताया गया कि बीते दिनों अलवर गेट थाना अन्र्तगत एक व्यक्ति भीमराज के साथ पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्वक मारपीट पुलिस थाने मे तैनात पुलिस कर्मियों के जनता पर अत्याचार का जीता जागता प्रमाण है। मारपीट करने वाले थाने के सिपाही शराब के नषे मे चूर थे जिनका मेडिकल मुआयना भी नही करवाया गया। पुलिस द्वारा की गई बेरहमी से पिटाई करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी अपेक्षित है। थाना पुलिस ने भीमराज की रिर्पोट भी दर्ज नही की जबकि पुलिस के आलाधिकारी थाने पर मौजूद थे। जनता के काफी दबाव के बाद 9 बजे हुई घटना के बावजूद पिड़ित भीमराज का मेडिकल के लिये घटना के 5 घंटे बाद रात्री 2 बजे भेजा गया जो मेडिकल ज्युरिस्ट की अनुपस्थिती कारण नहीं हो पाया जिस कारण दुसरे दिन मेडिकल हो पाया तथा अभी तक मुकदमा दर्ज नही किया गया है जिससे पुलिस की मंषा पर सवालिया निषान लगता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आईजी को बताया कि जिला पुलिस ने अजमेर की जनता का भरोसा पूरी तरह तोड़ दिया है शहर की बदहाल कानून व्यवस्था इसका जीता जागता प्रमाण है। हालात यह है कि आम तौर पर शहर में रोजाना चोरी की औसतन तीन वारदात हो रही थी, लेकिन पुलिस के नाकारा रवैये तथा अपराधियों के दिल से पुलिस का डर निकल जाने से चोरों ने वारदात का ग्राफ अचानक बढ़ाकर पुलिस की चैकसी व्यवस्था को धराशायी कर दिया। चोर गिरोह नासिर्फ रात्री में बल्की दिन दहाड़ें लगातार वारदात कर पुलिस की चैकसी गश्त व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। सूने मकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और वाहन चोरी की वारदातों में लगातार इजाफा हो रहा है।