मनुष्य बडा बने तो पहचान संस्कारो से होना जरूरी – शर्मा

भारतीय सिन्धु सभा का वन भ्रमण पुष्कर में सम्पन्न

IMG-20170724-WA0370अजमेर-24 जुलाई- मनुष्य बडा बने तो संस्कार होना जरूरी है उसी से उसकी पहचान है। ऐसे विचार भारतीय सिन्धु सभा की ओर से शांतानन्द उदासीन आश्रम, पुष्कर में आयोजित वनभ्रमण कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख निरंजन शर्मा ने परिवार प्रबोधन विषय पर विचार रखते हुये प्रकट किये। उन्होने कहा कि परिवार में तीन पीढियां मिलकर रहती है जिससे सुरक्षा भाव व संस्कारों को आगे बढाने का कार्य होता है। कार्यक्रम में ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महंत स्वामी स्वरुपदास, गौतम सांई, शांतानन्द उदासीन आश्रम के महंत राममुनि, स्वामी महंत हनुमानराम, निर्मलधाम के स्वामी आत्मदास ने आर्शीवचन दिये। सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी, प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, संभाग प्रभारी नरेन्द्र बसराणी ने भी विचार प्रकट किये।
अध्यक्ष मोहन तुलस्याणी ने बताया कि झूलेलाल चालीहो अवसर पर इच्छापूर्ण झूलेलाल मन्दिर से बहिराणा साहब के कार्यक्रम में घनश्याम भगत मण्डली के साथ के.जे.ज्ञानी, मुस्कान कोटवाणी, ममता तुलस्यिाणी, ज्ञानी मोटवाणी,पुष्पा साधवाणी, प्रकाश जेठरा ने गीत प्रस्तुत किये। पूजा बाबा बाली व घनश्याम पारवाणी ने करवाई। कार्यक्रम में स्वागत भाषण आश्रम के सचिव कंवलप्रकाश किशनाणी व आभार मोहन कोटवाणी ने किया। संचालन महेश टेकचंदाणी ने किया।
आश्रम में शिव मंन्दिर पर सहस्त्रधारा, जलाभिषेक, श्रृंगार, दीपदान व महाआरती की गई। सभा के सभी पदाधिकारियों के परिवार के सदस्यों के द्वारा आपसी परिचय एवं बच्चों के खेलकूद का आयोजन भी किया गया।कार्यक्रम में शंकर सबनाणी, नेंवदराम बसरमलाणी, जी.डी. वृंदाणी, प्रकाश मूलचंदाणी, गुलाब चंदाणी, जयकिशन बदलाणी,रमेश वलीरमाणी, किशन केवलाणी, पुरषोतम जगवाणी, रमेश लखाणी, मनीष ग्वालाणी,जयकिशन हिरवाणी सहित सेवाधारी उपस्थित थे।
(महेश टेकचन्दाणी) महानगर मंत्री

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