देवनानी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में उठाया मुद्दाए जब लोकसभा परिसर और अयोध्या में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लग सकती है तो राजस्थान विधानसभा परिसर में क्यों नहीं
.देवनानी ने कहाए विधानसभा परिसर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगने से उनसे जनप्रतिनिधियों को भी मिलेगी प्रेरणा

देवनानी ने पत्र में कहा हैए राजस्थान के लोगों के लिए यह गौरव की बात है कि वर्ष 2007 में तत्कालीन लोकसभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के प्रयासों से संसद के द्वार 12 पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित की गई। रामनगरी अयोध्या में भी महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाना प्रस्तावित है। उन्होंने पत्र में सवाल उठाया है कि जब संसद और रामनगरी अयोध्या में प्रताप की प्रतिमा स्थापित की जा सकती है तो राजस्थान विधानसभा परिसर में क्यों नहीं लगाई जा सकती हैघ् उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के शौय और वीरगाथा को देखते हुए उनकी प्रतिमा जल्द से जल्द विधानसभा परिसर में स्थापित की जानी चाहिएए ताकि विधानसभा सदस्यों और यहां आने.जाने वालों को उनके पराक्रमी व साहसी इतिहास का बोध हो और उनसे प्रेरणा मिल सके।
देवनानी ने पत्र में कहा है कि महाराणा प्रताप की वीरताए पराक्रमए त्याग एवं शौर्य विश्वविख्यात है। राजस्थान प्रदेश का नाम आते ही देश ही नहींए परदेश में बैठे विदेशी शैलानियों तक को महाराणा प्रताप के शौर्य का स्मरण हो आता है। महाराणा प्रताप मेवाड़ के महाराणा ही नहीं थेए बल्कि एक कुशल राजाए योद्धाए पराक्रमी और युद्ध रणनीति में दक्ष थे। एक महाराणा प्रताप ही थेए जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी। महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की मुगलों से हर बार रक्षा ही नहीं कीए बल्कि मेवाड़ से मुगलों को खदेड़ा और हल्दी घाटी के युद्ध में अकबर को धूल चटाई।
देवनानी ने कहा कि महाराणा प्रताप के शौर्य एवं पराक्रम आने वाली पीढि़यां सदा प्रेरणा लेती रहंेगी। प्रदेश की जनता एवं जनप्रतिनिधियों को भी महाराणा प्रताप की देशभक्ति सदा स्मरण रहेए इस उद्देश्य को ध्यान रखते हुए विधानसभा परिसर में उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित करने की महत्ती आवश्यकता है।
कांग्रेस सरकार की सरपरस्ती में चल रहा है बिजली घोटालाए जनता पर थोपा जा रहा है आर्थिक बोझ.देवनानी
.देवनानी ने उठाए सवालए महंगे दामों पर बिजली खरीदने का निर्णय क्यों लिया
.कंपनियों से 25 साल का लम्बा अनुबंध करने की क्या जरूरत थी
.सरकार तत्काल अनुबंध खत्म कर अन्य कंपनियों से खरीदे सस्ती बिजली
अजमेरए 8 जुलाई। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि कांग्रेस की सरपरस्ती में बिजली खरीद में फिक्स चार्ज के नाम पर घोटाला चल रहा हैए लेकिन सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय आए महीने बिजली की दरों पर बढ़ोतरी कर जनता पर आर्थिक बोझ थोप रही है।
देवनानी ने गुरूवार को जारी बयान में कहाए साढ़े 11 हजार करोड़ रूपए का घोटाला यह साबित करता है कि कतिपय बिजली कंपनियों और भ्रष्टाचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार महंगी दर पर बिजली खरीदती रही है। अव्वल तो सरकार को किसी भी कंपनी से बिजली खरीदने के लिए 25 साल का लम्बा अनुबंध करना ही नहीं चाहिए। जब बिजली खरीदने के लिए प्रक्रिया अपनाई गईए तो कंपनियों के साथ नेगोसिएशन कर दरें कम कराई जानी चाहिए थीए जो नहीं कराई गई। यदि दरें कम कराई जातींए तो भ्रष्टाचारियों की जेबें कैसे भरतीं।
देवनानी ने कहा कि जो बिजली आसानी से 3 रूपए 50 पैसे प्रति यूनिट आसानी से मिल सकती हैए वह 12 रूपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी जा रही है। इसका सीधा आर्थिक भार उपभोक्ताओं पर थोपा जा रहा है। यही कारण है कि उपभोक्ताओं को हर महीने भारी राशि के बिजली बिल मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं पर आर्थिक भार डालने वाले अनुबंध को तत्काल समाप्त कर सरकार को अन्य कंपनियों से सस्ती बिजली खरीदने के लिए कार्यवाही शुरू करनी चाहिए।
देवनानी ने इस बात को हास्यास्पद बताया कि जिन कंपनियों से बिजली खरीदी जा रही हैए उन्हें बिजली की दरों से कहीं ज्यादा तो फिक्स चार्ज देने पड़े रहे हैं। इतने लम्बे समय से घोटाले का यह खेल चल रहा हैए क्या सरकार को इसकी जानकारी नहीं होए ऐसा हो नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले से यही साबित होती है कि पूरी कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। जब सरकार ही भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैए तो अन्य भ्रष्टाचारियों पर कैसे कार्यवाही करेगी। इसलिए सरकार को भ्रष्टाचार समाप्त करने की शुरूआत पहले खुद से करनी चाहिए।