
शिष्टमंडल ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को इन मांगों के संबंध में ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि उत्त्तर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड संख्या 7, 8, 9, 62, 63, 66, 72, 73 व 74 में मुख्यतः आबादी पहाड़ी क्षेत्रां पर बसी है। इन क्षेत्रों में पिछले लगभग 30-40 वर्षों से आबादी बसी हुई है। इन क्षेत्रो में प्रशासन की तरफ सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन वन विभाग के सीमांकन के अभाव में जनता को पट्टे नहीं मिल रहे हैं। इसलिए पहले वन विभाग के सीमांकन से जनता को अवगत कराया जाए, जिससे वन विभाग की सीमा से बाहर निवास कर रहे लोगों को इन शिविरां में पट्टे मिल सकें।
ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्व तैयारी शिविरो में वर्ष 2004 की सर्वे सूची को आधार बनाकर पट्टा वितरण की तैयारी की जा रही है, जबकि विगत 17 वर्षों में कच्ची बस्ती में नए मकान एवं एवं आबादी का विस्तार हुआ है। इसलिए नए सिरे से पुनः सर्वे कराकर उनके आधार पर पट्टा वितरण कार्यवाही की जाए। वार्ड 71 वन विहार कॉलोनी एवं मांगी लाल साहू का कुआं क्षेत्र में 40 -45 वर्षों से जनता निवास कर रही है एवं निजी खातेदारी की जमीन पर कॉलोनी बसी हुई है। सभी मूलभूत सुविधाएं भी प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में जमीन की किस्म (आबी) मानते हुए वहां पट्टे वितरण का कार्य नहीं हो पा रहा है। जबकि एडीए व हाउसिंग बोर्ड द्वारा उनके समीपवर्ती क्षेत्र में योजना क्षेत्र घोषित कर भू-खण्ड बेचे गए हैं। इसलिए इन कॉलोनियों की जमीन की किस्त को परिवर्तित कर पट्टे दिए जाने चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्व तैयारी शिविरों में पट्टों के आवश्यक दस्तावेजों में जनता खसरा नम्बर मांगे जा रहे हैं। अधिकांश जनता को स्वयं के खसरे नम्बर की जानकारी नहीं है। इसलिए प्रशासन अपने स्तर पर खसरा नम्बर की जानकारी जुटाकर जनता को उपलब्ध कराए। नगर निगम सीमा के अधीन सभी नोटिफाइड कच्ची बस्तियों को नगर निगम को हस्तान्तरित किया जाए, जिससे नगर निगम एवं एडीए की नोटिफाइड कच्ची बस्तियों की जानकारी के अभाव में भटक रही जनता को राहत मिल सके। पूर्व तैयारी शिविर में नियुक्त किए गए नगर मित्रों की जानकारी नाम, दूरभाष नम्बर सहित सार्वजनिक रूप से प्रकाशित की जाए उनका शुल्क निर्धारित किया जाए, जिससे जनता अवांछित ठगी का शिकार नहीं हो।
शिष्टमंडल ने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पट्टा वितरण की कार्यवाही का सरलीकरण किया जाए, जिससे कच्ची बस्ती क्षेत्र और कम पढ़ी-लिखी जनता भी अभियान का लाभ उठा सके। ज्ञापन में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र हाथीखेड़ा, बोराज, काजीपुरा, अजयसर, खरेकडी, माकडवाली, लोहागल में लंबे समय से आबादी विस्तार कार्य नहीं हुआ है, जिससे गांव में आबादी क्षेत्र से बाहर रहने वालां का नियमितीकरण नहीं हो पा रहा है। इसलिए इन क्षेत्रों में आबादी विस्तार का पुनर्निर्धारण कर क्षेत्र के सभी ग्रामवासियों को पट्टे दिलवाए जाएं। इसी प्रकार फॉयसागर रोड पर निजी खातेदारों द्वारा कृषि भूमि पर कॉलोनियां काटी गई हैं। जगदम्बा कॉलोनी, पंकज नगर, स्वास्तिक नगर, नवकार नगर, राज कॉलोनी, गणपति नगर, रावतनगर, गोटा कॉलोनी, अरावली नगर व अन्य विभिन्न कॉलोनियों में जनता मकान बना कर निवास कर रही है। वर्तमान में सरकार की मंशा केवल जमीन की किस्म (आबादी) होने पर ही पट्टा देने की है, इसलिए इन कॉलोनियों को भी आबादी क्षेत्र में परिवर्तित कर पट्टे दिए जाने चाहिए। वार्ड 63 में प्रताप नगर, जेलर गली, पीलीखान, खुर्रे वाली गली, गुर्जर बस्ती पहाड़ी क्षेत्र, शास्त्री नगर चुंगी से लोहाखन मेन रोड आदि में 1600 से 1800 मकान बने हुए हैं। इनमें से कुछ लोगों के पास पुराने पट्टे भी हैं। बाकी लोग पट्टां से वंचित हैं। इन कॉलोनियां की बसावट 40 वर्षों से अधिक पुरानी है। यहां अधिकतर साधारण व अल्प आय वर्ग के लोग रहते हैं। लोगां को भी पट्टे दिए जाएं।
ज्ञापन में एडीए व नगर निगम द्वारा जो कॉलोनियों का हस्तांतरण सात दिन में निपटाने और पट्टे व नियमन की कार्यवाही निर्धारित अवधि में पूरी करने की मांग की गई है। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक, महापौर व पार्षदां को भी इस कार्य में जोड़ने व उनकी सलाह लेने की मांग भी की गई है। शिष्टमंडल में देवनानी के अतिरिक्त डिप्टी मेयर नीरज जैन, पार्षद रमेश सोनी, राजेंद्र राठौड़, सुभाष जाटव, मनोज मामनानी, रूबी जैन, गंगाराम सैनी आदि शामिल रहे।