मन वचन काय को वश में रखना संयम है और संयम सभी धर्मों की आधारशिला है

केकड़ी 5 सितंबर (पवन राठी)संयम का जीवन में बहुत ऊंचा स्थान है। समस्त पाप क्रियाओं से नीरअक्त रहना संयम है, संयम सभी धर्मों का आधारशिला है। संयम का पालन आध्यात्मिक कोण का संवर्धन है। जैसे सुरक्षित धन संकट के समय काम आता है वैसे ही समय मनुष्य जीवन की प्रगति में सदैव सहायता करता है।
घंटाघर स्थित श्री आदिनाथ मंदिर में रेशु दीदी ने अपने प्रवचन के दौरान शास्त्र सभा में कहे। पंडित अंकित शास्त्री, दीपा दीदी एवं रेशु दीदी के निर्देशन में सुमधुर संगीत के साथ “श्री त्रैलोक्य महामंडल विधान श्रीफल सहित अर्घ्य चढ़ाए गए।
प्रातः जिन अभिषेक, शांतिधारा, नित्य पूजन एवं शाम को आरती भक्ति संगीत, शास्त्र सभा, प्रश्नोत्तरी एवं आदिनाथ संस्कार केंद्र पाठशाला के नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा शानदार सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति की गई।
बौहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ मंदिर में पंडित कमल शास्त्री सांगानेर के निर्देशन में सुमधुर संगीत के साथ श्री दशलक्षण महामंडल विधान एवं श्री तीस चौबीसी महामंडल विधान के श्रीफल सहित अर्घ्य समर्पित किए गए। इससे पूर्व प्रातः जिन अभिषेक शांतिधारा एवं दैनिक नित्य पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। संयोजिका चंद्रकला जैन ने बताया शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत समाज के नन्हे बालक बालिकाओं ने सुंदर झांकी बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें नेमी की बारात, कमठ का उपसर्ग ,नरक के दुख ,ऐसी थी चंदनबाला झांकियों का जीवंत प्रदर्शन किया गया । शाम को सभी जैन धर्मावलंबियों द्वारा सभी मंदिरों में सुगंध दशमी के अवसर पर अष्ट कर्म दहन रूपी धूप समर्पित किए गए। इसके पश्चात आरती भक्ति संगीत शास्त्र प्रवचन एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम हुआ।

error: Content is protected !!