बजट में व्यावसायिक शिक्षकों का स्थायी समाधान करे राज्य सरकार

अजमेर: राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने आगामी बजट में शिक्षा एवं शिक्षकों से जुड़े प्रस्तावो को शामिल करने की मांग करी है।
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शक्ति सिंह गौड़ ने आगामी बजट में व्यावसायिक शिक्षा को ठेका प्रथा से मुक्त कर उचित व्यवस्था की मांग उठाई जिससे विधार्थियो का अहित नहीं हो एवं व्यावसायिक शिक्षक बेरोजगार न हों। वर्तमान सत्र में राजस्थान के लगभग आधे विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षको को हटा दिया गया है।
प्रदेश उपाध्यक्ष भगवंत डांगी ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा टेंडर प्रक्रिया के कारण शिक्षकों को हटा दिया जाता है एवं नए टेंडर होने तक विधार्थियो को शिक्षा का लाभ नहीं मिल पाता है कई व्यवसायों में विगत वर्ष में टेंडर नहीं हो पाए हैं जिससे विधार्थियो को नुकसान हो रहा है जो कि गंभीर मामला है सरकार को इस विषय पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए नहीं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इसके अलावा उप प्राचार्य पदस्थापन काउंसलिंग प्रक्रिया को व्यावहारिक बनाने,वेतन विसंगतियों को दूर करने, खेमराज कमेठी की लाभकारी सिफारिशों को लागू करना, पारदर्शी शिक्षक स्थानांतरण नीति, सहायक कर्मचारियों की भर्ती , शिक्षा विभाग में ठेका प्रथा समाप्त करने , निदेशालय स्तर पर लंबित प्रकरण का समाधान करने, बकाया एसीपी सहीत अन्य मांगे शिक्षक संघ सियाराम ने उठाई।
जिला प्रवक्ता आर एन रावत ने बताया की शिक्षा परिषद करोड़ों रुपए व्यावसायिक विद्यालयों में लैब पर खर्च कर विधार्थीयों को प्रशिक्षण दिया जाता है, विधार्थियो पर प्रति वर्ष लाखो रुपए विभिन्न कौशल गतिविधियों पर खर्च किए जाते हैं परंतु टेंडर प्रक्रिया के कारण विधार्थियो के प्रशिक्षण में व्यवधान पड़ जाता हैं। सरकार को व्यावसायिक शिक्षा हेतु हरियाणा मॉडल जैसी स्थायी नीति बनानी चाहिए जिससे विधार्थियो का रुझान रोजगार स्वरोजगार की तरफ बढ़ सके।

error: Content is protected !!