खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास पर हुई चर्चा
अजमेर, 15 अक्टूबर। डिस्ट्रीक्ट मिनरल फाउन्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) गवर्निंग काउंसिल की बैठक बुधवार को रीट सभागार में आयोजित हुई। इसमें विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी, केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री भागीरथ चौधरी एवं जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार की संकल्पबद्धता पर प्रकाश डाला। बैठक की अध्यक्षता जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने की।
जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने कहा कि सभी स्वीकृत कार्यों को जनहित, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूर्व में स्वीकृत शेष कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र 15 दिवस के भीतर प्रस्तुत करें एवं निरस्त कार्यों के कारणों की जानकारी भी दें। उन्होंने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में डीएमएफटी फंड के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी विकास कार्यों पर नियमानुसार व्यय किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जो सीधे या परोक्ष रूप से खनन से प्रभावित हैं। इससे इन क्षेत्रों में जीवन स्तर में ठोस सुधार हो सकेगा। बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा के उपरान्त विकास कार्यों का अनुमोदन किया गया। बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन, विद्यालयों में कक्षा कक्ष निर्माण एवं चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार पर प्राथमिकता के साथ कार्य किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण प्रभावित विद्यालयों की मरम्मत एवं शैक्षणिक संस्थानों तथा चिकित्सा केंद्रों से संबंधित कार्यों को बजट घोषणाओं में प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं का लाभ जनता तक समय पर पहुंचे, इसके लिए सभी विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि जिले के प्रत्येक क्षेत्र में संतुलित विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीएमएफटी फंड के उपयोग में पारदर्शिता और जनभागीदारी सुनिश्चित की जाए। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और रोजगार के अवसरों में वास्तविक सुधार दिखाई देगा।
जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश रावत ने कहा कि बजट घोषणा के अनुरूप चिकित्सा एवं शिक्षा से जुड़े कार्यों को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि डीएमएफटी फंड का सदुपयोग जिले के चिकित्सा एवं शैक्षणिक ढांचे को मजबूत बनाने में होना चाहिए। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
विधायक श्रीमती अनीता भदेल ने कहा कि पूर्व की बैठकों में स्वीकृत अनेक कार्य अभी भी अधूरे हैं। उन्होंने अजयनगर क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व विद्यालय सभागार निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने की आवश्यकता बताई। इससे जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
विधायक श्री शत्रुघ्न गौतम ने कहा कि स्वीकृत कार्यों में विलंब से जनता तक विकास के लाभ में देरी होती है। उन्होंने कहा कि जनहित के कार्यों के लिए डीएमएफटी के माध्यम से बजट उपलब्ध होने से क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी। खनन प्रभावित क्षेत्रों में अवसंरचनाओं में बढ़ोतरी होगी।
विधायक श्री रामस्वरूप लांबा ने कहा कि डीएमएफटी के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ठोस सुधार के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अधूरे कार्यों की नियमित समीक्षा कर जनहित के प्रोजेक्ट को गति दी जाए। विधायक श्री वीरेंद्र सिंह कानावत ने कहा कि डीएमएफटी फंड का प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में समान वितरण सुनिश्चित किया जाए। इससे ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में विकास का प्रभाव दिखेगा ।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राम प्रकाश ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत कार्यों की प्रगति से अवगत कराया। बैठक में 102 करोड़ रुपये के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सिंचाई, सड़क निर्माण, वन क्षेत्र के विस्तार तथा पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्य शामिल हैं।
बैठक में अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त श्रीमती नित्या के., नगर निगम आयुक्त श्री देशल दान, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री गजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं ज्योति ककवानी सहित जिला स्तरीय अधिकारी तथा विभागीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।