अजमेर दिनंाक 01.12.2025 को एलिवेटेड रोड रामसेतू ब्रिज के मामले मे सिविल न्यायाधीश पश्चिम श्री मनमोहन चन्देल की अदालत मे पूर्व विधायक डां. राजकुमार जयपाल व जितेश धनवानी एडवोकेट की ओर से प्रस्तुत याचिका मे सुनवाई के दौरान आर.एस.आर.डी.सी व स्मार्ट सिटी लिमिटेड अजमेर की ओर से जवाब प्रस्तुत किये गये वही दूसरी और बीमारी का हवाला देकर ब्रिज के ठेकेदार फर्म मैसर्स सिन्फोनिया एण्ड ग्राफिक्स प्रा.लि. की ओर से जवाब हेतु समय की मांग की गयी। प्रकरण मे आगामी सुनवाई दिनंाक 08.01.2026 को होगी।पूर्व लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि प्रकरण मे आर.एस.आर.डी.सी की ओर से प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजेन्द्र कुमार मीणा के हस्ताक्षर से जवाब दावा न्यायालय मे पेश किया गया जिसमे यह बताया गया कि एलिवेटेड रोड के निर्माण के लिए 243 करोड रूपये की लागत से निर्माण किया गया है और उक्त रामसेतू ब्रिज अजमेर शहर मे अतिवृष्टि होने के कारण रामसेतू की जो भुजा नसिया जी की ओर उतरती है उसकी मिटटी धसने से सडक क्षतिग्रस्त हुई जिस कारण उक्त भुजा पर आवागमन बंद कर दिया उक्त मिटटी के धसने की जांच करायी जाकर उक्त भुजा को पुनः सुदृढ करने का कार्य चल रहा है जवाब मे उनके द्वारा दिनंाक 03.7.2025 को अतिवृष्टि होने से पुल की नसिया जी की ओर भुजा मे जो ग्राउण्ड वर्क था उसकी मिटटी धसना बताते हुए तकनीकी समिति के निर्देशानुसार उक्त भुजा के निर्माण मे जो त्रुटि पायी गयी उसे मैसर्स सिन्फोनिया एण्ड ग्राफिक्स प्रा. लि. की रिक्स व कोस्ट पर निर्माण कार्य पुनः कराया जाना उल्लेखित किया है और यह भी उल्लेखित किया है कि शेष पुल मे किसी प्रकार की कोई क्षति नही है। इसके साथ ही प्रस्तुत जवाब मे समाचार पत्रो मे छपने वाले समाचारो का कोई आधार ही वर्णित नही किये जाने के कारण जवाब देना संभव नही होने का कारण उल्लेखित करते हुए निर्माण कार्य को सिविल इंजीनियरो की देखरेख मे कराया जाना, मापदण्डो के अनुसार व मानचित्र के अनुसार कराया जाना ओरवब्रिज के डेªेनेज सिस्टम पुख्ता होने व ड्रेनेज पाईपो की उचित व्यवस्था की हुई होने व सेफटी क्लीरेन्स होने पर ही पुल के यातायात को पुनः प्रांरभ करने की जानकारी उल्लेखित की गयी है वही दूसरी ओर स्मार्ट सिटी लि. की ओर से प्रेमशंकर अतिरिक्त मुख्य अभियंता द्वारा हस्ताक्षर कर जवाब न्यायालय मे दाखिल किया गया जिसमे उनके द्वारा यह उल्लेखित किया गया है कि उपरोक्त पुल के निर्माण के लिए 252 करोड रूपये की स्मार्ट सिटी के सक्षम स्तर से प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति दी गयी थी व ब्रिज बनाने का कार्य राजस्थान राज्य सडक विकास एवं निर्माण निगम लि. के द्वारा किया गया और उन्होने निर्माण मे घटिया सामग्री के निर्माण के कथनो को गलत बताया अपितु उक्त ब्रिज शहर की बढती हुई आबादी को सुविधा देने व आमजन की मांग पर ही उक्त ब्रिज का निर्माण कराने के कथनो का उल्लेख किया है साथ ही उन्होने ब्रिज मे किसी प्रकार की खामिया होने से स्पष्ट रूप से इंकार किया गया है। साथ ही ब्रिज की क्षतिग्रस्त भुजा के संबंध मे एम.एन.आई.टी की रिर्पोट के अनुसार क्षतिग्रस्त भुजा को पुनः शीघ्र चालू कराने के कथनो का उल्लेख किया है और उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब मे ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने को लेकर विभिन्न समाचार पत्रो, सोशल मीडिया, इलेक्ट्रोनिक मीडिया के ब्रिज के निर्माण को लेकर चर्चाए होना व निर्माण के सबंध मे घटिया सामग्री के उपयोग, भ्रष्टाचार व धंाधली होने के कथनो को गलत होना बताया है। और यह उल्लेख किया है कि एम.ओ.यू के तहत उक्त ब्रिज निर्माण के प्रोजेक्ट को पूर्ण होने के पश्चात पांच वर्ष तक उक्त निर्माण मे हुई कमियो को अपने खर्चे पर दुरूस्त कर रिमूव कराने हेतु संबंधित फर्म दायित्वधीन भी है। जवाब मे स्पष्ट रूप से यह भी उल्लेख किया गया है कि उक्त ब्रिज का कार्य राजस्थान राज्य सडक विकास एवं निर्माण निगम के अधीन है जिसके द्वारा स्मार्ट सिटी लि. अजमेर को आज दिनंाक तक हस्तांतरित नही किया गया है। इसके अलावा सबंधित ब्रिज निर्माता कम्पनी मैसर्स सिन्फोनिया एण्ड ग्राफिक्स प्रा. लि. द्वारा दिनंाक 15.10.2025 को जवाब प्रस्तुत करने की अंतिम अवसर देने के बाद भी जवाब प्रस्तुत नही किया गया और जवाब हेतु समय की मांग की गयी। उनके द्वारा समय मागंने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए तर्क दिया गया कि दिनंाक 20.10.2025 को दीपावली का पर्व था और उसके बाद दिनंाक 25.10.2025 को फर्म के प्रबंध निदेशक श्री अक्षय हाडा की तबीयत बिगड जाने व सीरियस होने के कारण वह अस्पताल मे भर्ती थी ओर बाद मे उनकी बाईपास सर्जरी हुई ओर कम्पनी के दूसरे डायरेक्टर उनकी खुद की पत्नी है और उन्हे ही तथ्यो की जानकारी है और उनके द्वारा आफिस जाना भी शुरू नही किया गया है और वह बैडरेस्ट पर है। जिसके चलते जवाब हेतु समय की मांग की गयी।
पूर्व लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि अभी तक न्यायालय मे रामसेतू ब्रिज निर्माण के संबंधित स्वीकृत मानचित्र, कार्यादेश ड्राईग, भुगतान के सबंध मे दस्तावेज व एम.एन.आई.टी की रिर्पोट इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज न्यायालय मे पेश नही किये गये है जिसके सबंध मे वह अदालत मे पूर्व विधायक एवं कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. राजकुमार जयपाल की तरफ से प्रार्थना पत्र दाखिल करेगे और उनके द्वारा लिये गये जवाब का प्रतिउत्तर भी न्यायालय मे दाखिल करेगे। प्रकरण मे पूर्व विधायक एवं डी.सी.सी अध्यक्ष डां. राजकुमार जयपाल ने रामसेतू ब्रिज मे हुई धांधलियो को उजागर करने के लिए अवमानना याचिका व अन्य प्रकरण भी पेश कर रखे है जिनकी सुनवाई होना शेष है। ज्ञात्वय रहे कि अभी तक सोनी जी की नसिया वाली भुजा बंद पडी होने से आमजन को भारी परेशानी हो रही है जिसके लिए भी उन्होने शीघ्र कार्यवाही की मांग की है।