आईटी पार्क ने पकड़ी गति, कंपनियों को भूखण्ड आवंटन शुरू

विधानसभा अध्यक्ष ने ली रीको एवं वन विभाग की बैठक

दो महीने में सड़कसमतलीकरण और प्लॉट का काम होगा पूरा

अब आठ करोड़ लागत से होगा लैपर्ड सफारी का काम

वन विभाग हटाएगा अतिक्रमणलव कुश उद्यान आमजन के लिए खुलेगा

     अजमेर, 2 दिसम्बर। अजमेर में रोजगारऔद्योगिकीकरण और पर्यटन विकास के काम अब गति पकड़ने लगे है। रोजगार वं व्यवसाय के लिए मील का पत्थर माने जाने वाले आईटी पार्क के काम में तेजी आई है। रीको ने तीन कम्पनियों को भूखण्ड आवंटित किए हैं। इसी तरह लैपर्ड सफारी विकास के लिए अब तीन के बजाए आठ करोड़ रूपए खर्च होंगे।

     विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को सर्किट हाउस में रीको एवं वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने रीको के अधिकारियों को निर्देश दिए कि दो महीने में आईटी पार्क की दीवारसड़कसमतलीकरण एवं प्लॉट का काम पूरा करें। अधिकारियों ने बताया कि पार्क के लिए तीन कम्पनियों को भूखण्ड आवंटित कर दिए गए हैं। शेष भूखण्ड भी जल्द आवंटित किए जाएंगे। यहां पानीबिजलीहोटलगार्डन एवं अन्य सुविधाएं भी विकसित की जा रही है।

     श्री देवनानी ने वन विभाग को निर्देश दिए कि तारागढ़ स्थित सम्राट पृथ्वीराज चौहान के किले को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। तारागढ़नौसर एवं नागफणी की पहाड़ियों से अतिक्रमण हटाया जाए। लव कुश उद्यान को आमजन के लिए खोला जाए।

आईटी पार्क विकास की दिशा में अहम पड़ाव

     अजमेर के औद्योगिक और कॉमर्शियल विकास की दिशा में अहम कड़ी माने जा रहे आईटी पार्क की स्थापना के लिए एक कदम और बढ़ा लिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी के निर्देशों के तहत रीको द्वारा आईटी पार्क के लिए 23.65 करोड़ के विकास कार्य करवाएं जा रहे हैं। इस राशि से भूमि का मुआवजासमतलीकरणडिमार्केशनस्ट्रीट लाइट और अन्य विकास कार्य करवाएं जाएंगे।

     रीको के अनुसार आईटी पार्क का कुल क्षेत्रफल 27.55 एकड़ है। इनमें 45 हजार 310 स्कवायर मीटर भूमि औद्योगिक और कॉमर्शियल यूज के लिए बेची जाएगी। रीको ने आईटी पार्क विकास के लिए 23.65 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की है। इस राशि से मुआवजासिविल कार्यसर्वे डिमार्केशनसमतलीकरणसड़क निर्माणविद्युत संबंधी कार्यस्ट्रीट लाइटवाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर एवं अन्य विकास कार्य करवाए जाएंगे।

     रीको ने आईटी पार्क को विकसित करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। यहां आईटी कंपनियों के लिए बड़े-छोटे आकार के भूखण्डहोटलपार्कपार्किंग और शॉपिंग कॉम्पलैक्स जैसी सुविधाएं भी होगी। आईटी पार्क के लिए जिलाराज्य व देश में कार्यरत आईटी कंपनियों से सम्पर्क साधा जा रहा है। रीको इन्वेस्टमेंट प्रमोशन ब्यूरो के साथ समन्वय स्थापित कर काम कर रहा है।

विश्व स्तरीय संचालन का सहयोग करने के लिएरीको पार्क के भीतर सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करेगा। इसमें सुनियोजित सड़क नेटवर्कएक कुशल जल निकासी प्रणालीबिजली लाइनेंजल आपूर्ति और आधुनिक स्ट्रीट लाइटिंग शामिल है। स्थिरता और व्यापार करने में आसानी पर जोर देने के साथआईटी पार्क एक जीवन्त पारिस्थितिकी तंत्र बनने के लिए तैयार है। यह निवेश को आकर्षित करता है और अजमेर के डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देता है।

प्लॉट उपलब्धता और स्थान के फायदे

आईटी पार्क में व्यवसाय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न आकार के प्लॉट उपलब्ध होंगे। प्लॉट का आकार 500 से 3000 वर्गमीटर तक रखा जा रहा है। बड़े आकार के प्लॉट की आवश्यकता हो तो अनुकूलन योग्य स्टार्टअपएमएसएमई और बड़े उद्यमों के लिए वह भी उपलब्ध होंगे।

अधिकतम कनेक्टिविटी के लिए रणनीतिक स्थान

     यह पार्क राष्ट्रीय राजमार्ग से सिर्फ एक किमी दूर है। अजमेर शहर के केन्द्र से बहुत कम दूरी है। अन्तर्राष्ट्रीय तीर्थ स्थल पुष्कर से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। साथ ही किशनगढ़ एयरपोर्ट से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी है।

करोड़ की लागत से होगा लैपर्ड सफारी का विकास

     शहर के काजीपुराखरेखड़ीअजयसर और आस-पास के गांव में फैली गंगा-भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी विकसित की जा रही है। रणथम्भौरसरिस्कारावली-टॉडगढ़ और जवांई बांध की तर्ज पर गंगा-भैरव घाटी को भी लेपर्ड सफारी और घाटी के मनोरम दृश्य देखने के लिए सैलानियों के लिए खोला जाएगा। सैलानी यहां घाटी में ट्रेकिंग के साथ ही सम्राट पृथ्वीराज चौहान के समय के अस्तबलउनके राज्य के समृतियांसैनिक छावनी स्थल और अन्य स्थानों पर घूम सकेंगे। ट्रेक पर सैलानियों के विश्राम की भी व्यवस्था होगी। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में सैलानी यहां तेंदुओं को देखने आ सकते हैं। यहां आठ करोड़ की राशि में काम होंगे। घाटी क्षेत्र में टिकट खिड़कीरेस्ट प्वाइंट्ससेल्फी प्वाइंट्स तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए व्यवस्थाओं का विकास होगा।

     विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी बनने से अजमेर को एक नई पहचान पर्यावरणीय पर्यटन स्थल के रूप में मिलेगी। अजमेर पहले से ही शिक्षा नगरी के रूप में विख्यात है और अब पर्यटन के क्षेत्र में इसे और समृद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री से इस परियोजना को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है।

     श्री देवनानी ने कहा कि लेपर्ड सफारी परियोजना पर लगभग 19 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित है। इसमें शुरुआती चरण में लगभग 8 करोड़ रुपए से कार्य प्रारंभ किया जाएगा। पर्यटकों के सुगम आवागमन के लिए 7.5 किलोमीटर पुराने क्षतिग्रस्त ट्रैक का पुनर्निर्माण एवं 11.5 किलोमीटर नए ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस ट्रैक से सुविधा होगी। मार्ग में रेस्ट प्वाइंट्सअल्पाहार केंद्र तथा सेल्फी प्वाइंट्स जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इस परियोजना से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार और आय के नए अवसर उपलब्ध होंगे।

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