बापू की अजमेर यात्रा

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपने जीवनकाल में तीन बार राजस्थान आए थे। तीनों ही बार उनका अजमेर जिले में आगमन हुआ। इस दौरान वे ब्यावर, अजमेर और पुष्कर आए। अजमेर जिले के स्वतंत्रता सैनानियों से उनके बेहद करीबी संबंध थे। वे इनके साथ देश की आजादी को लेकर गहन चिंतन किया करते थे। मंच पर भगदड़, … Read more

शिवजी केवल म्रगछाल ही क्यों धारण करते हैं ?

अपरिग्रही वो होता है जो आवश्यकता से अधिक मात्रा मे धनवस्तु का संग्रह नहीं करता है | परिग्रह एक प्रकार का पाप है, क्योंकि किसी वस्तु का परिग्रह करने का अर्थ हुआ कि दूसरों को उस वस्तु से वंचित करना | समाज में वो ही व्यक्ति वंदनीय होता हैं जो अपरिग्रही हो जिसका जीवन संसार … Read more

फिर खौफनाक अंधेरों ने मुझे डराना चाहा है

मेरे भविष्य को नेस्तनाबूद करने के अभियान में, आज वे लोग भी शामिल हैं , जो कल तक मेरे विजय जुलूस की अग्रिम पंक्तियों में थे । पर मैं भाग्य या समय को दोष न दूंगा ना ही उन क्षुद्र आत्माओं से कुछ कहूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि इंसान माटी का पुतला है और … Read more

अनुभूति दिल के भावों की अभिव्यक्ति

जीवन की सहज यात्रा में, अनचाहे अनायास मन मेरा- भावुक हो जाता है और सपनों में खो जाता है। एक पल मुस्कुराता है, दूजे पल रूठ जाता है ।। कभी सिसकता है, कभी औरों के लिए धडक़ता है। कभी हंसता है, कभी रोता है। ऐसा क्यों होता है। मन मंदिर में खोता है, कभी अचानक … Read more

“गांधी जिंदा है” ने बहुत कुछ फिर से जिंदा कर दिया

जब आप नाटक विधा में कुछ लिखते हैं और उसी शिद्दत से मंचन उसका हो जाता है, तब लगता है कि शब्दों को संस्कार देकर कला के दूसरे पक्ष ने रचना को रचना होने के मायने दे दिए हैं। यही सब लगा जब भीतर की अनुभति से जन्मे नाटक “गांधी जिंदा है” को कला अंकुर … Read more

ट्रेन और टॉयलट…!!

तारकेश कुमार ओझा ट्रेन के टॉयलट्स और यात्रियों में बिल्कुल सास – बहू सा संबंध हैं। पता नहीं लोग कौन सा फ्रस्ट्रेशन इन टॉयलट्स पर निकालते हैं। आजादी के इतने सालों बाद भी देश में चुनाव शौचालय के मुद्दे पर लड़े जाते हैं। किसने कितने शौचालय बनवाए और किसने नहीं बनवाए , इस पर सियासी … Read more

थार की प्रेम कहानी

*कोटड़ा के किले से निकली बाघा भारमली प्रेम कहानी* चन्दन सिंह भाटी *कोटड़ा के योद्धा राव बाघजी और दासी भारमली की अमर प्रेम कथा आज भी प्रेम गलियों में गूंजती है।।* बाडमेर जैसलमेर प्रेम की कथा अकथ है, अनिवर्चनीय है। फिर भी प्रेम कथा विविध प्रकार से कही जाती है, कही जाती थी और की … Read more

*छिछोरे दिन पर भारी पड़ा सपूतों का बलिदान दिवस

पश्चिमी संस्कृति से आए और पिछले कई वर्षों से अमरबेल की तरह पनपे वेलेंटाइन डे पर इस पर आज ही के दिन पुलवामा हमले में मारे गए हमारे वीर सपूतों की शहादत वाकई में भारी पड़ गई। आज तमाम सोशल मीडिया पर वेलेंटाइन डे की बजाय शहीदों को नम आंखों से याद करने वाली पोस्टों … Read more

गांधी से पहले गांधी

सब लोग यह तो जानते हैं कि सन 1893 में स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म संसद में भारत के सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया मगर यह नहीं जानते कि उस उस विश्व सम्मेलन में एक अन्य भारतीय जो 19वीं शताब्दी के प्रकांड जैन विद्वान थे उन्होंने प्रभावशाली ढंग से 3 दिन तक व्याख्यान देकर धर्म … Read more

केजरीवाल की नयी राजनीतिक ताकत का सबब

अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के तीसरी बार शानदार एवं करिश्माई जीत के बाद मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। वे सौम्य, चतुर व करिश्माई कर्मयोद्धा व्यक्तित्त्व के आम आदमी जैसे दिखने वाले राजनेता हैं। हो सकता है कि आज जब दिल्ली एक कठिन दौर से गुजर रही है, तब नियति अपना करिश्मा ऐसे ही सादे व्यक्तित्व वाले … Read more

चार राज्यों में मात खाकर अब तो सबक ले भाजपा

दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की चली आंधी ने भाजपा और कांग्रेस के टीन टप्पर उड़ा दिए। जिस तरह ‘आप’ को चुनाव में कामयाबी मिली है, उससे यह साबित हो गया है कि विकास के साथ साथ जनता की नब्ज को भी टटोलना जरूरी है। ‘आप’ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद … Read more

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