ननकाना साहिब हमले के सन्दर्भ में सीएए

पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमले की घटना से एक बार फिर दुनिया के सामने वहां के अल्पसंख्यकों की हिफाजत के खोखले दावे का सच सामने आया है। किस तरह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को उपेक्षित, अपमानित और आतंकित जीवन जीने को विवश होना पड़ रहा है, गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर नफरत, द्वेष एवं अमानवीयता … Read more

स्वामी विवेकानंदजी के अनमोल मन्त्र जिनमें छुपा है खुशहाल जीवन जीने का रहस्य पार्ट 1

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक आपको अपना लक्ष्य प्राप्त ना हो जाये। जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते । जब जब दिल और दिमाग के टकराव हो तब हमेशा अपने दिल की सुनो। आकांक्षा , अज्ञानता और असमानता बंधन … Read more

*विचार – प्रवाह*

बाहरी आकर्षण कुछ समय के लिए सम्मोहित कर सकता है किंतु हमारी व्यवहार कुशलता जीवनभर के लिए अमिट छाप छोड़ती है । कहने का तात्पर्य यह है कि व्यवहार कुशलता हमारे जीवन का सबसे उज्ज्वल पक्ष है । व्यवहार कुशलता एक सुंदर आभूषण की तरह है जो हमारे व्यक्तित्व के चार चाँद लगा देता है … Read more

*विचार – प्रवाह*

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । सामाजिकता की पहली पहचान उसके भीतर के संस्कार है क्योंकि संस्कारहीन व्यक्ति सामाजिक हो हो नहीं सकता और जो सामाजिक नहीं है उसे मनुष्य कहना ही अनुचित है । परिवार और विद्यालय दो ऐसे स्थान है जहाँ बाल्यकाल से ही संस्कारों का बीजारोपण होता है । संस्कारों का जीवन … Read more

*विचार – प्रवाह*

महात्मा विदुर ने एक प्रसंग में कहा है – बुढ़ापा रूप को , आशा धैर्य को , मृत्यु प्राण को , क्रोध श्री को , काम लज्जा को और अभिमान सर्वस्व हरण कर लेता है । अभिमान यानि जो हूँ वो मैं ही हूँ , सामने वाला मेरे सामने कुछ भी नहीं है । अभिमानी … Read more

मिल जाए वो सब जो अब तलक मिला नहीं

कल सुबह देखा जब मैंने धुप तो थी ही नहीं लोगों ने भेजे ख़त मुझे कि भोर है नई नई आ गयी है फिर से एक बार तारीख वही जो पहले भी जीवन में आई है हर साल नई आज से पहले भी कितनी बार तारीख बदली है मुन्तजिर हूँ मैं उसका जो अब तलक … Read more

कोटा में बच्चों की मौत से जुड़े सवाल

एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तथाकथित बवाल एवं हौ-हल्ला के बीच कोटा संभाग के सबसे बड़े सरकारी जेके लोन चिकित्सालय में भर्ती बच्चों की लगातार हो रही मौतों पर जिस तरह की असंवेदनहीनता एवं अराजकता देखने को मिल रही है, वह न सिर्फ दुखदायी है बल्कि राजस्थान सरकार की चिकित्सा व्यवस्था पर सवालिया … Read more

*विचार – प्रवाह*

विश्व के सभी धर्मों में प्रार्थना को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है । प्रार्थना की विधियाँ और तरीके भले ही अलग – अलग हैं किंतु अंतिम लक्ष्य उस परम शक्ति तक अपनी बात पहुँचाना है जो इस जगत का रचयिता है । महात्मा गाँधी के शब्दों में ” विकार रूपी मलों की शुध्दि के लिए हार्दिक … Read more

बेटी

बेटी हो बेबस न होना सक्षम बन परवश न होना दुस्टों का संहार करन को , दुर्गा की मूरत बन जाना जितने तीर तेरे तरकश में , सबको तुम देखो आजमाना भाले और त्रिशूल से अपना, दुस्टों को जोहर दिखलाना रूह कांपे गंदे लोगो की, ऐसा उनको सबक सिखाना आड़े वक्त आएंगे बेशक , हिम्मत … Read more

अंधेरों के बीच उजालों की खोज हो

एक वर्ष का विदा होना सिर्फ कैलेन्डर का बदल जाना भर नहीं है। छोटा ही सही लेकिन यह हमारे जीवन का एक अहम पड़ाव तो होता ही है, जो हमें थोड़ा ठहरकर अपने बीते दिनों के आकलन और आने वाले दिनों की तैयारी का अवसर देता है। एक व्यक्ति की तरह एक समाज, एक राष्ट्र … Read more

*विचार – प्रवाह*

सहिष्णुता का शाब्दिक अर्थ सहनशीलता अथवा धैर्य है और असहिष्णुता इस अर्थ का बिल्कुल विपरीत भाव है । सरल शब्दों में सहिष्णुता का अर्थ सहन करना और असहिष्णुता का अर्थ सहन न करना है । सहिष्णुता बचपन के संस्कारों पर निर्भर है । इसका सबसे बड़ा उदाहरण है भारतीय महिलाएं । यहाँ बचपन से ही … Read more

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