भाव देना बंद कीजिए ओवैसी को

ये ओवैसी है कौन? कुल 2 सांसदों और 7 विधायकों की पार्टी का अध्यक्ष। फिर भी मीडिया इसे इतना भाव क्यों देता है? क्यों इसके उसके बयानों को इतना महत्व दिया जाता है,जो देश में आग लगाते है। ऐसे नेताओं का क्या मीडिया को बहिष्कार नहीं करना चाहिए ? ओवैसी की राजनीतिक हैसियत तभी तक … Read more

सरकारी नहीं .असरकारी चाहिए

एक अत्यन्त गरीब की माताजी बहुत बीमार थी।जिला अस्पताल से संभाग मुख्यालय इन्दौर के सात मंजिला अस्पताल ले जाने हेेतु कहा गया। सरकारी एम्बुलेंस माॅगी गई , जितने रुपए सी एस साहब ने बाले उसमें गीड़गीड़ाने के बाद भी एक पैसा नहीं कम किया।इधर – उधर से पैसे एकत्र कर देने के दो घंटे बाद … Read more

घूंघट गुलामी का नहीं तहज़ीब का प्रतिक

चंदन सिंह भाटी जैसलमेर औरतें आज भी घूंघट से अपना मुंह ढकती हैं। विशेषकर ग्रामीण अंचलों में बड़ी संख्या में महिलाएं घूंघट में रहती है। घूँघट हिन्दू समाज की वो प्रथा रही है जिसे लाज का प्रतीक माना जाता है. हिन्दू धर्म में महिलाओं पर घूँघट के लिए दवाब नहीं डाला जाता बल्कि महिलायें स्वयं … Read more

*विचार – प्रवाह*

“च” वर्ण से निर्मित चमचा , चालू , चापलूस , चुगलखोर , चाटुकार आदि शब्द आपस में भाई – बंधु ही है जो आज हमारे आस- पास खड़े और पसरे हुए हैं । उपर्युक्त हर शब्द आज के युग में जीवंत है । इन सबमें चमचा शब्द जो पहले कभी रसोईघर में काम लिए जाने … Read more

विचार प्रवाह

भीड़ जुट भी जाती है और जुटा भी ली जाती है । स्वतः जुटी हुई भीड़ सकारात्मक भाव लिए हुए और जुटाई हुई भीड़ नकारात्मक भाव लिए हुए होती है । स्वतः जुटी हुई भीड़ शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का प्रयास करती है और जुटाई गई भीड़ हिंसक रूप लेते देर नहीं करती … Read more

विचार- प्रवाह

परमात्मा सबकी सुनता है , ज़रूरत है धैर्य और विश्वास की । पता नहीं हम क्यों इतने जल्दी अधीर हो जाते है और हमारी आस्था डगमगा जाती है , फलस्वरूप हम अन्य रास्ते अपनाने लग जाते हैं । ऐसी स्थिति में मन को मज़बूत रखना ज़रूरी होता है । दिक़्क़त यह है कि मन चंचल … Read more

आपने स्वार्थ के लिये जनता को मुर्ख न बनाएं

जब देश के पढ़े –लिखे बुद्धिजीवी लोग जिनमें कुछ डॉक्टर वकील, शिक्षक,प्रोफेसर, स्कूल कॉलेज के डायरेक्टर, पत्रकार, संपादक जैसे लोग सी ए ए और एन आर सी में अंतर समझे बिना मुस्लिम समुदाय को भृमित करने वाली बातें सोशल मीडिया में कथित सेक्युलरिज्म या फिर गंगा जमुनी तहजीब के नाम पर डालते हैं तो उनकी … Read more

कंग्रेस बैसाखी के सहारे आगे बढ़ी, बीजेपी अपने पैरों पर खड़े होने के चक्कर मेें औंधी गिरी

मोदी नाम केवल्म से नहीं जीते जा सकते हैं राज्य -संजय सक्सेना, लखनऊ- झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली हार को लेकर हर तरफ हाय-तौबा मचा हुआ है। सब अपने-अपने तरीके से बीजेपी की हार की समीक्षा कर रहे हैं, खासकर राष्ट्रीय दल का तमगा हासिल किए हुए कांग्रेस-बीजेपी की जर्बदस्त तुलना … Read more

विचार – प्रवाह

समझौता एक अच्छी बात है , अच्छी परम्परा है किन्तु थककर और झुककर किया गया समझौता अच्छी बात नहीं है । असत्य के सामने झुककर अथवा भयभीत होकर किया गया समझौता तो कभी भी अच्छे परिणाम नहीं दे सकता । हठ करके बात मनवाना न्याय संगत नहीं हो सकता । आदमी झुककर बड़ा होता है … Read more

जनमानस में जानकारी का आभाव बना विपक्ष का हथियार

नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से ही देश के कुछ हिस्सों में इस कानून के विरोध के नाम पर जो हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं वो अब गंभीर चिंता ही नहीं चिंतन का भी विषय बन गए हैं। हर बीतते दिन के साथ उग्र होते जा रहे आन्दोलनों और आंदोलनकारियों के हौंसलों के आगे … Read more

और अब गिध्दखाना खुल रहा है !

खबर है कि अपने उत्तम प्रदेश यानि कि य़ू पी के महाराजगंज में सरकार एक गिध्दखाना खोलने जा रही है और दिलचस्प बात यह है कि स्थान के चुनाव की वजह बताई जा रही है पास ही पहले से स्थापित गौशाला को. कुछ समय पूर्व, जब मध्य प्रदेश में शिवराज जी की सरकार थी, यह … Read more

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