शत्रु दमनी विद्या
जब शत्रुदल का आतंक हो शत्रु अकारण पीड़ित करे, शत्रु-दमनी विद्या श्रीकृष्ण कीलक प्रयोग शत्रु पक्ष को शांत कर जीवन खुशहाल करेगा शत्रुदमनी प्रयोग-श्रीकृष्ण कीलक श्रीकृष्ण कीलक ॐ गोपिका-वृन्द-मध्यस्थं, रास-क्रीडा-स-मण्डलम्। क्लम प्रसति केशालिं, भजेऽम्बुज-रूचि हरिम्।। विद्रावय महा-शत्रून्, जल-स्थल-गतान् प्रभो ! ममाभीष्ट-वरं देहि, श्रीमत्-कमल-लोचन !।। भवाम्बुधेः पाहि पाहि, प्राण-नाथ, कृपा-कर ! हर त्वं सर्व-पापानि, वांछा-कल्प-तरोर्मम।। जले … Read more