हार की जीत या जीत की हार …!!

राहुल का रेला मजबूत हुआ हाथ मुर्झाया कमल भाजपा भुसभास जो जीते थे वो हार गए जो हारे थे वो जीत गए जिन पर लगते थे आरोप वो अब आरोप लगाने लगे जिनसे मांगा जाता था हिसाब बही – खाता खंगालने लगे जिनसे रोशन थी महफिल हाशिये पर जाने लगे गुमनामी में खोई शख्सियतें महफिल … Read more

भाजपा के लिए मंथन का समय

आज पांच राज्यो के चुनावी नतीजे आये जिसमे किसी भी राज्य में भाजपा सरकार बनाने की स्तिथि में नही है छत्तीसगढ़ में तो बहुत ही हालात खराब है जहाँ कांग्रेस को तीन चौथाई बहुमत मिल रहा है तो वही मध्यप्रदेश में ओर राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार बनना तय है राजस्थान में ये तय … Read more

मानवाधिकार दिवस समय है आत्ममंथन करने का

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सम्पूर्ण विश्व में मानव समाज एक बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहा था। यह वो समय था जब मानव सभ्यता और मानवता दोनों ही शर्मसार हो रही थीं। क्योंकि युद्ध समाप्त होने के बाद भी गरीब और असहायों पर अत्याचार, जुल्म, हिंसा और भेदभाव जारी थे। यही वो परिस्थितियाँ थीं … Read more

तुम एक विल-क्षण नारी थी पर इतिहासों के पृष्टो पर?

हे याज्ञसेनी, हे अग्निगर्भा, तुम एक विल-क्षण नारी थी पर इतिहासों के पृष्टो पर, बस ताड़ना की अधिकारी थी ना जन्म लिया देखा बचपन, ना देखा नन्हा सा क्रंदन अद्भुत यज्ञ था शुचि अनल ,युवति बन तुमने लिया जन्म फिर लक्ष्य प्राप्ति हेतु तुमने, था किया खुद को आहुति सखी क्या मन में उपजी नहीं … Read more

अपने कार्यालय में प्रमोशन और सफलता के लिये जरूरी बातें

डा. जे. के. गर्ग निर्विवाद रूप से हम सभी रावण को महाशक्तिशाली और महान पंडित मानते हैं | जब रावण म्रत्यु शय्या पर था तब भगवान राम ने लक्ष्मणजी को आदेश दिया कि कुछ ही क्षणों बाद संसार से नीति, राजनीति और शक्ति का महान् पंडित विदा ले रहा है इसलिये तुम रावण के पास … Read more

कड़ाके की ठंड पर खांटी खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा की चंद लाइनें…

खड़गपुरिया कविता… कटिंग नहीं फुल दे रे भाई…!! चा… कटिंग नई फुल दे रे भाई… लगता है अब लपेट कर निकलना पड़ेगा रजाई … ठंडा इतना कि बॉडी का बन गया कुल्फी भूल गया चैटिंग – वैटिंग और सेल्फी सबेरे उठ कर नहाने में याद आ गई मां लक्ष्मी – सरस्वती बाइक चलाया तो दिन … Read more

राजस्थानः बाल विवाह को बालिका वधू की ‘किक‘

सदियों पुराने बाल विवाह का अत्याचार देश के तकरीबन हर हिस्से में कभी रिवाज, कभी परम्परा तो कभी मजबूरी के नाम पर आज भी जारी है. ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ‘ के बड़े-बड़े दावे तो 21वीं सदी के आधुनिक भारत में किए जा रहे हैं लेकिन सच ये है कि बेटियों को बचाना कानून के लिए … Read more

संतोष गंगेले कर्मयोगी के 38 बर्षो के त्याग परिश्रम की सामाजिक पत्रकारिता की कहानी

छतरपुर -वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति , मनुष्य के जीवन जीने का अपना एक अंदाज होता है। यह भी बात सही है की जब किसी सामाजिक व्यक्ति या समाज सुधारक ,पत्रकार ,सैनिक ,सिपाही ,कर्मचारी ,अधिकारी ,राजनेता ,अभिनेता आदि -आदि व्यक्ति के बारे में जन चर्चा होना या चर्चा में आना ही उसके कर्मो और वाणी पर … Read more

नीम के तेल में तले करेले के पकौड़े परोस दिए !

अहा… क्या स्वाद है! चटखारे ले-लेकर खाते जाओ… खाते ही जाओ । और हम लोग खाते भी रहे। बाद में हमें पता चला कि हम तो करेले के पकोड़े चाशनी में भिगोए और नीम के तेल में तले हुए खा रहे हैं। ऐसी चर्चाएं शहर शहर गली-गली पान की दुकानों, चौक में यार दोस्तों के … Read more

Trends in HR to lookout for in 2019

We are at the end of the year 2018 and organisations and employees have just begun foreseeing what will be the situation in 2019 like for Human Resources. Am sure organizations are preparing for surveys to track advance, it’s best to be refreshed. With a large group of developments and mechanical changes thumping on figurative … Read more

पेड़ों पर पैसे दिखे ! नेताजी सिंहासन झपटने लगे !

अजीब करामात है। पेड़ों पर पैसे लग रहे हैं। उन पैसों को नेताजी पेड़ों से तोड़-तोड़ कर रेवड़ियों की तरह बांटने में मशगूल हैं। इतना ही नहीं, दोनों ओर से नेताओं ने विपक्षी की योजनाओं को जन विरोधी बता कर वैसी ही अपनी-अपनी योजनाओं को सर्वश्रेष्ठ भी घोषित किया है। वाह! वाह! क्या बात है! … Read more

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