नदी किनारे रेत पर
नदी किनारे रेत पर ढूँढता हूँ बचपन के निशान सख़्त गर्मी की शामों में अक्सर रेत पर बैठकर ठंडी वयार और शीतल लहरों का आनंद लेना ढलते सूरज की लालिमा में सराबोर संध्यासुख में खो जाना नदी में पत्थर फेंक कर बुलबुलों को गिनना रेत हवा में उछालना और फिर सिर से कंकड़ साफ़ करना … Read more