भाषण लच्छेदार, जुमलों से परहेज

अजमेर की सभा में नहीं किया कोई वादा नाम लिए बिना राहुल और गहलोत पर कसा तंज समय की नजाकत को भांप सीधी सपाट की बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुत लंबे समय बाद अवाम से सीधी सपाट बात की। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के समापन पर अजमेर में कायड़ विश्राम … Read more

विवादित बयानों की राजनीति बन्द हो

दिल्ली के मुख्यमंत्री का गाय को लेकर दिया गया विवादित बयान अत्यन्त निराशाजनक, अमर्यादित एवं भड़काऊ है। दो दिन पूर्व उनकी ओर से लखनऊ में शुक्रवार को देर रात हुए विवेक तिवारी हत्याकांड को मजहबी रंग देने वाले बयान को भी उचित नहीं माना जा सकता, इस बयान में पुलिसकर्मियों की गोली के शिकार हुए … Read more

असम की बिनीता जैन बनीं मिसाल

टीवी के लोकप्रिय धारावाहिक ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के दसवें संस्करण में असम के गुवाहाटी की रहने वाली बिनीता जैन ने 1 करोड़ रुपए जीतकर महिलाओं के लिए नई मिसाल कायम की है। इसके साथ ही बिनीता जैन इस संस्करण की पहली करोड़पति बन गई है और साथ ही में सात करोड़ रुपए यानी ‘कोटी की … Read more

सुना है ज़माने के साथ लोग बदलते हैं

सुना है ज़माने के साथ लोग बदलते हैं शहर में कुछ पीर आजकल भी रहते हैं आँख भरके देखते हैं क़द्र न की जिसने मचलते हैं क्यों इतना पूँछ के देखते हैं चाँद से बढ़ कर रोशन सादगी जिनकी हर दिन वो शान से बाहर निकलते हैं हुजूम से परे उन पर निगाहें ठहर गई … Read more

हरि राम एंड संस -सब पर नजर, सब की खबर

जब से यूपी पुलीस मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने घुटनों पर आई है तबसे वह कुछ ज्यादा ही सक्रिय होगई है. उसने अब फिल्म “शोले” के हरिराम नाई की सेवाएं लेनी शुरू कर दी है. वैसे तो हरि राम एंड संस का लोगों के बाल आदि काटने का पुश्तैनी धंधा रहा है लेकिन जरूरत … Read more

वक़्त की शाख़ पर

वक़्त की शाख़ पर खिला हर इक गुल ढूँढता है माली को हमदम जो उसे बना ले ऊँचे गुलमोहर की छाँव में अपनी झुकी डाली पर हैरान परेशान वो कोई अंजान साया उसे नज़र आता है हर अंजाम से बेख़बर अपनाने की तमन्ना लिए भारी निगाहों से बस तलाशता नज़र आता है डॉ. रूपेश जैन … Read more

गांधी और मेरे एहसास

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) 80 के दशक में जब गांधी फिल्म रिलीज हुई थी तब तक देश में बॉयोपिक फिल्मों का दौर शुरू नहीं हुआ था। तत्कालीन युवा पीढ़ी के लिए फिल्में देखना भी इतना सहज नहीं था। चोरी – छिपे फिल्में देखने वाले युवकों की पता चल जाने पर घर में मार … Read more

दुआ-ए-सलामती

रखता हूँ हर कदम ख़ुशी का ख़याल अपनी डरता हूँ फिर ग़म लौट के न आ जाए अब भुला दी हैं रंज से वाबस्ता यादें यूँ आके ज़िंदगी में ज़हर न घोल जाएँ इक बार जो गयी तो फिर न आएगी यहाँ शौक महँगा है लबों पे हँसी रखने का अपनी आबरू का ख़याल जो … Read more

तारे घबराते हैं

तारे घबराते हैं शायद इसीलिये टिमटिमाते हैं सूरज से डरते हैं इसीलिये दिन में छिप जाते हैं। चाँद से शरमाते हैं पर आकाश में निकल आते ह़ैं तारे घबराते हैं शायद इसीलिये टिमटिमाते हैं। लोग कहते हैं अंतरिक्ष अनंत ह़ै लेकिन मैंने देखा नहीं मैं तो केवल इतना जानता हूँ सूरज बादल में छिप जाता … Read more

जीवन की राह: शांति की चाह

आज हर व्यक्ति चाहता है – हर दिन मेरे लिये शुभ, शांतिपूर्ण एवं मंगलकारी हो। संसार में सात अरब मनुष्यों में कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं होगा जो शांति न चाहता हो। मनुष्य ही क्यों पशु-पक्षी, कीट-पंतगें आदि छोटे-से-छोटा प्राणी भी शांति की चाह में बेचैन रहता है। यह ढ़ाई अक्षर का ऐसा शब्द है … Read more

बेदाग राजनीति के लिये संसद जागें

आज सबकी आंखें एवं काल सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिदिन दिये जाने वाले निर्णयों पर लगे रहते हैं। उसकी सक्रियता यह अहसास कराती है कि वह राष्ट्र के अस्तित्व एवं अस्मिता के विपरीत जब भी और जहां भी कुछ होगा, वह उसे रोकेंगी। हमारे चुनाव एवं इन चुनावों में आपराधिक तत्वों का चुना जाना, देश का … Read more

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