खवाब तुम्हारा आता है

जब भी दिल में दर्द उठे, खालीपन आ जाता है, तेरी ही यादों का एक, मौसम सा छा जाता है, तुम दुर गए हो मुझसे, एक नया जीवन जीने को, कैसे हो तुम, ये सवाल फिर यादों में आ जाता है, कुछ तो बातें पहले वाली अब भी तुम करती होगी, सोचकर वही सब बातों … Read more

कैसे रक्खें महिलायें ? अपने स्वास्थ्य का ख्याल

विभिन्न डाइटीशियनों के मुताबिक साधारणतया स्त्रीयों के स्वास्थ्य को मुख्यतया तीन बातें प्रभावित करती हैं। (1) एनीमिया यानी शरीर में लौह तत्व (आयरन) की कमी (2) कैल्शियम की कमी और(3) ओबेसिटी यानी मोटापा। महिलाओं को इन तीन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दूध, दही, पनीर, छाछ और दूध से बने खाद्य पदार्थ कैल्शियम के … Read more

स्व-प्रेरणा की मिसालों से बनता समाज

कहते हैं कि जिसके सिर पर कुछ कर गुजरने का जुनून सवार होता है तो फिर वो हर मुश्किल हालात का सामना करते हुए अपनी मंजिल को हासिल कर ही लेता है। ऐसे लोग अपने किसी भी काम के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं होते बल्कि वो आत्मनिर्भर होकर अपने सभी कामों को अंजाम देते … Read more

नौकरशाही में नये प्रयोग की सार्थकता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नया भारत निर्मित करना चाहते हैं, इसके लिये देश के प्रशासनिक क्षेत्र को सशक्त बनाने एवं नौकरशाही को दक्ष, प्रभावी एवं कार्यकारी बनाने की तीव्र आवश्यकता है। नौकरशाही को प्रभावी, सक्षम एवं कार्यक्षम बनाने और उसमें नए तौर-तरीकों को समाहित करने के इरादे से संयुक्त सचिव पद के स्तर पर निजी क्षेत्र … Read more

काश अबतक इलाज की अन्य पद्धतियों को भी विकसित किया गया होता !!

2009 की बात है , शनिवार और रविवार को बच्‍चों की छुट्टियों की वजह से नींद देर से ही खुलती है । हां , कभी कभार फोन की घंटी नींद अवश्‍य तोड दिया करती है। ऐसे ही एक शनिवार भोर की अलसायी हुई नींद के आगोश में थी कि अचानक फोन की घंटी बजी। फोन … Read more

राष्ट्रवाद और प्रणव दा

कभी कभी जीवन ऐसे क्षण भी आते है जब अपने करीबी लोग और पारिवारिक सदस्य भी उनको समझने में , उनकी योग्यता के आंकलन में भूल कर जाते है और ऐसा अक्षर जीवन के अंतिम पड़ाव में अधिक होता हुआ देखा गया है । कुछ ऐसा ही प्रणव मुखर्जी पूर्व राष्ट्रपति के साथ इस सप्ताह … Read more

एक नये जीवन की शुरुआत हो

आज दुनियाभर में जीवनशैली चर्चा का विषय बनी हुई है और इस पर ध्यान भी दिया जा रहा है। हाल ही में अनेक देशों की यात्रा के दौरान मैंने लाइफ स्टाइल पर बड़ी-बड़ी काॅन्फ्रेंस और सेमिनार में भाग लिया। इनदिनों मैं फिर अमेरिका की एक माह की यात्रा पर हूं, मेरे सामने यही प्रश्न प्रमुखता … Read more

किसान आंदोलन : वह धरती को पूजता मगर उसकी कोई नहीं सुनता

वह किसान है। धरती को पूजता है। धरती उसे अन्न उपजाने के आशीर्वाद देती है। वह उस अन्न को पृथ्वी जन का पेट भरने के लिए वितरित करता है। सारी दुनिया को अन्न देता है । अपनी मेहनत से उपजाया अन्न। धरती मां की आशीर्वाद से मिला अपना अन्न । धरती के पूजक को क्या … Read more

बदनाम हस्तियों पर फिल्म बनाने की बॉलीवुड की बढ़ती प्रवृति पर खांटी खड़गपुरिया का प्रहार

जमाने की न जाने , ये कैसी बयार है… नेपथ्य में नायक, मगर खलनायकों की बहार है नाम से ज्यादा बदनामी की पूछ बजता डंका जोरदार है… नेक माने जा रहे बेवकूफ धूर्त – बेईमानों की जय – जयकार है अग्निपथ पर चलने वाले संघर्षशील कहला रहे बोरिंग हिस्ट्रीशीटरों की बहार ही बहार है न … Read more

बस्तों का बोझ कम करने का सराहनीय उपक्रम

शिक्षा के निजीकरण के दौर में बस्ते का बोझ हल्का करने की बात एक सपना बन कर रह गयी, बच्चों के मानसिक तनाव को कम करने के प्रयास निरर्थक होते नजर आने लगे एवं बच्चों का बचपन लुप्त होने लगा, ऐसे जटिल हालात में सरकार ने स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम का बोझ कम करने का … Read more

योग उपवास के बाद अब पुशअप….!!

तारकेश कुमार ओझा वातानुकूलित कमरों में बैठ कर चिंतन – मनन करने वाले खाए – पीए और अघाए नेता के लिए लोगों की मुश्किलों को समझ पाना वैसा ही है मानो शीतल वादियों के आगोश में रहने वाला कोई शख्स तपते रेगिस्तान की फिक्र करे। ट्रेनों में आपात कोटे के आरक्षण के लिए रिक्यूजिशन भेजने … Read more

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