जारी है चलन खुले में शौच का

हाथ में लेकर लोटा , शौच खुले में जाना , रोकना आज भी , है चुनौती, क्योकि , जारी है चलन , खुले में शौच का , आज भी । हाल बुरा है ग्रामीण इलाकों का , स्वच्छता से दूर , आभाव है जागरूकता का , आज भी , क्योकि , जारी है चलन , … Read more

एक बच्चा बादलों का मुझको पानी दे गया

एक बच्चा बादलों का मुझको पानी दे गया, वो मेरी प्यासी जड़ों को ज़िन्दगानी दे गया. रात भर महका किया जिस शख्स की खुशबु से मैं, कौन था वो और कैसी रातरानी दे गया. उम्र भर क्या-क्या कमाया जब किया उससे सवाल, पोटली में बाँध कर क़िस्से-कहानी दे गया. एक पल में ले गया मेरी … Read more

ये मुझसे कौन बावस्ता रहा था ?

ये मुझसे कौन बावस्ता रहा था ? कि जिस से ज़ख़्मे दिल ताज़ा रहा था. मुखौटा जो मुझे अब कह रहा है, मैं उसका मुद्दतों चेहरा रहा था. मज़ारों पे जो अब जलता है दीया, वो मुझमें देर तक जलता रहा था. यही वो शोर है जो कल तलक तो, मेरी ख़ामोशियाँ सुनता रहा था. … Read more

प्रदूषण की खतरनाक अनदेखी क्यों?

पिछले कुछ सालों के दौरान दिवाली में पटाखों की वजह से होने वाले भयावह प्रदूषण के चलते इस बार सर्वोच्च न्यायालय ने एनसीआर यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की खरीद-बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी। भले ही पटाखों का धुआं कम हुआ हो लेकिन न्यायालय के आदेश का धुआं खूब जमकर उड़ा। पिछले साल … Read more

शारदा – वंदना

दीप बनकर जगमगाऊँ , शारदे ! वरदान दे दो । देखता हूँ इस जगत में , आज जो वो कल नहीं है । पर विपुल भण्डार तेरा , क्षय कभी होता नहीं है । हर गली – घर में गुंजाऊँ , रोशनी का गान दे दो । दीप बनकर जगमगाऊँ , शारदे ! वरदान दे … Read more

माँ कहाँ मिलती है

एक महानगर ।एक आलिशान बंगला।चार चपरासी ,दो गाड़ी चार ड्राइवर, चार एसी रूम, चार सुरक्षा रक्षक, अनेक बाबू से लेकर क्लास वन अधिकारी तक मातहत । एक शयनकक्ष , साहब व बाई साहब का । एक साली साहिबा का, शयन कक्ष । एक अतिथि का शयन कक्ष ,जिस में लिखा है ,अतिथि देवो भव । … Read more

दिवाली के मतलब हजार

भाईसाहब ! दिवाली सिर पर है। हर जगह हर्ष और उल्लास का माहौल है। लेकिन, देश की राजधानी दिल्ली की गलियां सुनसान है। दिल्ली वालों के दिलों पर निराशा के बादल छाये हुए है। क्योंकि कोर्ट ने पटाखे फोड़ने पर सख्त पाबंदी लगा दी है। कोर्ट का मानना है कि पटाखों से प्रदूषण फैलता है। … Read more

दुःख होता है !

अगर कोई यह कहे कि श्रीमती निर्मल सीतारमण भारत की पहली महिला रक्षा मंत्री है । तो हम तो यही कहेंगे यह बहुत ही सूंदर बात है और प्रत्येक भारतियों को इस पर गर्व होना स्वाभाविक है ! लेकिन यह सरासर झूँठ है क्योंकि झूँठ बोलना बहुत आसान है । सवाल यह है की सब … Read more

तभी दिवाली मेरी होगी

जिस दिन सारा देश जगेगा , आरक्षण का भूत भगेगा , नीर – क्षीर मूल्यांकन होगा , प्रतिभा सिर्फ कसौटी होगी , तभी दिवाली मेरी होगी । कोई भूखा नहीं रहेगा , तन ढकने को वस्त्र मिलेगा , सबको घर , सबमें शौचालय , मूलभूत सुविधाएँ होगी , तभी दिवाली मेरी होगी । निर्भयता का … Read more

गाय का सुखः दुःख

जब गाय बछड़ा देती है तो उसे मातृत्व का सुख होता है । जब उसके बछड़े बडे हो जाते हैं तो उसे दुखः होता है कि उनको पिता बनने से पहले ही बैल बना दिया जाता है । उन्हें प्रतिदिन गाड़ी में जोता जाता है और खेत में जाकर हल बख्खर में जोत कर वजन … Read more

आतंकवाद

देश की धरा पर खुनी मंजर छाया , अंधकार का जहर भरा खंजर लाया , हिंसा की जंजीर ये लाया , जब आतंकवाद अपने देश मै आया । इंसानियत की मौत का पैगाम ये लाया , मानवता की चोट का आलम ये लाया , विकसित स्थिति को बिगाड़ने ये आया , जब आतंकवाद अपने देश … Read more

error: Content is protected !!