दशानन के कई रूप

मेरे पौत्र ने पूंछा की रावण को इस प्रकार क्यों मारा और जलाया जाता है ? हम बोले बेटा अभी तुम छोटे हो बड़े होकर खुद समझ जाओगे लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं है , अब हम क्या करते हमने कहा की तुम ऐसे समझो की रावण श्रेष्ठ ब्राह्मण और शास्त्रो का ज्ञाता … Read more

सपने में रावण से वार्तालाप

मैें स्वप्नदर्शी हूं। इसलिए मैं रोज सपने देखता हूं। मेरे सपने में रोज-ब-रोज कोई न कोई सुंदर नवयुवती दस्तक देती है। मेरी रात अच्छे से कट जाती है। वैसे भी आज का नवयुवक बेरोजगारी में सपनों पर ही तो जिंदा है। कभी कभी डर लगता है कि कई सरकार सपने देखने पर भी टैक्स न … Read more

दुखवा मैं कासे कहूं मोरी सजनी

कहते है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है. मैं बचपन में लपट्या पंडितजी की पाठशाला में पढता था. हर शनिवार को, खाने की छुट्टी के बाद, नियमित पढाई छोडकर, पंडितजी कभी कोई कहानी सुनाते कभी कुछ सवाल पूछते और सही जवाब देने वालें को जल्दी छुट्टी दे देते थे. एक बार … Read more

‘सौभाग्य’ गरीब की जिन्दगी बदलने का सबब बने

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने एक सम्बोधन में कहा कि हम केवल शिलान्यास ही नहीं करते, बल्कि उद्घाटन भी करते हैं। उनके इस बयान में सच्चाई है। वे जो भी घोषणाएं करते हैं, उन घोषणाओं की क्रियान्विति पर भी उनका ध्यान केन्द्रित रहता है। लालकिला की प्राचीर से दिये गये संबोधन में उन्होंने एक हजार … Read more

इच्छाधारी हनीप्रीत की तलाश

टी. वी. में अखबारों में नेताओं के नारों में गाँव-गली-गलियारों में सब जगह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख फर्जी बाबा राम रहीम गुरमीत सिंह की शिष्या उर्फ दत्तक बेटी हनीप्रीत का ही जिक्र है। मोहल्ले के पांच वर्ष के बच्चे से लेकर अस्सी वर्षीय बुजुर्ग रामू काका जिनके दांत नहीं, पेट में आंत नहीं फिर भी … Read more

आचार्य डाॅ. शिवमुनि क्रांतिकारी संतपुरुष

भारत की रत्नगर्भा वसुंधरा ने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है, जो युग के साथ बहते नहीं, बल्कि युग को अपने बहाव के साथ ले चलते हैं। ऐसे लोग सच्चे जीवन के धनी होते हैं। उनमें जीवन-चैतन्य होता है। वे स्वयं आगे बढ़ते हैं, जन-जन को आगे बढ़़ाते हैं। उनका जीवन साधनामय होता है और … Read more

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल सरकार आखिर राष्ट्रीय मोर्चों पर असफल क्यों

मार्च 2017 में उप्र के चुनावी नतीजों के बाद देश भर के विभिन्न मीडिया सर्वे में जुलाई तक जिस मोदी को एक ऐसे तूफान का नाम दिया जा था जिसे रोक पाना किसी भी पार्टी के लिए “मुश्किल ही नहीं लगभग नामुमकिन है”, वही मीडिया सर्वे सितम्बर माह के आते आते मोदी के तेजी से … Read more

हे देवि! अब मृजया रक्ष्यते को लेकर हमारी शर्मिंदगी भी स्‍वीकार करें

अतिवाद कोई भी हो, वह सदैव संबंधित विषय की उत्‍सुकता को नष्‍ट कर देता है। अति की घृणा, प्रमाद, सुंदरता, वैमनस्‍य, भोजन, भूख, जिस तरह जीवन को प्रभावित करती हैं और स्‍वाभाविक प्रेम, त्‍याग, कर्तव्‍य को खा जाती हैं उसी प्रकार आजकल ”अति धार्मिकता” अपने कुछ ऐसे ही दुष्‍प्रभावों को हमारे सामने ला रही है। … Read more

गुजरात विधानसभा चुनाव की हुंकार

इनदिनों देश में गुजरात के विधानसभा चुनाव चर्चा का विषय बने हुए है, राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गयी है, चुनाव आयोग अब सितम्बर में किसी भी वक्त गुजरात में चुनाव की तिथियों की घोषणा कर सकता है। सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण बनता जारहा है, भले ही कुछ पूर्वानुमानों में एवं एबीपी … Read more

उम्र काट ली हमने, इश्क़ की इबादत में

देखने को दम कितना, दुश्मनों की ताक़त में, पेश आ रहे हैं हम अब तलक शराफ़त में. पढ़ते हो उदास चेहरे, चुप्पियों को सुनते हो, सुनके ये चले आये, आपकी अदालत में. नीयतों की नींव पे खड़ी, अज्म और ज़मीर से बनी, (अज्म = आत्म-सम्मान) अमनो-चैन रहता है, दिल की इस इमारत में. जुगनुओं के … Read more

अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ़्तार और घटता रोजगार

अब्दुल रशीद।। भाजपा की सरकार ने युवाओं से वादा किया था कि उनकी सरकार हर साल 2करोड़ नौकरी के अवसर उपलब्ध कराएगी। मोदी सरकार को तीन साल से ज्यादा हो गए हैं। इस दौरान नई नौकरियों के मौकों तो दूर नौकरी देने के मामले में 60% से ज्यादा की कमी आ गई। यह बात हम … Read more

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