शिक्षा सबसे मुनाफे वाली इंडस्ट्री बन गयी

भारत मे प्राइवेट स्कूली शिक्षा का कारोबार लगभग 8 लाख करोड़ का है तो सरकारी शिक्षा बजट 46 हज़ार करोड़ का जबकि 18 करोड़ मे से 11 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलो मे पढ़ते है। प्राइमरी के 87% और उच्च कक्षाओं के 95% बच्चे प्राइवेट टयुशन लेते है। भारत इस किस्म का शायद एक मात्र ऐसा … Read more

पहरे में धन, पिंजरे में धनवान

– मोहन थानवी बीकानेर। पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी। नोटबंदी ने धन पर पहरा लगा दिया। जीएसटी से धनवान पिंजरे तक सीमित होने लगे। नतीजन विकास के कदम थम से गए। सरकारी खजाने से करोड़ों अरबों की लागत से भले ही कितने ही शिलान्यास, लोकार्पण होने लगे हों मगर राष्ट्र की नियमित वाणिज्यिक गतिविधियों पर … Read more

अटल जी का सपना पूरा करती भाजपा तो अमर हो जाती

उमा भारती जी का एक बयान आया है जिसमे उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार यानी मोदी सरकार अटल जी का सपना पूरा कर रही है , में याद दिला दु की अटल जी का सबसे महत्वपूर्ण सपना नदियो को एक करने का था जिसके लिए उन्होंने अपनी सरकार जाने से पहले वादा भी किया … Read more

आम आदमी अपनी गाढ़ी कमाई के रुपए बचाने की चिंता में है

जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, तब से आम भारतीय अपनी गाढ़ी कमाई के रुपयों को बचाने की चिंता में डूबा हुआ है तथा नित नई आशाओं और दुराशाओं के झूले में हिचकोले खा रहा है। एक जमाना था जब पांच साल में इंदिरा विकास पत्र … Read more

पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी से जुड़े सवाल

हाल के दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत साल 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई हैं, बावजूद इसके देश में पेट्रोल, डीजल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। पेट्रोल और डीजल के दाम … Read more

एक ट्वीट ने मृणाल पांडे की कलई खोल दी

जब बड़े ओहदे पर रह चुकी नामचीन हस्‍ती मात्र अपनी खुन्‍नस निकालने को मर्यादा के सबसे निचले स्‍तर पर उतर आए और गली कूचों में इस्‍तेमाल की जाने वाली गरियाऊ भाषा को अपना हथियार बना ले तो क्‍या कहा जाए ऐसे व्‍यक्‍ति को। दैनिक हिन्‍दुस्‍तान की प्रधान संपादक रह चुकीं मृणाल पांडे ने अपनी नकारात्‍मकता … Read more

क्यों जिन्दगी का सच नहीं ढूंढ़ पाये?

जिन्दगी के सवालों से घिरा वक्त जीवन के सच को ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा है। यह कोशिश अतीत से वर्तमान तक होती रही है। अनेक महापुरुषों ने इसके लिये अपना जीवन होम कर दिया। इसी जीवन के सच की सांसों की बांसुरी में सिमटे हैं कितने ही अनजाने-अनसुने सुर जो बुला रहे हैं अपनी … Read more

बेटी का दर्द सुनाते छलक पड़ी पिता की आंखें

बोले- ‘मैं देश का रक्षक, मुझे इंसाफ दिलवाएं’ राजस्थान के बाड़मेर में जिस बेटी के साथ शिक्षा के मंदिर में दुष्कर्म की घिनौनी वारदात हुई उसके पिता के बारे में जानकर शायद आपका दिल कांप उठेगा। आप जानकर चौक जाएंगे कि जिन्हें देश और समाज में सम्मान की दृष्टि से देखकर सलाम किया जाता है … Read more

क़लम उठ जाती है

मधुमक्खी शहद बनाती , पर कभी लड़ जाती है । छोटों से मसखरी कभी , महँगी पड़ जाती है । बाबाओं का देश है ये , भक्ति भी अंधी है । पर्दा जब उठता है तब, आँखें झुक जाती है । बहुत बड़ा है घर उनका , पर दिल छोटा सा है । लक्ष्मी भी … Read more

कभी लगे थे चार चाँद ज़िन्दगी मै

आज कुछ अंको ओर मुहावरो को मिला कर कविता करने का मन बना है देखती हूँ क्या बन पडे ———— कभी लगे थे चार चाँद ज़िन्दगी मै फिर कही नो दो ग्यारह हुये चार दिन की आई चादनी रात जुगनु चन्द फिर तारी हो गये झूले हम बहुत सावन के झूले भादो मै भीगे भीगे … Read more

जननेता गिरोड़ीमल का भाषण

– देवेंद्रराज सुथार चौदह सितंबर यानि हिन्दी का दिन है। यह दिवस आज गांव के गांधी मैदान में बड़ी धूमधाम से मनाया जाना है। जगह-जगह हिन्दी दिवस की चर्चा है। अनपढ़ लोगों में कानाफूसी जारी है। साथ ही में देहाती लोगों में हिन्दी दिवस को लेकर उत्साह देखते ही बन रहा है। कार्यक्रम की रुपरेखा … Read more

error: Content is protected !!