विकृत धार्मिकता और अंध-आस्था से मुक्ति मिले

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के मामले में पंचकूला की सीबीआइ अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद बड़े पैमाने पर उपद्रव, आगजनी और हिंसा का जो नजारा देखने में आया, वह देश केे लिये दुखद एवं त्रासद स्थिति है। आखिर कब तक तथाकथित बाबाओं की अंध-भक्ति और अंध-आस्था कहर … Read more

रेल हादसों से क्या सीखा हमने …!!

तारकेश कुमार ओझा एस- सात कोच की बर्थ संख्या 42 व 43 । 12477 पुरी – हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस में यही हमारी सीट थी। जिससे एक दिन पहले ही हम झांसी पहुंचे थे। दूसरे दिन इसी उत्कल एक्सप्रेस के मुजफ्फरनगर में हादसे का शिकार होने की सूचना से मुझे बड़ा आघात लगा। क्योंकि एक दिन … Read more

खुशियों का फैसला

जो भावना मानवता के प्रति अपना फर्ज निभाने से रोकती हो क्या वो धार्मिक भावना हो सकती है? जो सोच किसी औरत के संसार की बुनियाद ही हिला दे क्या वो किसी मजहब की सोच हो सकती है? जब निकाह के लिए लड़की का कुबूलनामा जरूरी होता है तो तलाक में उसके कुबूलनामे को अहमियत … Read more

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ बन सकते हैं भाजपा के नये भैरोंसिंह शेखावत

ज्योतिषियों का तो मुझे पता नहीं लेकिन अपने राजनीतिक अनुभव से कह रहा हूं कि सन् 2018 से 2023 के बीच में राजस्थान भाजपा में एक नये सितारे का उदय होगा, यह सितारा है – केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ – राठौड़ इस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली पसंद हैं, साथ ही उन्हें केन्द्रीय … Read more

दोहरे राजनीतिक चरित्र की निष्पत्ति है चुनावी बाॅण्ड

भारत के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। आजादी के सत्तर वर्षों के बाद भी हमारे देश में राजनीति की जो दशा और दिशा है, उसे देख कर हताश ही हुआ जा सकता है। निर्वाचन आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने हाल ही में राजनीतिक विसंगतियों पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि किसी … Read more

पिंजरे में तू क्यों आया

रे पक्षी क्या हुआ, पिंजरे में तू क्यों आया ऐसा भी क्या लालच आया, जो तुझे पिंजरे में लाया। देख दाना हाथो में, जिन्हें तू समझता दोस्त है नहीं छोड़ते ये अपनों को, ऐसी तो इनकी सोच है। मतलब देख ये अपना, हर समय मुस्कुराएंगे छोटी सी एक बात पर, फिर तुझे ही काट खाएंगे। … Read more

काश कि रेल बजट तकनीक केन्द्रित होता

“आगे बढ़ने के लिए यह जरूरी नहीं कि गलतियाँ न हों लेकिन यह आवश्यक है कि उनकी पुनरावृत्तियाँ न हों ” भारतीय रेल की स्थापना 1853 में की गई थी। आज वह विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है एवं रोजगार देने के क्रम में सम्पूर्ण विश्व में आठवें पायदान पर आता है। भारत … Read more

भलाई का सिला अच्छा मिलेगा

मुमकिन है बहुत महंगा मिलेगा, भलाई का सिला अच्छा मिलेगा. यकीं भी कर रहा हूँ तो ये डर है, मुझे इस बार भी धोका मिलेगा. है घर ऊंचा मगर मैं सोचता हूँ, वहां पे आदमी कैसा मिलेगा. मुझे तुम रास्ता तो कह रहे हो, अँधेरे का सफ़र लंबा मिलेगा. मुझे खोकर तुम्हारा क्या गया था, … Read more

प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र हुए बीमार, कैसे बनेगा ‘न्यू इण्डिया’

डिजिटल इण्डिया, मेक इन इण्डिया, स्टार्ट अप इण्डिया के नारे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से एक बार फिर ‘न्यू इण्डिया’ बनाने का सपना साकार करने का ऐलान किया। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी आज भी स्वास्थ्य, चिकित्सा, पेयजल, शिक्षा, रोजगार जैसी मूलभूत समस्याओं … Read more

जुम्‍मन मियां को कैद से रिहा करो

वेद माथुर अजमेर की एक सरकारी मुस्लिम छात्र बहुल स्कूल में पढ़ने और तंग गलियों में मुस्लिम दोस्तों के घरों के चक्कर लगाते हुए जीवन का एक बड़ा भाग व्यतीत करने के कारण मुझे भारत में अल्प संख्यकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानने के लिए किसी आयोग की रिपोर्ट पढ़ने की जरूरत महसूस नहीं होती। आज … Read more

क्या ऐसे बनेगा मोदी का न्यू इंडिया

धर्म मनुष्य में मानवता जगाता है, लेकिन जब धर्म ही मानव के पशु बनने का कारण बन जाए तो दोष किसे दिया जाए धर्म को या मानव को ? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताजा बयान का मकसद जो भी रहा हो लेकिन नतीजा अप्रत्याशित नहीं था। कहने को भले ही हमारे देश … Read more

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