लावारिस लाशों के मसीहा बने अनिल थानवीं

मृत्यु एक शाश्वत सत्य है, इसे झुठलाया नही जा सकता । जो इस दुनिया में आया है उसे जाना ही पड़ेगा। यानि जो जन्मा है,उसकी मृत्यु निश्चित है। व्यक्ति के जन्म लेने के साथ ही उसके जीवन पर्यन्त तक उसकी नजरों के सम्मुख 15 संस्कार होते है, और समय आने के साथ उन संस्कारो का … Read more

खबरों के खजाने का सूखाग्रस्त क्षेत्र …!!

तारकेश कुमार ओझा ब्रेकिंग न्यूज… बड़ी खबर…। चैनलों पर इस तरह की झिलमिलाहट होते ही पता नहीं क्यों मेरे जेहन में कुछ खास परिघटनाएं ही उमड़ने – घुमड़ने लगती है। मुझे लगता है यह ब्रेकिंग न्यूज देश की राजधानी दिल्ली के कुछ राजनेताओं के आपसी विवाद से जुड़ा हो सकता है या फिर किसी मशहूर … Read more

कब तक लूटती रहेगी नारी अस्मिता?

यमुना एक्सप्रेस-वे के पास चलती कार को रोककर हत्या और चार महिलाओं के साथ दुष्कर्म की खौफनाक वारदात ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे राष्ट्र को शर्मसार किया है। चार औरतों की अस्मत का सरेआम लूटा जाना- एक घिनौना और त्रासद कालापृष्ठ है और उसने आम भारतीय को भीतर तक झकझोर दिया। उत्तर प्रदेश … Read more

शहर वासी आपस मे इस प्रकार से भी एक दूसरे की मदद कर सकते है

जैसे जैसे दुनिया बदलती है और आम आदमी नई नई तकनीक को अपनाता है वैसे वैसे आदमी के जीने का अंदाज, रहने, खाने पीने का अंदाज भी समय समय पर बदलता रहता है । उसकी सोच में भी बदलाव आता है इसी बदलाव से कुछ नए नए आइडिया जन्म लेते है और उनसे जिंदगी आसान … Read more

भ्रष्टाचार की जंग ही है सरकार की सफलता

भ्रष्टाचार का खात्मा नरेन्द्र मोदी सरकार का एक घोषित लक्ष्य है और यह प्रशंसनीय भी है। तीन वर्ष की सम्पन्नता पर यही एकमात्र ऐसी ऐतिहासिक स्थिति है जो उन्हें पूर्व की अन्य सरकारों से अलग स्थान देती है। भ्रष्टाचार, काला धन, आतंकवाद और नकली नोटों से लड़ने के लिए उनके ऐतिहासिक फैसलों ने जनता में … Read more

सरकारें नाकाम क्यों ?

बहुत ही दुखद लगता है जब हम अपने 70 वर्ष पुराने लोकतंत्र का अवलोकन करते है तब ऐसा क्यों महसूस होता है की दक्षिण पंथी विचार धारा की वर्तमान केंद्र और राज्य की सरकारे, जातीय और क्षेत्रीय संघर्ष को रोकने में अक्षम तो दिखती ही है, गहराई से देखने में प्रोत्साहित करने में नजर आती … Read more

अनैतिकता का अधिकार तो किसी भी पेशे में नहीं

*एथिक्स-वैल्यूज की पालना में राजेनेता क्यों बरतते हैं अलग अलग मापदंड* ————————————— *अमित टंडन, अजमेर।* डॉक्टर और टीचर की शाम की घरेलु प्रेक्टिस या ट्यूशन पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। दरअसल इन दो पेशों में आपत्ति इस बात पर होनी चाहिए कि डॉक्टर अपने सरकारी अस्पताल में आने वाले दस रुपये की पर्ची के मरीज … Read more

संसार भर से समर्थन के स्वर

पिछले कुछ दिनों में एक साथ कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें सम्पूर्ण संसार से भारत के पक्ष में समर्थन के स्वर और भारतीय सेना की भीम-गर्जना स्पष्ट सुनाई दे रही हैं। 18 मई को अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के 15 न्यायाधीशों ने एक स्वर और एक राय से कुलभूषण जाधव के मामले में न केवल पाकिस्तान … Read more

जिम्मेदार चेहरों पर कालिख का लगना

आजकल राष्ट्र में थोड़े-थोड़े अन्तराल के बाद ऐसे-ऐसे घोटाले, काण्ड या भ्रष्टाचार के किस्से उद्घाटित हो रहे हैं कि अन्य सारे समाचार दूसरे नम्बर पर आ जाते हैं। पुरानी कहावत तो यह है कि ”सच जब तक जूतियां पहनता है, झूठ पूरे नगर का चक्कर लगा आता है।“ इसलिए भ्रष्टाचार एवं घोटाले के प्रसंगों को … Read more

अबकी बारी,बिहार की बारी

ओम माथुर/चलिये एक और राज्य बिहार मे बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। लालू प्रसाद यादव के ठिकानो पर बेनामी सम्पत्तियो के मामले में आयकर छापों के साथ ही बिहार मे नितीश व लालू का साथ छूटने की पटकथा क्लाइमेक्स पर पहुंच गई है। सुशील मोदी का लगातार लालू पर आरोपों के हमले,फिर नीतीश … Read more

सोशल मीडिया पर बढ़ती अफवाहें -जिम्मेदार कौन

सोशल मीडिया आज सबसे ताकतवर मीडिया के रूप में उभरा है जिसमे इतनी ताकत है की मोदीजी को प्रधानमंत्री बना सकता है अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बना सकता है तो कइयों की कुर्सी छीन भी चुका है सोशल मीडिया के ताकतवर होने का कारण है इसकी पहुँच , आज इसकी जितनी पहुँच है उतनी किसी … Read more

error: Content is protected !!