दो जुड़वां बहने

दो जुड़वां बहने थी । हुई तो दोनों एक साथ व एक ही नक्षत्र में ,किन्तु एक मॉ की गोद में रहना उचित समझती थी, तो दूसरी आस – पड़ोस में । एक मॉ का दूध पीकर ऐसे बढ़ने लगी जैसे षुक्ल पक्ष का चन्द्रमा बढ़ता है, तो दूसरी डब्बे का दूध पी -पीकर ऐसे … Read more

कथित कलाकारों का कच्चापन..

कॉलेज के दिनों में एक बार मेरे शहर में दो राजनैतिक दलों के बीच भीषण हिंसक संघर्ष हो गया। मारामारी में किसी का सिर फूटा तो किसी के पांव टूटे। अनेक लोग गिरफ्तार हुए। कई पुलिस के डर से शहर छोड़ कर भाग निकले। लोगों में कानून का खौफ कायम करने के लिए पुलिस की … Read more

रैलियां प्रतिबन्धित और आयोजकों की ज़िम्मेदारियाँ तय हों

नेताओं और राजनीतिक पार्टियों को अपना दमखम और प्रभाव दिखाना होता है तो वे रैलियों का आयोजन करते हैं। रैलियां जिसमें हज़ारों , लाखों लोग जमा होते हैं। लोगबाग दूरदूर से चलकर या बसों से या रेलगाड़ियों से आते हैं या उन्हें लाया जाता है। इन रैलियों में आने वाले या लाये जाने वाले अधिकांश … Read more

नकली किन्नेर

नमस्ते जय माता दी … मे संध्या किन्नर अजमेर निवासी आप सभी को यह जानकारी देना चाहती हु कि अभी कुछ समय से नकली किन्नेरो ने हमारे इलाको के घरो मे जाकर बधाईय़ा ओर लाग लेना शुरु किया है ….ओर वो लोग नकली किन्नेर भी नहीं है वो सांची बस्ती मे रहने वाली ओरते है … Read more

माटी राजस्थान की

घूम-घूमकर देख रहा हूँ , झाँकी हिंदुस्तान की । थोड़ी साथ लिए चलता हूँ , माटी राजस्थान की । माथे पर इसको मलता हूँ , तन शीतल हो जाता । और लगाता सीने से जब , मन निर्मल हो जाता । जिसको संग रखने से होती , अनुभूति भगवान की । थोड़ी साथ लिए चलता … Read more

मुरारी बापू का जादू मुसलमानों के सिर चढ़ा

भारत की राजनीति के शीर्ष व्यक्तित्व श्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह दुनियाभर में भारत को एक नई पहचान देने के लिये प्रयत्नशील है उससे भारत राजनीतिक दृष्टि से एक महाशक्ति बन कर उभर रहा है। इनदिनों राजनीतिक ही नहीं, आध्यात्मिक जादू भी दुनिया के सर चढ़कर बोल रहा है। ऐसा लग रहा है भारत दुनिया … Read more

क़लम उठ जाती है

जब-जब भी बाहर जाता हूँ , आती याद मकान की । थोड़ी साथ लिए चलता हूँ , माटी राजस्थान की । माथे पर इसको मलता हूँ , तन शीतल हो जाता । और लगाता सीने से जब , मन निर्मल हो जाता । जिसको संग रखने से होती, अनुभूति भगवान की । थोड़ी साथ लिए … Read more

‘हर धड़कन पर तेरा ही नाम लिखा है

कहा खो गयी हूँ मैं जानती नही लापता हो गयी हूँ मिलने के बाद तुमसे होश ही कहा है अब मुझे इक तेरी मश्रुफियत और उस पर ये तन्हाई न कोई उमंग है बची खुद से बेज़ार हो गई हूँ भीड़ में भी खुद को तन्हा देखती हूँ अनजानों में खुद को ढूंढती हूँ ये … Read more

दषहरा व ईद मिलन

दषहरा आने के कुछ सप्ताह पहले ही चाचा की दुकान पर एक से एक आकर्षक सिले हुए षर्ट, फ्रांक,पेंट,टी षर्ट बच्चों का मन लुभाने लगते थे।तरह-तरह की चौकडियॉ लाईनिंग बच्चों के मन को खुब लुभाती थी । दादा रामनारायण उपाध्याय भी उनको देखकर कल्पना करते थे- ये मिन्टू पहनेगा तो कितना अच्छा लगेगा ये फ्र्राक … Read more

निश्चय

कर्मयोग पर पलना होगा, बीज की भांति गलना होगा मुश्किल को आसान बना दे, निर्धन को धनवान बना दे डाकू को इंसान बना दे, पत्थर को भगवान बना दे ये सब कर्मयोग का फल है, इसमें हर संकट का हल है संकट लोच सम्हलना होगा, बीज की भांति गलना होगा नदी निकलती है जब घर … Read more

देश कोरे ‘‘वाद’’ या ‘‘वादों’’ से ही नहीं बनेगा

क्या राजनीति में सौहार्द एवं सद्भावना असंभव है? क्या विरोध की राजनीति के स्थान पर देश के विकास की राजनीति को संभव बनाया जा सकता है? घृणा, विद्वेष और घनीभूत ईष्र्या के बिना क्या राजनीति हो सकती है? मूल्यों एवं सिद्धान्तों की राजनीति क्यों नहीं लक्ष्य बन सकती? ऐसे अनेक प्रश्न जन-जन को झकझोर रहे … Read more

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