गुम है मालदारों का माल
बेशकीमती धरोहर खो गई है मगर कोई थानेदार रपट नहीं लिखता कोई ओहदेदार हमारी पीड़ा नहीं सुनता तर्क है उनका; खो जाने में अपराध कहां ? अपराधी को ढूंढ़ें किस बिना पर ? धरोहर की लूट हो; चोरी हो; आग की घटना हो अमानत में खयानत या किया हो किसीने छल कपट लाओ कलम-दवात लिखा … Read more