अबूझ है संवेदना का समाजशास्त्र

-तारकेश कुमार ओझा- कुछ साल पहले मेरी नजर में एक एेसे गरीब युवा का मामला आया, जो आइआइटी में दाखिला लेने जा रहाथा और  उसे मदद की आवश्यकता थी। मेने अपना कर्तव्य समझ कर उसकी समस्या को  प्रचार की रोशनी में लाने की सामर्थ्य भर कोशिश कर दी। क्या आश्चर्य कि दूसरे दिन उस छात्र के … Read more

महाविनाश से महानिर्माण की ओर प्रस्थान

– आचार्य डाॅ. लोकेश मुनि- समय-समय पर रह-रहकर सांप्रदायिक हिंसा और आतंकवादी घटनाएँ ऐसा वीभत्स एवं तांडव नृत्य करती रही हैं, जिससे संपूर्ण मानवता प्रकंपित हो जाती है। इनदिनों काश्मीर के चुनावों में वहां की जनता की सक्रिय भागीदारी से बौखलाए आतंकवादी अपनी गतिविधियों में तेजी लाते हुए देश में हिंसा का माहौल निर्मित कर … Read more

Adam & Eve

मूल: : देवी नागरानी The EVE of my heart at every dawn Dream of a life’s paradise on earth The ADAM that is in my heart Is thrilled, at the beauty of EVE So serene, so pure as a lily Making a perfect link Between him and life. But the invisible wings of deadly death … Read more

सलीम की हुंकार से घबराई भाजपा

बौखलाहट में आकर दिल्ली की सड़कों पर दो केंद्रीय मंत्रियों ने बोले आपत्तिजनक जुमले यदि किसी धर्म में पैदा होने के कारण किसी को अहंकार हो जाये और किसी को ख़ौफ़ज़दा कर दिया जाएगा तो इससे सदभावना की मूल भावना ही समाप्त हो जाएगी देखना यह है कि सलीम की इन मांगों पर वह सरकार … Read more

खुशी..

-अमितेश कुमार ओझा- वृद्धाश्रम में संदूक रखते ही राजाराम ने चैन की सांस ली। अरसे बाद उनके चेहरे पर एेसी रौनक लौटी थी। हालांकि उनका यह व्यवहार दूसरे साथियों की तरह संचालकों व स्वयंसेवकों के लिए भी खासा रहस्यमय था। क्योंकि इस वृद्धाश्रम में खुशी – खुशी अब तक कोई नहीं आया था। सब मुसीबत के … Read more

आखिर मरीजों के प्रति डॉक्टरों का व्यवहार ऐसा क्यों?

आधे घंटे तक तड़पते रहे मरीज डॉक्टर करते रहे घायलो के परिजनों से बहस रविवार रात्रि को बाड़मेर जिले के शिव थाना क्षेत्र के अागोरिया फांटा के पास सेना के ट्रक और बोलेरो की आमने सामने भिड़त हो गई जिसमे दस लोगो को गंभीर चोटे आई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस व 108 एम्बुलेंस … Read more

पूर्णिमा वर्मन की रचनाओं का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: पूर्णिमा वर्मन 1॰ उदासी फिर उदासी की दरारों से कोई झाँकेगा, कहेगा आँख धो लो जल्द ही सूरज को आना है। 2॰ समंदर फिर समंदर रेत में डूबा हुआ था धड़कनों के पार कुछ टूटा हुआ था 3॰ चुप कुछ भी नहीं बचा कहने को चुप सिरहाने दर्द बिछाए ऊँघ गया था। 4॰ आँसू … Read more

जन्म दिन क्यों मनाते हैं ​’ बड़े लोग ‘

-तारकेश कुमार ओझा- जन्म दिन और नया साल। इन दो मौकों पर एेसा प्रतीत होता है मानो अनायास ही सिर समय की दीवार से जा टकराया हो। क्योंकि दोनों ही अवसर जीवन का एक साल औऱ बीत जाने का अलार्म बजाते हैं। हम जिस दौर में पले – बढ़े , उसमें किसी का जन्म दिन मनते … Read more

What is the Meaning of Life?

This earthly world is a place of spiritual training for the soul and spiritual development is the purpose and meaning of human life. “You are born on this Earth once every few hundred or few thousand years so that you may work with many types of people in new circumstances to refine your soul further. … Read more

झुकें … किन्तु प्रेम, नम्रता एवं सौजन्य से

आज के आपा-धापी भरे गलाकाट प्रतियोगिता के युग में चाहे कोई भी क्षेत्र हो आप अपने संतुलित व्यव्हार एवं सौम्य आचरण की बदौलत हीं अपनी पहचान और पैठ बना सकते हैं । भीड़ से हटकर अपनी एक नई पहचान, अपना एक अलग मुकाम बनाने के लिए आपको अपने व्यक्तित्व को उस योग्य बनाना होगा । … Read more

भारत के विवादित धर्मगुरु

हमारा देश को संतों -साधुओं के देश के रूप में भी जाना जाता है |हमारे देश में तथागतित धर्म गुरु, योग गुरु अपार धन सम्पदा, एश्वेर्य एवं सुख सविधा के मालिक हैं, इनमें से कुछ लोग धन की हेराफेरी, महिलाओं से अभद्र व्यवाहर,बलात्कार की घटनाओं की वजह से समाचारों की सुर्खीयां बन जाते हैं तो … Read more

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