मोदी जी सिर्फ भाषा में नहीं भावना में भी बापू को शामिल करो

-सपा सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम- मोदी जी,बापू भी कोर्ट पेंट पहनते थे ! बापू ने आपकी तरह किसी महान पाठशाला में शिक्षा ग्रहण नहीं की थी बल्की दुनिया की एक मामूली सी संस्था ऑक्सफ़ोर्ड से बेरिस्टर बनकर आये थे ! जहां कोर्ट पेंट ही पहना जाता था लेकिन गरीब नंगे भूखे भारतीयों को देखकर बापू … Read more

……यों बदलाव की राह खोल रही बिहारी बयार

कुदरत का यह नीयम है कि,जब भी कभी बदलाव की बयार चल निकली है ,उसने आस पास काफी कुछ लपेट लिया होता है। मैं यह तो नही मानता कि, बिहार मे हारी भाजपा मे कोई बहुत बड़ा बदलाव आएगा किन्तु यह भी सच है कि, विरोधी बयार कुछ ऐसे ही सकेत जरूर दे रही है … Read more

राम नाम की अंगूठी पहन कर लेने वाला टीपू सुलतान हिन्दू विरोधी !

यह कैसा अन्याय है कि मुस्लिम टोपी का विरोध करने वाले मोदी तो धर्मनिरपेक्ष और अपनी ज़िंदगी की आख़री सांस भारत माँ को आज़ाद कराने के लिए राम नाम की अंगूठी पहन कर लेने वाला टीपू सुलतान हिन्दू विरोधी ! मुल्क में अब गोडसे तो ज़िंदा रहेगा लेकिन देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने … Read more

“जिँदगी आज/ मौत की गोद में/ आबाद हुई”

1- सँगम खोखला जिस्म, खोखली साँसें रुक रुककर, चलने की चाह में जिँदा कदम लड़खड़ाकर सँभलने लगे हैं- हर आस रेत सी क्यों हाथ से फिसलती है ? सीने से लिपटी, हर खुशी क्यों दम टोड़ती है? ढळती उम्र है पर सूरज ढला नहीं है। 2 ‍‍‍: सच की सरहद जिँदगी की शान है सूरज … Read more

पुस्तक समीक्षा

पुस्तक-परिचय इक कली थी (काव्य-संग्रह) कवयित्री: कंचन पाठक दिव्य भावनाओं की सुगंध से ओतप्रोत बहती बयार है, कंचन पाठक का काव्य-संग्रह ‘इक कली थी’। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ प्रस्तुत संग्रह में कवयित्री की पचपन कविताएं हैं । ये सभी कविताएं मन का बहुत स्नेह से स्पर्श करती हैं और फिर पढने वाले को अपना बना लेती हैं । … Read more

मोदी बनाम आज़म और बाबरी बनाम दादरी बिहार चुनाव का राजनीतिक अस्त्र सिद्ध हुए

दादरी मामले में मोदी की खामोशी और आज़म खां की बेबाकी बिहार चुनाव का केंद्र बिंदू बनी ! देश की सियासी फजाओं में इंसानियत,सदभावना,शांती और कानून के राज्य के प्रती सजगता का सूरज नमूदार हुआ और देखते ही देखते सारे देश के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रभक्त बुद्धिजीवी इस तरह जाग गये कि बिहार चुनाव एक प्रयोगशाला बनकर … Read more

गायें फिर से पशु हो जाना चाहती हैं !

“गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्य ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब … Read more

वाह रे, बाबू बिहारी !

ढेरों कलमे गढे, और पढा चालीसा, भीड़ तो खूब जुटी, शाह बने खलीफा । इस त्योंहार, काँग्रेस को मिली एनर्जी, …तो मोदी जी के, गले पड़ गई हार ।। भला ये कैसा, मंजर चला दोस्तों, लालू नीतीश की बही, बिहारी बयार। चैनलों ने ,चलाई दिनभर कहानियाँ, राजनीति के पंडितों ने, दिखाया आईना।। शुद्ध होता जब … Read more

छाबड़ा की शहादतः

-राजेन्द्र राज- राजस्थान के इतिहास में अब ये शब्द अमिट स्याही से अंकित हो गए है- ’’शहीद स्मारक पर मैं, शहादत देने आया हॅूं। क्योंकि इस बार का संघर्ष, सरकार से आर पार का होगा।’’ सरकार की संवेदनहीनता ने इसे साकार कर दिया। निष्ठुर बनी सरकार एक सामाजिक कार्यकर्ता के अमूल्य जीवन को लील गई। … Read more

मोदी के पराजय के कारण

लालू की कुर्बानी,नितीश का सुशासन,साहित्यकारों का विरोध और आज़म खां के सियासी हमले बिहार में मोदी के पराजय के कारण बने ! – आमिर अंसारी – उपरोक्त मुस्लिम वर्ग का बिहार के चुनावो में मुत्तहिद होकर मतदान करना बिहार के चुनाव की तकदीर लिखने की तरह था और इस सिद्धांत के प्रती अपनी आज़ाद ख्याली … Read more

अभिनंदन के अर्थ…

82 वर्ष बाद एक अभिनंदन ग्रंथ पाठकों के हाथ में फिर है। इसका नाम है ‘द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ’। अपने समय की प्रतिष्ठित हिन्दी सेवी संस्था काशी नागरी प्रचारिणी सभा ने यह ग्रंथ हिन्दी के प्रथम आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के सम्मान में छापा था। यह वही महावीर प्रसाद द्विवेदी हैं जिन्होने भारतेंदु हरिश्चंद्र की बनाई … Read more

error: Content is protected !!