एक पत्र नरेन्द्र मोदी के नाम

“नरेंद्र मोदी जी में एक सिक्ख हूँ । सिक्ख हूँ उस गुरु गोविंद सिंह जी का , जिसने अपना पूरा परिवार न्योछावर कर दिया मुग़लों से हिंदुओं की रक्षा में । सिक्खों का बलिदान देश ही नहीं पूरी दुनिया में जग जाहिर है । मेरा भारत देश , मेरी भारत माँ पर जब भी कोई … Read more

लोकतंत्र का माखौल उड़ाते स्लम एरिया

रिक्शा चलाने वाले, सेक्स वर्कर, सीजनल वर्कर, फेरीवाले, घरेलू नौकरों सहित छोटे मोटे कार्य कर असहनीय वातावरण एवं सुविधाओं में जिन्दगी बसर करने वाले स्लम एरिया में रह रहे बच्चेें, उम्रदराज, युवा और महिला मजदूर लोकतंत्र के सीने पर धब्बें सरीखे हैं और समानता के अधिकार का गला घोंटते प्रतीत हो रहे है। एशिया में … Read more

उमा व गोविंदाचार्य को संघ नहीं दी थी शादी की इजाजत

-बीपी गौतम- न मौसम, न बादल, फिर भी बरसात होने लगे, तो अधिकाँश लोगों के मन में यह सवाल उठने लगेगा कि बारिश कैसे हो रही है? गोविंदाचार्य और उमा भारती के जवानी के चर्चे आज कल सुर्ख़ियों में हैं, जिससे अधिकांश लोगों के मन में यह सवाल चल रहा है कि बुझ चुकी आग की … Read more

राजनीति की ताकत और मेवाड़ का महत्व

-निरंजन परिहार- दिल्ली हमेशा से हमारी सत्ता का केंद्र रही है। देश तो दिल्ली से चलता ही है, बादशाह अकबर और उसकी औलादों ने भी हम पर वहीं से राज किया। इसलिए चलिए, इस बार अपन मेवाड़ की राजनीति बात की शुरूआत भी दिल्ली से ही करते हैं। सबसे पहले एक ऐतिहासिक संदर्भ सुन लीजिए। इतिहास … Read more

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव – एक राजनैतिक अनुमान

पहली बार आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में त्रिकोणीय संघर्ष काँग्रेस, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और आआपा (आम आदमी पार्टी) के बीच देखने को मिलेगा. दिल्ली में मतदाता काँग्रेस से नाराज दिखते प्रतीत होते हैं, कारण बहुत से हैं -भ्रष्टाचार, कुशासन, महँगाई आदि. भाजपा के बारे में भी मतदाताओं की राय फिलहाल अच्छी नहीं है. भ्रष्टाचार … Read more

दलों के दलदल में आरटीआई भी नपुंसक

-निरंजन परिहार- आरटीआई ने भले ही बहुत बवाल मचा रखा है। लेकिन अंततः सरकार इसे नपंसक बना देगी। सारी तैयारियां हो गई हैं। वैसे, सरकार में बैठे लोगों ने जब इस कानून को लागू किया था, तब सोचा नहीं था कि आरटीआई एक दिन राज करनेवाली पार्टियों के गले की घंटे बन जाएगा। लेकिन आरटीआई एक्ट … Read more

मनमोहन की मिमियाहट बनाम मोदी की गरज

“आज अनायास बचपन की याद हो आई । 15 अगस्त हो या 26 जनवरी , सुबह सवेरे जल्द उठकर स्कूल जाते थे । झण्डा फहराया जाता था । देशभक्ति गान होता था । लड्डू बंटते थे और खुशी खुशी घर लौटते थे । आस पड़ौस , गली मोहल्ले का वातावरण देशभक्ति के गानो से गूँजता … Read more

अत्यधिक मोबाइल उपयोग से कैंसर का खतरा

-शिव कुमार बंसल- एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने से कोशिकाओं में एक तरह का तनाव पैदा होता है, जो कोशिकीय एवं अनुवांशिक उत्परिवर्तन से संबद्ध है तथा इसके कारण कैंसर का खतरा पैदा हो जाता है. अध्ययन के मुताबिक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कोशिकाओं में उत्पन्न होने … Read more

सेनाध्यक्ष का अभिनन्दन

गत् सप्ताह 6 अगस्त को विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने संसद में हमारे चार नेताओं -राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली और मुझे सूचित किया कि प्रधानमंत्री हमसे उस विषय पर विचार-विमर्श करना चाहते हैं जिसका उन्होंने अपनी बंगलादेश यात्रा पर जाने से पूर्व संक्षिप्त रूप से संदर्भ दिया था। यानी दोनों देशों के बीच … Read more

संपादक मतलब कुतुब मीनार

-विकास कुमार गुप्ता- बहुत पहले संपादक की परिभाषा के परिप्रेक्ष्य में मास काॅम के कोर्स में एक जगह लिखा हुआ पढ़ा था कि ”हर सम्पादक अपने को कुतुब मीनार से कम नहीं समझता।“ अपने पुर्ववर्ती अनुभवों में मैंने इसे बहुधा सही भी पाया। एक जगह उप सम्पादक की परिभाषा लिखी थी कि ”उपसम्पादक युद्ध का बेनाम … Read more

काला उजाला

वह एक धोबिन अपनी ही दरिद्रता की गंदगी में अमीरी की मैल धोती है। उस बाहरी उजलेपन को देखने वाली आँखें उसके पीछे का मटमैलापन नहीं देख पातीं। काश अमीरी भेद पाती तो यक़ीनन देखती और महसूसती उस गंदगी की बदबू को जो वह ओढ़ती रहती है बार-बार सच मानिए, तब वह ज़रूर एक उजला … Read more

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