गेस्ट-रायटर
मेंढ़की को ब्याह रचायौ, सुनो जी सरकार!
कहते हैं कि बुद्धिमान लोग तो लिफाफा देख कर ही उसका मजमून भांप लेते हैं और एक मैं हूं कि पत्र खोल कर पढऩे के बाद भी कुछ पता नहीं लगा सका कि पत्र का आशय क्या है? उसमें लिखा था, आ रही है। कौन आ रही है? क्यों आ रही है? कब आ रही … Read more
एक कर्मयोगी युवा की कहानी
नौगॉव जो कि बुन्देलखण्ड की राजधानी के रूप में नौगॉव गिना जाता हैएबात उस समय की है जब भारत देष को आजाद हुये 20 साल हो चुके थेंए सन् 1967 में हायर सेकेण्ड्री नोगॉव में एक अनुषासन था तथा षिक्षक व छात्र के बीच में निर्मला थी तथा षिक्षक अपने छात्र को किसी न किसी … Read more
पाक शमशेर को भारतीय बनने का इंतजार
नारायण बारेठ, वरिष्ठ पत्रकार उम्र गुजर गई सरहदों के बीच आवाजाही करते करते, मगर अब 90 साल के शमशेर खान की साँसें फूल गई हैं. वो भारत में राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक गाव में पैदा हुए, लेकिन भारत की आजादी के दौरान, जिन्दगी के सफ़र का एक कदम उन्हें पाकिस्तान ले गया और … Read more
मानसूनजी हमें तुम क्यों भूले पडे?
इधर नित्य प्रति ही अखबारों में तरह तरह के विज्ञापन निकल रहे है. कोई ‘मानसून सेल’ लगाकर करोडों का माल लाखों में बेचने का दावा कर रहा है तो कोई अपने माल को ‘मानसून ऑफर’ बताकर प्रचार कर रहा हैं और तो और अब तो सरकार भी इनकी देखा देखी अगले अगस्त से संसद का … Read more
पटरियों की तरह
पहले -पहल जब हम रोज मिला करते थे अनकही बातों के जबाब भी तुम मुस्कुरा कर देते थे और अब हम समझदार हो गए ज्यादातर चुप रहते हैं किसी बहाने से हाथों को छूने के तरीके भी नहीं तलाशते वो रंग जो मेरे पहनने से तुम्हारी आँखों में फबा करता था मैं उससे कतराती हूँ … Read more
और लाइन कट गई
वह क्यू का जमाना था, हर बात में क्यू, राशन की दुकान जाओ तो क्यू, नौकरी के लिए एम्लायमेंट ऐक्सचेंज जाओ तो क्यू, शादी के लिए लड़कियों के लिए क्यू, यहां तक कि टेलीफोन करो तो भी क्यू। अकसर ही सुनने को मिलता था कि कृपया आप क्यू में हैं, इंतजार कीजिये। कई बार तो … Read more
‘पाप’ किया है तो उपलब्ध है मुक्ति का सर्टिफ़िकेट
नारायण बारेठ, वरिष्ठ पत्रकार भारत में पुण्य अर्जित करने के लिए लोग चार धाम और तीर्थ स्थानों की यात्रा करते रहे हैं. कोई अपने पाप धोने के लिए भी धर्म स्थलों की यात्रा करता है, किसी को गंगा में स्नान से दोष निवारण का सुख मिलता है तो कोई नदी, सरोवर और पोखर में डुबकी … Read more
हमने मुस्कराकर बात क्या कर ली
हमने मुस्कराकर बात क्या कर ली उन्हें लगा हम उनसे प्यार जता रहे हैं नाराज़ हो कर कहने लगे अपनी उम्र देखिये ना जान ना पहचान मीठी बातें क्यूं कर रहे हैं ? हमने जवाब दिया हमें पता नहीं था अपनों से छोटों से मीठी बात नहीं करनी चाहिए मानते हैं भेड की खाल में … Read more
जब से मिला हूँ तुमसे
डा.राजेंद्र तेला,”निरंतर” जब से मिला हूँ तुमसे जो काटने को दौड़ता था अब अच्छा लगने लगा मन खुश दिल मदहोश रहने लगा चेहरा चमकने लगा जब से मिला हूँ तुमसे रातों को जागने दिन में ख्वाब देखने लगा ख्यालों में खोने लगा जब से मिला हूँ तुमसे आसमान में उड़ने का नाचने गाने का मन … Read more