कहां है अजमेर को स्मार्ट बनाने का मोदी-बराक समझौता

ajmer smart cityनरेन्द्र मोदी ने पीएम बनने के बाद देश के तीन प्रमुख शहरों को स्मार्ट बनाने की घोषणा की थी। यह शहर है विशाखापट्टनम, इलाहाबाद और अजमेर। तीनों ही शहरों का अपना धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। अपनी घोषणा पर अमल करते हुए मोदी ने जनवरी 2015 में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति बराक ओबामा से एक समझौता भी किया। यह समझौता अजमेर को स्मार्ट बनाने के लिए था। इसके बाद अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि अजमेर भी आए और स्मार्ट सिटी की संभावनाओं को तलाशा। इसी क्रम में पूर्व डीसी धर्मेन्द्र भटनागर भी स्मार्ट सिटी का झुनझुना बजाते रहे। जब स्वयं पीएम मोदी ने अजमेर को स्मार्ट बनाने की घोषणा की तो किसी को भी संशय नहीं था, लेकिन आज उस समझौते को तलाशा जा रहा है जो नरेन्द्र मोदी व बराक ओबामा के बीच हुआ था। अजमेर नगर निगम के नवनिर्वाचित मेयर धर्मेन्द्र गहलोत की माने तो अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का सरकारी स्तर पर कोई निर्णय ही नहीं हुआ है। वर्तमान में भी जो कवायद चल रही है, वह स्मार्ट सिटी को लेकर प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता में यदि अजमेर सफल हुआ तो ही स्मार्ट सिटी की घोषणा लागू होगी। गहलोत भी भाजपा के है और मोदी भी केन्द्र में भाजपा की सरकार का ही नेतृत्व कर रहे है। गहलोत के भी यह समझ में नहीं आ रहा कि यदि मोदी और बराक के बीच कोई समझौता हुआ था तो उसका कोई पत्र नगर निगम में क्यों नहीं आया। मेयर बनने के बाद गहलोत ने निगम कार्यालय की एक-एक फाइल दिखवाई लेकिन फिर भी समझौते का पत्र नहीं मिला। यही वजह है कि अब 10 नवम्बर को गहलोत ने सारे बंधनों को तोड़ते हुए सीधे बराक ओबामा को ही पत्र लिख दिया है। गहलोत ने किन नियमों के तहत सीधे ओबामा को पत्र लिखा यह तो नहीं पता लेकिन ओबामा से यह आग्रह किया गया कि भारत के जो बीस शहर स्मार्ट बनने जा रहे है, उसमें अजमेर को भी शामिल करवाया जावे। यानि गहलोत ने ओबामा से नरेन्द्र मोदी के कामकाज में दखल करने का आग्रह किया है। देश के 20 शहरों को स्मार्ट बनाने का काम नरेन्द्र मोदी की सरकार करेगी लेकिन गहलोत चाहते है कि ओबामा मोदी पर दबाव डालकर अजमेर को शामिल करवाए। थोड़े दिन पहले ही केन्द्र सरकार ने इन 20 शहरों के लिए जो प्रतियोगिताएं आयोजित की उसमें अजमेर सहित सौ शहरों का चयन हुआ। गहलोत चाहते है कि अब इन सौ शहरों में प्रथम 20 में अजमेर शामिल हो जाए। गहलोत तो ओबामा से दीपावली का तोहफा भी मांग रहे है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि गहलोत का पत्र ओबामा तक कैसे पहुंचेगा। क्या गहलोत इस पत्र को भारत स्थित अमेरिका दूतावास के माध्यम से ओबामा के पास पहुंचाएंगे या फिर सीधे ही पत्र को वाशिंगटन भेज देंगे। गहलोत ने सीधे ओबामा को जो पत्र लिखा है उसको लेकर नरेन्द्र मोदी और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे की क्या प्रतिक्रिया होगी यह अभी गर्भ में ही है। कही ऐसा तो नहीं कि ओबामा से दखल की मांग पर मोदी और वसुंधरा अजमेर के मेयर से नाराज हो जाए। गहलोत के इस पत्र ने भी स्मार्ट सिटी की पोल खोल कर रख दी है।
एक भी पार्षद ने नहीं दिया सुझाव :
निगम के अति उत्साही आयुक्त एच.गुइटे ने स्मार्ट सिटी को लेकर निगम के पार्षदों से सुझाव मांगे थे। निगम में कांग्रेस और भाजपा के 60 पार्षद है लेकिन एक भी पार्षद ने सुझाव नहीं दिया। पार्षदों की इस बेरूखी पर गुइटे ने अफसोस जाहिर किया है। गुइटे ने कहा कि जब निर्वाचित जनप्रतिनिधि ही रूचि नहीं ले रहे है तो फिर स्मार्ट सिटी की योजना कैसे तैयार होगी। गुइटे भी चाहते है कि अजमेर प्रथम 20 शहरों में शामिल हो जाए
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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