अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के महामंत्री भंवरलाल गर्ग ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि राज्य सरकार व्दारा 28 जुलाई को आदेश प्रसारित कर राजस्थान सिविल सेवा नियम 2008 की अनुसूची 5 में संशोधन के नाम पर जुलाई 2017 में 1750 से 2800 एवं 4800 ग्रेड पे के कर्मचारियों को वेतन वृध्दि नही लगाने पर किया गया बहुत बडा आर्थिक हमला है, राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ बर्दाशत नही करेगा, राज्य सरकार का यह आदेश प्रदेश के 1.50 लाख कर्मचारियों के हितों पर सीधा कुठाराघात है, संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदानसिंह कविया ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियो की सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग के विपरीत राजस्थान के कर्मचारियों के 4 से 5 हजार रूपये मासिक वेतनमान कम करने जा रही है प्रदेश की मुख्यमंत्री महोदया को सचेत करते हुए कहा कि वो अपने अधिकारियो की कर्मचारी विरोधी निर्णयो पर अंकुश लगावे नही तो सरकार को कर्मचारियों के बहुत बडे आदोलन का सामना करना पडेगा
महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के के गुप्ता ने कहा कि वर्तमान सरकार वर्ष 2013 से लगातार कर्मचारी विरोधी नीति अपना रही है सरकार की कर्मचारीय विरोधी नितियों के माकुल जवाब के लिये प्रदेश के कर्मचारियो का एक साथ मिलकर संयुक्त संघर्ष का आव्हान किया एवं कहा कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के लिए संयुक्त कर्मचारी महासंघ प्रदेश के समस्त कर्मचारी संगठनों एवं महासंघो को साथ लेकर आर पार का संघर्ष करेगा प्रदेश महांमत्री तेजसिंह राठोड ने कहा कि संरकार कर्मचारियो से छलावा कर रही है, एक ओर तो सरकार सिविल सेवा नियम 2008 में संशोधन पर कर्मचारियो के विरोध पर वार्ता हेतु 3 केबीनेट मंत्रीयों की समिति बना रही है वहीं दूसरी ओर रातो रात कर्मचारियों की वेतन वृध्दि रोक रही है संयुक्त कर्मचारी महासंघ सरकार के इस आदेश की घोर निन्दा करता है एवं आदेश को निरस्त करने तक उग्र आन्दोलन की घोषणा करता है