अभी से अशोक गहलोत याद आने लगे

gehlotजब झुरीदार और हिलते हुए हाथो मे डाकिया पेन्सन वाला लिफाफा पकड़ाता है तो आखो मे अनायास ही आसूं आ जाते है और दिमाग मे गहलोत का चहरा आ जाता है , उन बुजुर्गो ने कभी नहीं सोचा था की उनकी इस उम्र के भी कोई सुनने वाला होगा पर वो सपना साकार कर दिखाया गहलोत ने ।
क्या फर्क पड़ता है सत्ता मे नहीं आ पाए, पर अब तो जनता को भी आभास होने लगा की महारानी सत्ता मे आकार जनता के लिए क्या पहाड़ तोड़ दिए बस जनता को बर्गलाया और अब मज़े से दिन काट रहे है ।
अभी से अशोक गहलोत याद आने लगे जनता को पाँच साल मे महारानी के कारनामो से जनता अपने आप फिर से गहलोत जी को सेवक के रूप मे चुन लेगी ।
भारत मे सब से अधिक बुजुर्गो को राजस्थान मे पेन्सन दी गई पर अब तो उनकी आशाओ पर भी पानी फिरने लगा है लोकसभा चुनाव बाद तो क्या हालात होगे भगवान मालिक है ।

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