टीम अन्ना भले ही अपने आंदोलन को ताक पर रख कर राजनीतिक दलों की राह पर चलने जा रही है, मगर उसने राजनीतिक दलों को एक नई राह जरूर सुझा दी है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ द्वारा शुरू होने वाले सदस्यता अभियान के अन्तर्गत एक ऑनलाइन सदस्यता आवेदन पोर्टल प्रदेश भा.ज.पा. की वेबसाइट शुरू किया जा रहा है, वहीं प्रदेश कांग्रेस ने भी अपनी वेबसाइट बना ली है, जिस पर सभी जानकारियों के साथ बड़े नेताओं के ब्लॉग भी होंगे।
कानाफूसी है कि राजनीतिक दलों को यह प्रेरणा टीम अन्ना से ही मिली है, जिसने अकेले सोशल मीडिया और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के दम पर सरकार की नाक में दम कर दिया था। तब एक कांग्रेसी अथवा भाजपाई यदि सोशल साइट पर चूंटिया भी भर देता था तो अन्ना के दस-दस समर्थक उन्हें नोचने को आ जाते थे। अब राजनीतिक दलों को भी लग रहा है कि अगर हाईटेक आंदोलनों का मुकाबला करना है तो उन्हें भी हाईटेक होना पड़ेगा। बेशक बदलते वक्त के साथ कदमताल का स्वागत है, पर इसमें खतरा सिर्फ इतना है कि कहीं हाईटेक होने के इस चक्कर में कहीं राजनीतिक दल भी टीम अन्ना की तरह हवाई टेक न हो जाएं और धरातल पर पकड़ खो बैठें।
1 thought on “क्या टीम अन्ना से सिखाया हाईटेक होना?”
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आन्दोलन को ताक में नहीं रखा गया है और न ही हम अन्य दलों की राह पर चल निकले हैं……
ये जनता का आन्दोलन अब सड़क से संसद तक अपनी पहुँच बनाएगा……
अब हम राजनीति करने नहीं राजनैतिक क्रांति लाने ही मैदान में सीना ठोक के उतरे हैं….
धरातल तक पहुँच है और इस पकड़ को हम और मज़बूत करने की राह में कदम दर कदम बढे जा रहे हैं…..