रिलायंस फाउंडेशन (आरएफ) ने मराठवाड़ा के 2500 एकड़ सूखाग्रस्त क्षेत्र और 14000
लोगो ं के लिये पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु स्थायित्वपूर्ण कदम उठाया
और ंगाबाद, 21 मई 2016: महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र सूखाग्रस्त है। कई सालों से खराब मानसून एवं जमीनी जल के अत्यधिक प्रयोग के कारण पानी का स्तर बहुत गिर गया है, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।
पिछले चार सालों से रिलायंस फाउंडेशन (आरएफ) द्वारा अपने प्रमुख ग्रामीण परिवर्तन
कार्यक्रम के माध्यम से मराठवाड़ा म े ं पानी की समस्या के लिए दीर्घकालिक समाधान प्रदान करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
आरएफ ने एक बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के सोयगांव में सोना
नदी के पुनरूद्धार का बीड़ा उठाया है। यह प्रोजेक्ट 14000 लोगों को लाभान्वित करेगा एवं इससे पांच गांवों- अमखेड़ा, गलवाडा, वेतालवाडी, सोयगांव एवं सोनदवाड में 2500 भूखंडा की सिंचाई संभव हो पायेगी। इसकी मदद से क्षेत्र में 100 से अधिक कुओं को फिर स पानी से भरा जायेगा एवं सुनिश्चित किया जायेगा कि यहां पर पीने के पानी की कमी न रहे।
औरंगाबाद जिले के दूरदराज के सोयगांव में पानी की बहुत कमी है। क्षेत्र में अधिकांश
कुएं/बोरवेल सूख चुके हैं। सिंचाई के जल की बात तो द ूर, स्थानीय पंचायत के पास
सोयगांव के लोगों को पेयजल की आपूर्ति तक के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं हैं।
फाउंडेशन ने सोना नदी के एक किलोमीटर लंबे हिस्से की सफाई एवं गाद हटान े के लिए टीम को तैनात किया है। यह काम युद्धस्तर पर जारी है। टीम का लक्ष्य दो सूख चुके बांधों का पुनरूत्थान करना और मानसून के आगमन से पहले नदी पर दो नए चेक डैम बनाना है। स्थायित्वपूर्णता सुनिश्चित करने के लिए टीम द्वारा स्थानीय लोगों में जल
संचयन (वाटर हार्वेस्टिंग) की जागरुकता भी बढ़ाएगी।
मिशन राहतः मराठवाड़ा
स ूखाग्रस्त क्षेत्र को तात्कालिक राहत द ेन े के लिए, आरएफ ने सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर चार मराठवाड़ा जिलों- लातुर, हिंगोली, जालना एवं नांदेड़ में 100 अत्यधिक सूखापीड़ित गांवों की पहचान की है। इन गांवों में रहने वाले 50,000 से अधिक परिवारों को पेयजल प्रदान करने की व्यवस्था का विकास किया गया है। हर गांव में प्रतिदिन 3-4 टैंकर भेजे जाते हैं। यह आरएफ द्वारा एक प्रभावशाली प्रणाली है, जो पेयजल की समान एवं सुरक्षित आपूर्ति करता है। गांवों में पानी की आपूर्ति के लिए प्रतिदिन लगभग 100 टैंकर खड़े किये जाते हैं।
लातुर जिल े क े स ेवानगर ट ंडा में रहने वाली संजना पवार ने कहा, ‘‘हमें पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था, क्योंकि हमारे गांव के आसपास पानी का कोई स्रोत नहीं है। हमारे सारे काम रुक जाते थे, क्योंकि हमें दिन भर पानी की तलाश करनी पड़ती थी। हमारी बेटियां भी हमारे साथ जाती थीं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती थी। लेकिन अब रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से हमें घर पर ही पीने का पानी मिल रहा है।’’
नांद ेड़ जिले म े ं हरबल गांव क े महाजन आन ंदराव शि ंद े ने कहा, ‘‘पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आरएफ का यह अभियान काफी मददगार साबित हुआ है। आरएफ द्वारा पानी के टैंकर लगाए जाने से पहले यहां बहुत कम पानी उपलब्ध था। रिलायंस फाउंडेशन ने हमारी मदद की और हमें पेयजल उपलब्ध कराया।’’
रिलाय ंस फाउ ंडेशन के विषय मे ं: रिलायंस फाउ ंडेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की लोकपरोपकारी इकाई है। इसका उद्देश्य खोजपरक एवं स्थायित्वपूर्ण समाधानों के माध्यम से द ेश की विकास चुनौतियों क पूरा करन े में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। संस्थापिका और चेयरपर्सन श्रीमती नीता अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस फाउंडेशन रुपांतरणकारी परिवर्तन की दिशा में काम करने के लिये प्रयासरत है, ताकि देश की सामाजिक पू ंजी का विकास कर सभी के लिये एक समग्र रूप से बेहतर एवं उच्च गुणवत्तायुक्त जीवन सुनिश्चित किया जा सके। भारत की सबस े बड़ी सामाजिक पहलों के बीच फाउंडेशन ने ग्रामीण रूपांतरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल-कूद,
आपदा प्रबंधन, शहरी नवीकरण और कला, संस्कृति एवं विरासत में देश की विकास
चुनौतियो ं का समाधान करन े पर ध्यान केन्दि ्रत किया है। फाउंडेशन के प्रत्यक्ष प्रयासों ने देश भर में 10,500 से अधिक गांवों एवं शहरी क्षेत्रों में छह मिलियन से अधिक लोगों की जिंदगियों को छुआ है।
स्मिता जोशी
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