ऐसा क्या हुआ अंतिम संस्कार के दौरान जो खफा हुए परिजन?

पहले हैवानियत का शिकार हुई गैंगरेप पीड़िता की मौत पर बवाल और अब उसके अंत्येष्टि पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पीड़िता के अंतिम संस्कार में भी राजनीतिक रंग चढ़ता हुआ नजर आया। भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि पीड़िता का अंतिम संस्कार बड़े ही चुपचाप तरीके और आनन फानन से कर दिया गया। 13 दिन से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही लड़की के शव के अंतिम संस्कार में महज कुछ घंटे का समय ही व्यय किया गया। इस बात से नाराज लड़की के माता-पिता ने पहले तो बेटी को मुखाग्नि देने से इन्कार कर दिया था। उनका मानना था कि उनकी बेटी का अंतिम संस्कार पूरे रीति रिंवाज के साथ नहीं किया गया। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लड़की के परिजन सरकार से काफी नाराज थे। हालांकि कांग्रेस सांसद महाबल मिश्रा ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसकी अंत्येष्टि पूरे रीति रिवाजों के साथ की गई।

गौरतलब है कि रविवार सुबह 6.30 बजे शमशान भूमि ले जाते ही युवती के शव को चिता पर रख दिया गया। हालांकि परिजनों के विरोध के बाद 7.30 बजे चिता को आग दी गई। इस दौरान इलाके में दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण और आईजीआई जिले के आला पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी मुस्तैद थे। इस मौके पर वहां पूरे वक्त सासंद महाबल मिश्रा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, विधायक जगदीश मुखी, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति के अध्यक्ष राजेश गहलौत सहित हीरा मिश्रा इत्यादि मौजूद थे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़िता का परिवार कांग्रेस सरकार से नाराज है। वहीं कांग्रेस सांसद महाबल मिश्रा का कहना है कि अंतिम संस्कार पूरी तरह शांति से हुआ और परिजनों को किसी से कोई शिकायत नहीं है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को मृतका की याद में शोकसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

सामूहिक दुष्कर्म की शिकार फिजियोथैरेपिस्ट युवती के शव को रविवार तड़के सिंगापुर से दिल्ली लाया गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने उसे एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि दी। बाद में मेंदाता की एंबुलेंस में रख शव को भारी सुरक्षाबलों के साथ युवती के निवास स्थान महावीर एंक्लेव पार्ट-दो लाया गया। हंगामे की आशंका के तहत कालोनी में पहले से ही भारी बैरिकेटिंग की हुई थी। वहीं वहां भारी संख्या में दिल्ली पुलिस सहित बीएसएफ व रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया था। एक घंटे कालोनी में रखने के बाद सुबह छह बजे आनन-फानन में युवती के शव को द्वारका सेक्टर 24 स्थित शमशान घाट ले जाया गया। वहां अधिकारियों के निदेश पर तुरंत चिता सजा आग देने को कहा जाने लगा। लेकिन जब परिजनों ने बगैर सूरज उगे चिता जलाने से इंकार कर दिया तो उन्हें झुकना पड़ा। इसके बाद 7.30 बजे पिता ने युवती की चिता में आग लगाई। इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित शमशान भूमि पहुंच युवती के परिजनों के दुख बांटे।

एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक सिंगापुर से एयर इंडिया का विमान संख्या एवन-380 युवती का शव लेकर रविवार तड़के 3.30 बजे आईजीआई एयरपोर्ट उतरा। इसी बीच वहां काफिले के साथ प्रधानमंत्री व सोनिया गांधी भी पहुंचे। एयरफोर्स स्टेशन पालम के रास्ते दोनों एयरपोर्ट के अंदर गए तथा दोनों वहां तकरीबन 30 मिनट तक रहे। प्रधानमंत्री के काफिले के निकलते ही एयरपोर्ट के स्टील गेट से युवती के शव को परिजनों सहित सुबह 4.30 बजे महावीर एंक्लेव लाया गया। युवती के शव के साथ पुलिस व अन्य एजेंसियों की दो दर्जन गाडियां सहित सुरक्षाबल से भरी दो बसें साथ चल रही थीं। उधर पुलिस ने शनिवार रात को ही कालोनी में जगह-जगह बैरिकेडिंग कर वहां कर्मियों को तैनात कर दिया था। स्थिति यह थी मुख्य रोड से अंदर पैदल व्यक्ति को भी नहीं जाने दिया जा रहा था। नतीजतन पीड़ित युवती के पड़ोसी तक उसका अंतिम दर्शन नहीं कर पाए।

इस बात को लेकर कालोनीवासियों में पुलिस के प्रति काफी गुस्सा था। डेढ़ घंटे युवती के शव को उसके घर पर रखने के बाद तकरीबन छह बजे आयुष्मान अस्पताल की एंबूलेंस से शव को द्वारका सेक्टर 24 स्थित शमशान भूमि ले जाया गया। पूरे पांच किलोमीटर लंबे रास्ते में भी पुलिस बल की भारी तैनाती सहित जबरदस्त बैरिकेटिंग की गई थी। शमशान भूमि जाने वाले मुख्य रास्ते को छोड़कर सभी रास्तों को बंद कर दिया गया था। हर 100 मीटर पर एक पुलिसकर्मी तैनात था। शमशान भूमि के अंदर भी सिर्फ परिजन, पड़ोसी व अधिकारियों को प्रवेश करने दिया जा रहा था। वहां भारी तादाद में दिल्ली पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स के जवान तैनात थे।

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