रक्तदान अमृत महोत्सव’ के दौरान ढाई लाख लोगों ने रक्त दान किया: स्वास्थ्य मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर से शुरू हुए 15 दिवसीय रक्तदान अभियान के दौरान ढाई लाख से अधिक लोगों ने रक्तदान किया। इस अभियान को रक्तदान अमृत महोत्सव का नाम दिया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के मौके पर एम्स, दिल्ली में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ की सफलता ने मानवता को और मजबूत किया है। लोगों द्वारा किए गए रक्तदान से कई कीमती जिंदगियां बचाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि रक्तदान एक नेक काम है। उस दौरान उन्होंने सभी को रक्तदान करने का संकल्प भी कराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर हमारी समृद्ध संस्कृति-सेवा और सहयोग की परंपरा को देखते हुए आइए हम सभी किसी और के लिए नियमित रूप से रक्तदान करने का संकल्प लें। कोविड-19 से लड़ाई में भारत की प्रतिक्रिया लोक भागीदारी की समृद्ध परंपरा से प्रेरित थी। इसी ने हमें महामारी से बचाव का प्रबंधन करने का रास्ता दिखाया और दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण अभियान का नेतृत्व किया।

उन्होंने आगे कहा कि रक्तदान अमृत महोत्सव का उद्देश्य रक्तदान, रक्त वितरण और रक्त प्रबंधन था। इसने नियमित रूप से गैर-पारिश्रमिक स्वैच्छिक रक्तदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद की है। साथ ही यह सुनिश्चित किया है कि रक्त या इसके घटक जैसे लाल रक्त कोशिकाएं, प्लाज्मा या प्लेटलेट्स उपलब्ध, सुलभ, किफायती और सुरक्षित हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रीे मनसुख मंडाविया ने इस कार्यक्रम में अनुकरणीय काम करने वाले स्वैच्छिक रक्त दाताओं और असाधारण काम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सम्मानित किया। साथ ही दुर्लभ रक्त समूह दाताओं, नियमित एकल दाता प्लेटलेट दाताओं, महिला रक्त दाताओं और नियमित स्वैच्छिक रक्त दाताओं को भी सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि एक यूनिट में 350 मिलीलीटर रक्त होता है। 2021 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक रक्त आवश्यकता लगभग 1.5 करोड़ यूनिट है। भारत में हर दो सेकेंड में एक मरीज को खून की जरूरत होती है और हर तीन में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में खून की जरूरत होगी। वहीं, एक व्यक्ति के शरीर में पांच से छह लीटर रक्त होता है। साथ ही वह हर 90 दिनों में रक्तदान कर सकता है।
जरूरत पड़ती है।
डॉ मांडविया ने बताया कि एक व्यक्ति के शरीर में पांच-छह लीटर खून होता है और वह हर 90 दिन में रक्त दान कर सकता है।
मानव शरीर बहुत तेजी से खून की कमी को पूरा कर सकता है, जैसे कि रक्त प्लाज्मा की मात्रा की पूर्ति 24 से 48 घंटों में हो जाती है, लाल रक्त कोशिका की कमी करीब तीन हफ्ते में हो जाती है, जबकि श्वेत रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की कमी कुछ मिनट के अंदर पूरी हो जाती है।

एकत्र किये गये खून का जीवन काल 35 से 42 दिन होता है। एकत्र रक्त का प्रसंस्करण इसके तत्वों प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिका और प्लेटलेट्स में किया जाता है।
बर्फ की मदद जमाये गये प्लाज्मा का इस्तेमाल एक साल तक किया जा सकता है, लेकिन लाल रक्त कोशिका का इस्तेमाल 35 से 42 दिन तक हो सकता है।
इसी तरह प्लेटलेट्स का इस्तेमाल पांच दिन के अंदर तक कर सकते हैं।
कार्यक्रम में डॉ अतुल गोयल, डीजीएचएस और एम्स निदेशक डॉ एम श्रीनिवास भी उपस्थित थे।

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