सिग्नेचर ग्लोबल ने मिड-इनकम और सस्टेनेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स के माध्यम से जुटाए 875 करोड़ रुपये

नई दिल्लीअक्टूबर 2025: सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड, जो देश के अग्रणी रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक है, ने घोषणा की है कि उसने वर्ल्ड बैंक समूह की सदस्य संस्था इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) से 875 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह राशि गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (एनसीडी) जारी कर निजी आवंटन के जरिये जुटाई गई है।

कंपनी इस राशि का उपयोग मिड-इनकम और सस्टेनेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के विकास के लिए करेगी। जुटाई गई धनराशि का एक हिस्सा मौजूदा ऋण को कम करने में भी उपयोग किया जाएगा।

इन गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स को केयरएज रेटिंग्स द्वारा ‘ए प्लस’ रेटिंग दी गई है और इन्हें पहले ही बीएसई पर सूचीबद्ध किया जा चुका है। यह सिग्नेचर ग्लोबल की पहली लिस्टेड डेट ट्रांजैक्शन है, जिससे कंपनी की कैपिटल मार्केट में उपस्थिति और मजबूत हुई है।

एनसीडी की अवधि 3 वर्ष, 2 माह और 30 दिन है, और यह 15 जनवरी 2029 को मेच्योर होंगी।

कंपनी की पहली डेट रेजिंग एक्सरसाइज पर प्रकाश डालते हुए, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन श्री प्रदीप अग्रवाल ने कहा, “शुरुआत से ही हम ग्राहक संतुष्टि, समय पर डिलीवरी और पारदर्शिता जैसे मूल स्तंभों पर केंद्रित रहे हैं। आईएफसी जैसी प्रतिष्ठित संस्था का हम पर भरोसा हमारे विजन और कार्यशैली की पुष्टि करता है। हम आईएफसी के प्रति आभारी हैं कि उन्होंने सिग्नेचर ग्लोबल ग्रुप पर अपना विश्वास जताया। एक पर्यावरण-सचेत डेवलपर के रूप में, सिग्नेचर ग्लोबल उच्च-गुणवत्ता वाले, सस्टेनेबल मिड-इनकम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स विकसित करने और सभी भविष्य की परियोजनाओं में मजबूत ईएसजी मानकों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

भारत में तीव्र शहरीकरण गुणवत्तापूर्ण आवास तक पहुंच बढ़ाने का अवसर प्रस्तुत करता है। अनुमान है कि केवल टियर-1 और टियर-2 शहरों में ही 1.8 करोड़ अतिरिक्त आवास इकाइयों की आवश्यकता होगी, जबकि 2022 से 2027 के बीच लगभग 30 लाख और इकाइयों की जरूरत होगी।

निवेश पर टिप्पणी करते हुए, आईएफसी के रीजनल डिवीजन डायरेक्टर फॉर साउथ एशियाश्री इमाद एन. फखौरी ने कहा, “आवास भारत की प्रगति का एक मूल स्तंभ है, और इसकी पहुंच का विस्तार समावेशी विकास के लिए एक अवसर और आवश्यकता दोनों है। सिग्नेचर ग्लोबल के ‘दक्षिण’ प्रोजेक्ट में आईएफसी के निवेश के माध्यम से, जो हमारे लंबे समय से भागीदार हैं, हम जरूरतमंद परिवारों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले मिड-इनकम घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखते हैं। यह साझेदारी रोजगार सृजन और बाज़ार प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के साथ-साथ कंपनी की सस्टेनेबिलिटी रणनीति को भी मजबूत करेगी। हम मिलकर भारत के तेजी से विकसित होते शहरों में मजबूत शहरी अवसंरचना और सशक्त समुदायों के निर्माण में योगदान दे रहे हैं।”

आईएफसी, कंपनी की सस्टेनेबिलिटी रणनीति को और बेहतर बनाने के लिए ग्रिप (ग्रीनिंग रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियोज़) एडवाइजरी सपोर्ट प्रदान करेगा और दक्षिण प्रोजेक्ट को एज (एक्सीलेंस इन डिज़ाइन फॉर ग्रेटर एफिशेंसीज़) एडवांस्ड सर्टिफिकेशन हासिल करने में मदद करेगा — जिसे यूरोपीय संघ द्वारा एक्सेलरेटिंग क्लाइमेट-स्मार्ट ऐंड इन्क्लूसिव इंफ्रास्ट्रक्चर इन साउथ एशिया  प्रोग्राम के तहत समर्थन प्राप्त है।

सिग्नेचर ग्लोबल के अब तक 17 प्रोजेक्ट्स एज प्रमाणित हैं, जो इसे भारत के रियल एस्टेट उद्योग में ग्रीन बिल्डिंग प्रतिबद्धता के मामले में शीर्ष डेवलपर्स में स्थान दिलाता है। कंपनी की ईएसजी प्रतिबद्धताओं को हाल ही में ग्लोबल रियल एस्टेट सस्टेनेबिलिटी बेंचमार्क (जीआरईएसबी) द्वारा मान्यता मिली, जिसमें कंपनी ने अपनी पहली एंट्री में 84 अंक प्राप्त किए और वैश्विक स्तर पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले नए प्रतिभागियों में शामिल हुई।

वित्त वर्ष 2024-25 में, कंपनी बिक्री बुकिंग के आधार पर देश की पांचवीं सबसे बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट डेवलपर के रूप में उभरी। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने 10,290 करोड़ रुपये की प्री-सेल्स हासिल की और वर्तमान वित्त वर्ष में 12,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।

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