जागरूकता और रोकथाम ही एड्स से बचने का उपचार है – डॉ एम के जैन

   विदिशा । होटल ग्रैंड अशोक में आईएपी एवं आईएमए द्वारा आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए आईएपी विदिशा के अध्यक्ष एवं आईएमए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ एम के जैन ने बताया कि एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने, वायरस से पीड़ित लोगों को सपोर्ट करने और एड्स से जुड़ी बीमारियों से जान गंवाने वालों को याद करने के लिए प्रति वर्ष एक दिसंबर को पूरी दुनिया में 1988 से आयोजित किया जा रहा है।
         विश्व एड्स दिवस की इस वर्ष की थीम एड्स नियंत्रण में आ रही बाधाओं को पार करना, एड्स रिस्पॉन्स को बदलना,है ताकि 2030 तक एड्स को नेस्तनाबूद  करने के लिए लगातार ग्लोबल सहयोग और मानवाधिकार-केंद्रित तरीकों की ज़रूरत पर ज़ोर देती है।
     एड्स नियंत्रण हेतु जागरूक होकर सरकार और समाज को साथ मिलकर काम करना होगा।आईएपी के सचिव डॉ सुरेंद्र सोनकर ने कहा कि कमज़ोर आबादी के लिए बीमारी के बारे में लोगों को शिक्षित करने में प्रगति के बावजूद, सामाजिक कलंक और टैबू अभी भी मौजूद हैं, जिससे एचआईवी ट्रांसमिशन, रोकथाम, इलाज, और संक्रमित लोगों के खिलाफ कलंक और भेदभाव से लड़ने के बारे में जागरूकता बढ़ाना ज़रूरी हो जाता है।
      आईएपी एवं आईएमए के वरिष्ठ सदस्य डॉ आकाश जैन ने कहा कि आज मध्य प्रदेश में लगभग 70000 इस समस्या से ग्रसित है और इंजेक्शन के द्वारा नशे की लत और समलैंगिक यौन संवन्धों के कारण 15-35 वर्ष के युवा एड्स की चपेट में आ रहे है । आईएमए की वरिष्ठ सदस्य एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति जैन ने बताया कि एड्स जागरूकता वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड नेशंस द्वारा स्थापित पहला ग्लोबल हेल्थ दिवस घोषित किया गया है ।
           एड्स मतलब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में लगातार कमी होते जाना और उसके कारण सामान्य से सामान्य बीमारी भी विकराल रूप धारण कर अनायास मौत के आग़ोष में जाने को मजबूर कर देती है ।आईएपी के सदस्य डॉ हेमंत यादव ने बताया कि एड्स एक जानलेवा ख़तरनाक बीमारी है जोकि एचआईवी वाइरस से फैलती है और यह वाइरस मुख्यतः अनैतिक योंन संबंधो , प्रदूषित रक्त लेने या देने से , प्रदूषित सुई या नाक कान छेदने के , प्रदूषित  ब्यूटी पार्लर उपकरणो, प्रदूषित उपकरणो से टैटू बनवाने या फिर किसी भी तरह के अन्य प्रदूषित उपकरणो के उपयोग करने से  या संक्रमित माता से उनके होने वाले बच्चों को फैलने का ख़तरा हमेशा बना रहता है और जागरूकता और बचाव ही इसका उपचार माना गया है और यह वक़्त की ज़रूरत भी है।

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!