बाड़मेर 13 जून
खेताराम भील हत्या प्रकरण में न्याय को लेकर धरना बारहवें दिन जारी रहा। दलित आदिवासी संघर्ष समिति बाड़मेर के जिला संयोजक दानाराम वाघेला ने बताया कि खेताराम भील हत्याकाण्ड में पुलिस दबाव व दुर्भावना से कार्य कर रही है जिले के पुलिस अधिक्षक डॉ. गगनदीप सिंगला के जब से बाड़मेर पदस्थापन हुआ तब से दलितों पर जुर्म के मामले में बढोतरी हुई है और हर एक गंभीर दलितों पर अत्याचार के प्रकरणों में पुलिस अधिक्षक ने भेदभाव व अन्याय करने का कार्य किया और दलितों पर होने वाले प्रकरणों में जान बूझकर देरी की और अपने ही अधीनस्थ अधिकारियों से मुलजिम पक्ष के आग्रह व सता पक्ष के नेताओं के ईषारों पर जांचे बदली और अपराधियों को पूरा संरक्षण दिया जिसकी बदौलत आज दलितों पर हुए गंभीर अपराधों की जांच की फाईले एक वर्ष से जांचे जारी है और नामजद अपराधी एवं जांच में दोषी पाये गये अपराधी खुले में घुम रहे है।
दानाराम वाघेला ने कहा कि पुलिस हमारे सयंम की परिक्षा ले रही है और पीडि़त विधवा महिला और वृद्ध मां बाप के इकलौते पुत्र की हत्या पर कतई गंभीर नहीं है। पुलिस प्रषासन ने इस दलित आदिवासी संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों को एक बार ही वार्ता के लिए नहीं बुलाना प्रषासन व पुलिस की नियत को जाहिर करती है लेकिन पुलिस प्रषासन को चेतावनी देते है कि यह आन्दोलन पूरे प्रदेष मे शुरू करके दलित आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ताओं का बाड़मेर दौरा होगा और प्रषासन व पुलिस की नींद उड़ायेगें और अपराधियों को जैल भिजवा कर दम लेगें।
संयोजक दानाराम वाघेला ने बताया कि दलित ठेकेदार बाबूलाल मेघवाल को नगर परिषद के चौयरमैन लूणकरण बोथरा व अधिनस्थ कार्मिकों में प्रताडि़त किया और नगर परिषद में भ्रष्टाचार से तंग आकर बाबूलाल ठेकेदार ने आत्महत्या की। यह उसके स्वयं के हस्तलिखित सुसाईड नोट से प्रमाणित है। 20 मई को आत्महत्या के बाद मिले सुसाईड नोट का मुकदमा दर्ज होने के 24 दिन बाद एक भी मुलजिम को गिरफ्तार नहीं किया है।
भील समाज जिलाध्यक्ष भूराराम भील ने बताया कि कल बाबूलाल ठेकेदार प्रकरण की जांच कर रहे पुलिस उप अधिक्षक ओपी उज्जवल से मूलाराम मेघवाल, उदाराम मेघवाल, भागूराम मंसूरिया, के आर मेघवाल, वगताराम मंसूरिया, लाभूराम पंवार, मिले और बाबूलाल प्रकरण में कार्यवाही के बारे में बात की तो जांच अधिकारी ने प्रकरण दर्ज होने के 24 दिन बाद भी किसी प्रकार का जवाब न देकर जांच चल रही है। अभी कुछ नहीं कह सकता हॅू। इस प्रकार महिना पुरा होने पर भी पुलिस दलितों के हत्या व आत्महत्या करने को मजबूर करने के प्रकरणों में कतई गंभीर नहीं है।
खेताराम भील प्रकरण में बड़ी संख्या मंे धरणार्थी मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओपी विष्नोई से मिलकर ज्ञापन सौंपा और कार्यवाही की मांग की। एवं जिला पुलिस अधिक्षक द्वारा मिडिया में दिये गैर जिम्मेदाराना बयान की निंदा की व नाराजगी जाहिर की। धरने व ज्ञापन देने में पूर्व प्रधान षिव उदाराम मेघवाल, भील समाज जिलाध्यक्ष भूराराम भील, पेमाराम जैसलमेर, वगताराम मंसूरिया, पार्षद सोहनलाल मंसूरिया, चूनाराम चाडी, मगाराम बंधड़ा, भगवानाराम बंधड़ा, राजूदास महाराज, दीपक भील बंधुआ मुक्ति मोर्चा नई दिल्ली, सोनाराम, धोकलाराम पतरासर,, वेेदाराम, रिड़मलराम, बंधुआ मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष कैलाष रावत, लाभूराम पंवार, गुलामराम बाहला, बीरबलराम बंधड़ा व मृतक की पत्नी माता पिता व मासूम बच्चों सहित बड़ी संख्या में दलित लोग उपस्थित रहे।
दानाराम वाघेला
जिला संयोजक
दलित आदिवासी संघर्ष समिति बाड़मेर
मो. 8094324122