बीकानेर, 4 अगस्त। राजुवास के पशुधन चारा संसाधन प्रबंधन एवं तकनीक केन्द्र एवं उप निदेशक (कृषि) एवं आत्मा परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में जिले के कृषकों का वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम वेटरनरी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को संपन्न हुआ। इस दो दिवसीय संवाद में जिले के 25 कृषक-पषुपालकों के साथ वेटरनरी विश्वविद्यालय के 8 वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इस दौरान कृषकों व पशुपालकों की क्षेत्रीय समस्याओं की जानकारी प्राप्त की गई जिसके अनुसंार अनुसंधान परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा। शुक्रवार को समापन समारोह के मुख्य अतिथि वेटरनरी विश्वविद्यालय के पी.एम.ई. निदेशक प्रो. आर.के. सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। प्रो. सिंह ने कहा कि यह संवाद एक विशिष्ट प्रकार का कार्यक्रम है जिससे कृषकों और पशुपालकों की समस्याओं के मद्देनजर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्र के मुख्य अन्वेषक और प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया ने बताया कि संवाद कार्यक्रम के दीर्घकालीन लाभ किसानों और पशुपालकों को मिलेंगे। प्रो. धूड़िया ने बताया कि सभी किसानों और पशुपालकों की रोजमर्रा की समस्याओं के वैज्ञानिक समाधान और सलाह के लिए राजुवास द्वारा वाईस मैसेज सेवा, टोल-फ्री हैल्प लाइन और रेडियो कार्यक्रम सुविधाएं चालू की गई हैं जिसका फायदा उन्हें उठाना चाहिए। संवाद कार्यक्रम के दूसरे दिन सभी संभागियों ने वेटरनरी विश्वविद्यालय के शल्य चिकित्सा विभाग, औषधीय विभाग, डेयरी, पोल्ट्री में पशुचिकित्सा और वैज्ञानिक पशुपालन के कार्यों को देखा और जानकारी प्राप्त की। उन्होंने राजुवास तकनीकी म्यूजियम और सजीव पशु-पक्षी म्यूजियम का भी अवलोकन किया। दूसरे दिन डॉ. प्रवीण बिश्नोई, डॉ. राजेश नेहरा, और डॉ. दीपिका धूड़िया ने संवाद कार्यक्रम में शिरकत की।
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