बीकानेर, 5 जनवरी। पूर्व मंत्री तथा किसान नेता स्व. भीमसेन चौधरी की 95वीं जयंती के अवसर पर शनिवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के भीमसेन चौधरी किसान गृह में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
इस दौरान स्व. भीमसेन चौधरी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा ने कहा कि स्व. चौधरी सदैव किसानों की खुशहाली एवं समृद्धि के लिए प्रयासरत रहे। उन्हें किसानों एवं पशुपालकों की समस्याओं की गहरी समझ थी। ऐसे व्यक्तित्व के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
एसकेआरएयू के भू-सदृश्यता एवं राजस्व सृजन निदेशक डाॅ. सुभाष चंद्र ने कहा कि स्व. भीमसेन चौधरी में नेतृत्व के नैसर्गिक गुण थे। उन्होंने सरपंच के रूप में अपने राजनैतिक कॅरियर की शुरूआत की तथा मंत्री बनने के बावजूद वे सदैव आमजन के बीच रहे। युवाओं को उनके आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।
किसान गृह के प्रभारी डाॅ. रामधन जाट ने कहा कि स्व. चौधरी ने आजादी के आंदोलन में भूमिका निभाई। सन् 1952 में बीकानेर तहसील के प्रथम प्रथम सरपंच बने। उनके लिए राजनीति सदैव जनसेवा का माध्यम रही। आज के दौर में उनके सिद्धांत सर्वाधिक प्रासंगिक हैं।
इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशालय के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।