विभिन्न प्रान्तों के सन्त महात्माओं के सानिध्य प्रभात फेरी निकाली

news perabhta farinews 8अजमेर। गोवत्स श्री राधाकृष्ण जी महाराज की सद्प्रेरणा एवं सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी षिव ज्योतिषानन्द जी महाराज के पावन सानिध्य में गत पांच वर्ष सके चल रही प्रभात फेरी आज दिनांक 8.12.14 सोमवार को विभिन्न प्रान्त से पधारे सन्त महात्माओं के सानिध्य में निकाली गई। आज प्रभात फेरी में राष्ट्रसंत स्वामी श्री गोविन्दानन्द गिरि जी, स्वामी डॉ. स्वामी केषवानन्द जी (बीकानेर) एवं स्वामी नवयात्रा गिरी जी महाराज उपस्थित रहे। आज प्रभात फेरी के पश्चात श्रीलक्ष्मी नारायण हटुका के निवास पर प्रभात फेरी का विश्राम सन्त सम्मेलन के रूप में हुआ। इस अवसर पर आंजने योग आश्रम सालासर के सन्त श्री गोविन्दानन्द गिरि जी ने प्रभात फेरी की महिमा बताते हुये, प्रभात फेरी को प्रकृति एवं परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ सेवा बताया! प्रभात फेरी में नित्यप्रति साधना करने वाले साधक भगवान के ही पार्षद है। प्रभात फेरी में जाना अति उत्तम है लेकिन प्रभात फेरी में जाने वाले के दर्षन से भी सुख की प्राप्ति होती है। स्वामी जी ने गज एवं ग्राह के बारे में बताते हुये कहा कि भगवान तो गज को बचाने आये थे और ग्राह को पहले मुक्त कर दिया ग्राह का तो पहले कल्याण हुआ बाद में गज का, अर्थात भक्त की सेवा करने चाहे किसी भी भाव से हो, योग साधना नाम सर्किंतन, मंत्रजाप, सेवा, परोपकार चाहे किसी भी समय हो किसी भी स्थान पर हो, और चाहे किसी भी भाव से की गई हो सत्व फलित होती है अैर उत्तम परिणाम ही देती है। स्वामी जी ने विधर्म, परधर्म, आभास, उपमा एवं छल इन पांच प्रकार के पाप जो श्री मद भगवद में बताये हैं कि व्याख्या की ओर इनसे दूर रहते हुये जीवन को आनन्द के साथ जिने का सन्देष दिया!
इस अवसर पर बीकानेर से पधारे संत डॉ. केषवानन्द जी महाराज ने गुरू की महिमा बताते हुये कहा कि अपने गुरू को वेदव्या जी महाराज एवं दत्तात्रेय के रूप में ही मानना चाहिये वेदव्यास जी के चार मुख नहीं है फिर भी वो ब्रह्मा हैं एवं चार भुजा नहीं होते हुये भी गुरू विष्णु है अतः गुरूमंत्र की साधना सदैव करनी चाहिये। उन्होंने कहा की माता-पिता, संत, गुरू, गऊमाता, दीन, दुखी की सेवा में भगवान भी साक्षात् सेवा है। लेकिन सबसे पहले परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निष्ठा, लगन एवं प्रेम से पूरी करने के पष्चात् यही आप भगवान, गुरू एवं संत की सेवा करते हों तभी सेवा फलित होगी और आनन्द भगवान प्रसन्न एवं मोक्ष एवं कल्याण भी प्राप्त होगा।
उपरोक्त अवसर पर प्रभात फेरी परिवार के श्री लक्ष्मीनारायण जी हटुका, उमेष गर्ग, बृजेष मिश्रा, गोकुल अग्रवाल, अषोक अग्रवाल, रामरतन छापरवाल, रमेष मित्तल, सत्यनारायण नारियल वाले, दिनेष परनामी, श्यामसुन्दर बंसल, महेष शर्मा, आलोक महेष्वरी, कैलाष जोषी, शान्तिलाल अग्रवाल सहित आश्रम के आचार्य एवं वेदपाठी बालकों सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
उमेष गर्ग
9829793705

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