जिला प्रमुख ने लगाई राजगढ़ धाम पर धोक

Ajmer jila Parmukh 01 (1)निकटवृति गांव राजगढ़ स्थ्ति श्री मसाणिया भैरव धाम पर नव निर्वाचित जिला प्रमुख वन्दना नोगीया ने पहुच कर बाबा भैरव नाथ व मां कालिका  के दर्षन किये व गुरूदेव श्री चम्पालाल जी महाराज से भी आषिर्वाद लिया । धाम की और से नव निर्वाचित जिला प्रमुख का भव्य स्वागत किया गया । जिला प्रमुख ने कहा कि गुरूदेव श्री चम्पालाल जी महाराज के द्वारा जो धाम पर नषा मुक्ती का अभियान चलाया जा रहा है और अब तक लाखो की संख्या में इस धाम पर श्रद्वालु नषा मुक्त हुए है जो कि समाज के कल्याण के लिये पुनीत कार्य है, और मुझे जनता की सेवा के लिये जो जिम्मेदारी मिली है उसे मे बाबा भैरव नाथ व मंा काली के आषिर्वाद ने पूरा करूगीं और कभी जी जनता को निराष नही होने दुंगी। जिला प्रमुख ने स्वचछ भारत के अभियान के तहत भैरव धाम पर आने वाले श्रद्वालुओ के लिये षुलभ षौचालय की घोषणा भी करी जिसके धाम प्रषासन की और से जिला प्रमुख का धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया। महाराज ने आये हुये श्रद्वालुओ को स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिये भी प्रेरित किया और कहा कि आज हर इंसान धन को दान करने की होड़ में लगा रहता है क्योकि उसे पता है कि धन का दान करने से उसका नाम रोषन होगा लेकिन वो ये नही समझ पाता की धन के दान से बड़ा होता है रक्तदान । रक्त का दान करने से षरीर में रक्त की कमी नही होती है नया रक्त बन जाता है। महाराज ने कहा कि जब बाबा आपका मात्र एक चिमटी के सेवन से सारे असाध्य रोगो का निवारण करते है और कर सकते है तो क्या एक इंसान अपना रक्त दान करके दूसरे इंसान का जीवन नही बचा सकता। चम्पालाल महाराज ने कहा कि नषा नाष का कारण एवं नषा आपराध करी जड़ है,नषे से परिवार बिगड़ता है। रविवार को धाम पर पहुँचे करीब 20 हजार श्रद्वालुओ मे से लगभग 3000 श्रद्वालुओ ने स्वेच्छा से नषे का त्याग किया। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का संदेष दिया और कहा कि आज के इस कलियुग में सम्पूर्ण मनुष्य जाती को मां चाहिए,बहिन चाहिए,पत्नि चाहिए तो बेटी क्यो नही चाहिए। उन्होने कहा कि बेटी भाग्य विधाता से अपना भाग्य स्वयं लिखाकर लाती है,चूकि बेटी लक्ष्मी का रूप होती है और लक्ष्मी को किसी की पहचान और सहारे की जरूरत नही वह स्वय अपने आप मे ही पर्याप्त होती है। साथ ही पर्यावरण की दृष्टी से आये हुये श्रद्वालुओ वृक्षारोपण के लिये भी प्रेरित किया। महाराज ने बालविवाह को रोकने का भी सन्देष दिया एवं गौ रक्षा के लिये सभी केा प्रेरिति किया।

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