चन्द्रप्रभ जी का राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम पर प्रवास

azआज रविवार दिनांक 11 जुलाई 2015 को राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम पर देष-प्रदेष से आए हजारों श्रद्धालुओं ने मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा कर माँ काली व भैरव बाबा से अपने कष्टों के निवारण हेतु प्रार्थना की। श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शनिवार दिनांक 10 जुलाई 2015 से ही हो गया था।
प्रातः 7.00 बजे महान जीवन-दृष्टा पूज्य श्री चन्द्रप्रभ जी का राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम पर आगमन हुआ। गुरूदेव श्रीचम्पालाल जी महाराज ने माँ काली, भैरव बाबा व मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की पूजा-अर्चना की तथा गुरूदेव श्री चम्पालाल जी महाराज ने आए हुए श्रद्धालुओं को आषीर्वचन दिए।
महान जीवन-दृष्टा पूज्य श्री चन्द्रप्रभ जी ने अपना उद्बोधन ‘सौंप दिया है ये जीवन, भगवान तुम्हारे हाथों में’ भजन से करते हुए आए हुए सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम पर भैरव जागृत अवस्था में विराजमान हैं जो आए हुए सभी मनुष्यों के सभी रोग, शोक व संकट समाप्त करते हैं। उन्होंने आष्चर्य करते हुए आए हुए सभी श्रद्धालुओं से कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी ऐसा अनूठा धाम नहीं देखा जहां पर आए हुए भक्तों से किसी भी प्रकार का दान या चढ़ावा स्वीकार किया जाता हो। उन्होंने श्री चम्पालाल जी महाराज की प्रषंसा करते हुए कहा कि अपने निजी स्वार्थ को त्याग करना इस युग में मनुष्य का सबसे बड़ा त्याग है और श्री चम्पालाल जी महाराज बिना दान या चढ़ावा लिए जिस प्रकार से आए हुए श्रद्धालुओं की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं वह वर्तमान समय में अनूठी व अनोखी सेवा है। श्री चन्द्रप्रभ जी ने आए हुए सभी भक्तों से कहा कि वे स्वयं आज के बाद जिस किसी भी धर्मस्थल पर जाएंगे वहां रखे हुए दानपात्र को हटाने का प्रयास करेंगे जिससे उस धर्मस्थल पर आए हुए भक्तों से किसी भी प्रकार का दान या चढ़ावा नहीं लिया जा सके।
श्री चन्द्रप्रभ जी ने सभी भक्तों को कहा कि इस जागृत भैरव धाम पर आकर वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि गुरूदेव श्री चम्पालाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से बिना किसी चन्दे-चढ़ावे को स्वीकार कर आए हुए सभी भक्तों के कष्टों को समाप्त कर मानवजगत का कल्याण कर रहे हैं। उन्होंने श्री चम्पालाल जी महाराज का गुणगान करते हुए कहा कि मसाणिया भैरव धाम पर जो नषामुक्ति का महाअभियान श्री चम्पालाल जी महाराज चला रहे हैं वह आज सभी समाज के व्यक्तियों के लिए आदर्ष का संदेष है। श्री चन्द्रप्रभ जी ने कहा कि शराब के सेवन से मनुष्य के दांत से लेकर आंत तक शरीर के सभी अंग खराब हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि शराब करता है पूरे परिवार को खराब। उन्होंने इस धाम के नषामुक्ति महाअभियान में अपना योगदान देते हुए स्वयं को धन्य माना और आए हुए भक्तों को नषा, गुंडागर्दी, चोरी आदि बुराईयों के बारे में बताते हुए इन बुराईयों को छुड़ाने का संकल्प दिलाया।
श्री चन्द्रप्रभ जी इस धाम पर चल रहे कन्या भ्रूण हत्या रोकने के अभियान को आज के समाज की प्रमुख आवष्यकता बताते हुए सभी श्रद्धालुओं से कहा कि कन्या भ्रूण हत्या ऐसा महापाप है जिसका किसी भी तरह प्रायष्चित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बेटी है हमारा सम्मान, बेटी है हमारा वरदान, जहाँ बेटियाँ लेती है जन्म, वो घर स्वर्ग समान।
xcउन्होंने आए हुए भक्तों के लिए प्रषासन द्वारा किए जा रहे सुरक्षा, चिकित्सा व्यवस्था को नाकाफी बताया व असंतोष जताया।
प्रषासन से किया आह्वान: महान जीवन-दृष्टा पूज्य श्री चन्द्रप्रभ जी ने अपने प्रवास के दौरान राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम पर देष-प्रदेष से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रषासन द्वारा किए जा रहे इंतजामों की कमियों पर निराषा जाहिर की।
भगदड़ मची: आज रविवार को राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम पर पर्याप्त पुलिस जाब्ते की कमी के मद्देनजर हजारों की संख्या में आए हुए श्रद्धालुओं में भगदड़ मची जिससे कुछ भक्तगण चोटग्रस्त हो गए।

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