सनातन धर्म व देश की ध्वजा सदैव लहराते रहने का संकल्प ले -महंत हंसराम
अजमेर। आराध्य गुरू बाबा हरिराम साहिब जी एवं बाबा गंगाराम साहिब जी के वार्षिक वर्सी उत्सव के दूसरे दिन हरी शेवा धाम में नितनेम, पूजन, अर्चन व हवन हुआ। अखण्ड पाठ साहब व रामायण पाठ साहब भी प्रारम्भ हुए।
महंत हंसराम, मयाराम, राजाराम एवं बालक मण्डली ने गुरूओं का गुणगान करते हुए भजन ’’आओ मीत प्यारे, मंगल गाओ सारे’’ एवं ’’बाबा हरिराम साई हरि अवतार आई’’ प्रस्तुत किया। उन्होंने इस भजन में ईश्वर को मित्र मानकर उनका आव्हान किया गया है। जो पुत्र अपने पिता की बात बिना कहे जान ले वह देवतुल्य होता है। संगत से अपने ईश्वर के मन की बात जानकर उसके अनुकूल व्यवहार करने को कहा।
धर्मध्वजा के प्रसंग में उन्होंने कहा कि देश का झण्डा एवं धर्म का झण्डा सदैव लहराता रहना चाहिए। जिस स्थान पर धर्मध्वजा फहराती है, वहॉ कभी भी पापात्मा का प्रकोप नहीं होता है। धर्मध्वजा से व्यक्तियों के मन में पवित्रता का वास होता है। सनातन धर्मियों से धर्म व देश की ध्वजा सदैव लहराते रहे, ऐसा संकल्प लेने का आव्हान किया।
महंत स्वरूपदास अजमेर ने ’’ओ सचा सतगुरू शेवाराम साईं, मुहिंजी पारत थई प्यारा’’ महंत आत्मदास उज्जैन ने ’’मिखे याद पल-पल हरि आ हरि’’ सहित सांई अमरलाल (राजकोट), स्वामी श्यामदास (किशनगढ़), स्वामी गणेशदास (भीलवाड़ा), विजय मोहन शास्त्री (चित्तौड़), मदनलाल, चिरंजीलाल व अन्य ने भी भजन प्रस्तुत किये। उदासीन निर्वाण मण्डल के साधु संतो ने भी श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ दिया। आरती एवं अरदास होकर संतो-महात्माओं का भण्डारा सम्पन्न हुआ।
सांय 5.30 बजे धाम प्रांगण में संतो-महात्माओं के सान्निध्य में वैदिक मंत्रोच्चार एवं परम्परानुसार धाम प्रांगण में धर्मध्वजा चढ़ाई गई,। बैण्ड एवं भजन की धुनों पर श्रद्धालुगण नाच उठे। प्रसाद एवं ठण्डाई वितरित की गई। संतो-महात्माओं के प्रवचन हुए एवं गुरूओं की समाधि पर मनोकामनाऐं पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं द्वारा चादरें चढ़ाई गई। नितनेम, आरती, अरदास भण्डारा पश्चात् अजमेर, अहमदाबाद, उल्लासनगर की भगत मण्डलियों का सभी ने लाभ उठाया।
समारोह से अजमेर सिन्धी सेन्ट्रल महासमिति के अध्यक्ष नरेन शाहणी भग्त, सिन्धी समाज महासमिति के अध्यक्ष कवंल प्रकाश किशनाणी, भारतीय सिन्धु सभा के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, झूलेलाल मन्दिर चौरिसयावास रोड के सचिव प्रकाश जेठरा, ईसर भम्भाणी, शंकर सावलाणी, लक्ष्मण दौलताणी, दिलीप बूलचंदाणी, प्रकाश मूलचंदाणी सहित कई कार्यकर्ता भी सम्मिलित होकर संतों का आर्शीवाद प्राप्त किया एवं आगामी 24 जुलाई को होने वाले सिन्धी किताब विमोचन के लिए आमंत्रित भी किया।
मेले में नितनेम के अलावा प्रथम दिन रखे गये अखण्ड पाठों का भोग लगेगा एवं संतो-महात्माओं के प्रवचन-भजन होंगे तथा सांयकाल में बाहर से आई हुई भगत एवं सांस्कृतिक मण्डलियों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे।