सूरजपुरा /शंकर खारोल / अजमेर कोटा राजमार्ग पर स्थित पाच्या की निमडी चौराहे से प्रतापपुरा तक प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत निर्मित करीब ढाई किलोमीटर लम्बी डामर सडक क्षतिग्रस्त होने से राहगीरो व वाहन चालको के लिए परेशानी का सबब बन गई है।खस्ताहाल सडक पर घुमावदार मोड पर दोनो ओर खडे बबूल के वृक्ष यमदूत बनकर हादसो को न्यौता दे रहे है।ग्रामिणो ने सडक को दुरूस्त कराने व बबूल वृक्ष को मार्ग से हटाने की मांग की।ं
खस्ताहाल सडक की प्रशासन नही ली सुध
स्टेड हाइवे 26 पर स्थित पाच्या की निमडी चोराहा से प्रतापपुरा कस्बे तक प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत निर्मित दो किलोमीटर छ सौ मीटर की एक सौ इकतीस लाख की लागत की डामर सम्पर्क सडक बनी हुई है। उक्त सडक की गारन्टी अवधी पाच अप्रेल 2013 तक थी। गारन्टी अवधी के खत्म होने के बाद खस्ताहाल सडक की सार्जवनिक निर्माण विभाग द्वारा सुध लेने से सडक खस्ताहाल हो गई। उक्त मार्ग पर डामर के उखडने से सडक पर से गिट्टी बाहर निकलने लगी है। कई स्थानो पर बडे बडे खढडो मे तब्दील हो गया। जिससे वाहन चालको की वाहन पलटने या अन्य हादसा होने का भय सताता रहता है।
काश्तकारो ने खेत मे सिचाई के लिए खोदी सडक,
इसके साथ ही कुछ किसानो ने खेत मे पानी छोडने के लिए सडक खेदकर कनेक्शन ले लिए। किन्तु कनेक्शन लेने के बाद सडक को दुरू करान जरूरी नही समझा। जिससे सडक पर खढ्डो की तादाद बढ गई।ग्रामिणो ने ऐसे किसानो के खिलॉ कार्यवाही करने तथा मार्ग को दुरूस्त कराने की मांग की।
बबूल के वृक्ष बन रहे यमदूत, दिनोदिन बढ रहे है हादसे
उक्त मार्ग पर सडक के दोनो ओर बबूल के वृक्ष लगे हुए है।पेडो की कटाई छगाई नही होने से यमदूत बने हुए है। घूमावदार मोडो पर दोनो ओर खडे बबूल के पेडो से आमने सामने से आ रहे वाहन चालको का दिखाई नही देने से दुघर्टना घटित हाने की आंशका बनी रहती है। कई मोपेड वाहन चालक व राहगीर दुघर्टनाओ के शिकार होने के बाद भी जस की तस स्थिति बनी हुई है। ग्रामिणो ने विभागीय अधिकारियो को अवगत कराने पर समाधान नही होने से आक्रोश व्याप्त है।
